नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता दुर्गेश पाठक ने शनिवार को बयान जारी करते हुए कहा कि भाजपा की एमसीडी कोरोना की इस गंभीर स्थिति में भी अपने कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं दे रही है. लगातार पिछले डेढ़-दो सालों से एमसीडी के कर्मचारी तनख्वाह के लिए परेशान हैं. भाजपा एक-एक पार्षद को 2 करोड़ दे रही है, लेकिन कर्मचारियों को तनख्वाह देने के नाम पर सांप सूंघ जाते हैं.
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उन्होंने कहा कि कुछ दिनों पहले कोर्ट ने नॉर्थ एमसीडी के कमिश्नर को आदेश दिया है कि यदि कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं दी, तो आपके खिलाफ कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट कर देंगे. दुर्गेश पाठक ने इसे क्रिमिनल एक्ट बताया और कहा कि यदि आप से तनख्वाह नहीं दी जा रही है, तो आपको एमसीडी से इस्तीफा दे देना चाहिए.
दुर्गेश पाठक ने कहा कि आज पूरी दिल्ली कोरोना से जंग लड़ रही है. दिल्ली का हर एक व्यक्ति कोरोना से युद्ध लड़ रहा है. केजरीवाल सरकार लगातार कोशिश में लगी हुई है कि दिल्ली के नागरिकों की जान बचाई जाए. वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी की एमसीडी अपना क्रूर रवैया अपना रही है.
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दुर्गेश पाठक ने कहा, आपने देखा होगा कि पिछले डेढ़-दो सालों से लगातार यह समस्या आ रही है. हर बार एक ही आरोप लगाते हैं कि दिल्ली सरकार पैसे नहीं दे रही है, जबकि यह कोर्ट में भी साबित हो चुका है कि दिल्ली सरकार पर एमसीडी का कोई बकाया नहीं है. अभी कुछ दिनों पहले कोर्ट ने नॉर्थ एमसीडी के कमिश्नर को बोला है कि आपके खिलाफ कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट कर देंगे, यदि आपने कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं दी तो.
'अमीर होते जा रहे हैं भाजपा के निगम पार्षद'
उन्होंने कहा कि आज जब लोगों के व्यापार बंद हैं, लोग पूरी तरह से परेशान हैं, ऐसे समय में एमसीडी के कर्मचारियों को तनख्वाह न देना, मेरे हिसाब से किसी क्रिमिनल एक्ट से कम नहीं है. भारतीय जनता पार्टी अपनी जिम्मेदारियों से भागती है. आज देखिए कि उनके पार्षद किस तरह से अमीर होते चले जा रहे हैं. इनके पास पैसे नहीं है, लेकिन अपने पार्षदों की सैलरी बढ़ाते चले जा रहे हैं.
इस्तीफे की मांग
दुर्गेश पाठक ने इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि मैं भाजपा नेताओं से हाथ जोड़कर प्रार्थना करता हूं कि इस विपदा के समय में आप एमसीडी के कर्मचारियों के धैर्य की परीक्षा मत लो. इस विपदा की स्थिति में आप अपने भ्रष्टाचार के कारण लोगों को परेशान मत कीजिए. आप उन्हें तनख्वाह दीजिए और यदि आप से तनख्वाह नहीं दी जा रही है, तो आपको एमसीडी में बने रहने का कोई हक नहीं है, आपको इस्तीफा दे देना चाहिए, आपको एमसीडी छोड़ देनी चाहिए.