नई दिल्ली: वेस्ट दिल्ली के पटेल नगर थाने के हत्या से जुड़े एक मामले के आरोपी करनजीत उर्फ मोटा ने अपने वकील के माध्यम से तीस हजारी कोर्ट की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शिवाली शर्मा की कोर्ट में जमानत अर्जी लगाई थी. अर्जी को कोर्ट ने ये कहते हुए खारिज कर दिया कि वारदात के समय के सीसीटीवी फुटेज में आरोपी को अपने सहआरोपी के साथ मृतक को चाकुओं से मारते हुए साफ-साफ देखा जा सकता है. यह एक एक ठोस सबूत भी है. इस मामले से जुड़े जांच अधिकारी इंसेक्टर प्रवीण ने कोर्ट में हत्या वाले दिन से जुड़े सीसीटीवी फुटेज को भी लाए थे, जिसे देखकर कोर्ट ने आरोपी की जमानत अर्जी खारिज कर दी.
बचाव पक्ष के वकील ने अदालत से निवेदन किया कि आरोपी/आवेदक मात्र 19 वर्षीय है वो वरदाता वाले समय उस स्थान पर मौजूद तो था लेकिन उसने किसी भी वारदात को अंजाम नही दिया है. वह घटना के तुरंत बाद अपने घर चला गया था. इसे इस मामले में फंसाया गया है. ना तो आरोपी/आवेदक ने मृतक को चाकू से किसी भी प्रकार से चोट पहुंचाई और न ही पुलिस द्वारा आवदेक से कोई हथियार बरामद हुआ है. इस मामले का मुख्य आरोपी सीसीएल अजाक है, जिसके साथ आवेदक को भी आरोपी बना दिया गया है. अभी आरोपी की उम्र बहुत ही कम है इसलिए कोर्ट द्वारा आवदेक के साथ थोड़ी नरमी बरती जानी चाहिए. ऐसा निवेदन आरोपी के वकील ने कोर्ट से किया.
सरकारी वकील ने हत्या के इस मामले को बहुत ही गंभीर बताया है और कोर्ट से आरोपी को जमानत न देने पर जोर दिया. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील ध्यान से सुनने के बाद सभी बयानों को दर्ज भी किया और अपने आदेश मे कहा कि ये मामला किसी की हत्या से जुड़ा है. पुलिस द्वारा सीसीटीवी फुटेज में आरोपी आवेदक को अपने सहआरोपी के साथ मृतक के बाल पकड़ कर खिंचता हुआ साफ-साफ देखा जा रहा है, जिसके बाद सहआरोपी मृतक को चाकू से मारता हुआ भी दिख रहा है. सीसीटीवी फुटेज बहुत ही ठोस सबूत है. आरोपी पर लगे हत्या के आरोप भी बहुत गंभीर है. इसलिए इस स्टेज पर आरोपी को जमानत नही दी जा सकती है.
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