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दृष्टिबाधित छात्र कुणाल ने हासिल किए 95.4%, IAS बनकर देश की सेवा करना लक्ष्य - IAS

दिल्ली के रोहिणी इलाके के रहने वाले कुणाल ने 12वीं सीबीएसई बोर्ड में 95.4% अंक हासिल किए हैं. कुणाल IAS बनकर देश की सेवा करना चाहता है.

Visually impaired student Kunal
दृष्टिबाधित छात्र कुणाल
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Published : Jul 15, 2020, 7:25 PM IST

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में सीबीएसई के 10वीं कक्षा के नतीजे सामने आने के बाद एक बार फिर छात्रों के चेहरे खिल गए. इन सब के बीच एक छात्र है, जिसने दृष्टि बाधित होने के बाद भी 12वीं में 95.7% से पास होकर देश के सामने मिसाल पेश की. रोहिणी के रहने वाले कुणाल ने 12वीं में 95.4% अंक हासिल किए. जिसके पीछे छात्र ने अपने माता-पिता, अध्यापक और दोस्तों की मेहनत को बताया. आंखों से देख ना पाने के बावजूद मेहनत और लगन ऐसी कि कुणाल ने सामान्य छात्रों को भी पीछे छोड़ दिया. पढ़ाई का एक नया तरीका निकाला गया और आखिरकार हजारों लोगों के लिए एक उदाहरण बन कर सामने आए.

दृष्टिबाधित छात्र कुणाल ने 12वीं में 95.4% अंक हासिल किये




रिकॉर्डर ने की मदद

दिल्ली के रोहिणी इलाके के रहने वाले कुणाल ने 12वीं सीबीएसई बोर्ड में 95.4% अंक हासिल कर ना सिर्फ अपने माता-पिता बल्कि साथ ही हर किसी को गौरवान्वित किया है. ध्यान देने वाली बात यह है कि कुणाल देख नहीं सकते लेकिन उनकी मेहनत और लगन ने सामान्य लोगों को भी पीछे छोड़ दिया. कुणाल ने बताया कि वह सातवीं कक्षा तक पढ़ाई में इतने अच्छे नहीं थे, लेकिन उसके बाद उनकी मां ने पढ़ाई के तरीके को बदलने का मन बनाया और कुणाल के लिए एक रिकॉर्डर लेकर आए. जिससे कुणाल को रिकॉर्डिंग में पूरी पढ़ाई सुनकर याद करने में मजा आने लगा और उसी को उन्होंने अपनी सफलता की कुंजी बना लिया.

आईएएस बनने का है लक्ष्य

कुणाल आगे चलकर देश की सेवा करना चाहते हैं. वैसे तो उनकी दिली तमन्ना है कि वह आर्मी में जाएं, लेकिन दृष्टि बाधित होने की वजह से आर्मी नहीं ज्वाइन नहीं कर सकते. इसलिए उन्होंने आईएएस बनने का लक्ष्य तय किया है. उनका कहना है कि वह आईएएस बनकर देश की सेवा करना चाहते हैं और इमानदारी से किस तरीके से चीजों को बदला जा सकता है. किस तरीके से देश की सेवा की जा सकती है वह दिखाना चाहते हैं.

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में सीबीएसई के 10वीं कक्षा के नतीजे सामने आने के बाद एक बार फिर छात्रों के चेहरे खिल गए. इन सब के बीच एक छात्र है, जिसने दृष्टि बाधित होने के बाद भी 12वीं में 95.7% से पास होकर देश के सामने मिसाल पेश की. रोहिणी के रहने वाले कुणाल ने 12वीं में 95.4% अंक हासिल किए. जिसके पीछे छात्र ने अपने माता-पिता, अध्यापक और दोस्तों की मेहनत को बताया. आंखों से देख ना पाने के बावजूद मेहनत और लगन ऐसी कि कुणाल ने सामान्य छात्रों को भी पीछे छोड़ दिया. पढ़ाई का एक नया तरीका निकाला गया और आखिरकार हजारों लोगों के लिए एक उदाहरण बन कर सामने आए.

दृष्टिबाधित छात्र कुणाल ने 12वीं में 95.4% अंक हासिल किये




रिकॉर्डर ने की मदद

दिल्ली के रोहिणी इलाके के रहने वाले कुणाल ने 12वीं सीबीएसई बोर्ड में 95.4% अंक हासिल कर ना सिर्फ अपने माता-पिता बल्कि साथ ही हर किसी को गौरवान्वित किया है. ध्यान देने वाली बात यह है कि कुणाल देख नहीं सकते लेकिन उनकी मेहनत और लगन ने सामान्य लोगों को भी पीछे छोड़ दिया. कुणाल ने बताया कि वह सातवीं कक्षा तक पढ़ाई में इतने अच्छे नहीं थे, लेकिन उसके बाद उनकी मां ने पढ़ाई के तरीके को बदलने का मन बनाया और कुणाल के लिए एक रिकॉर्डर लेकर आए. जिससे कुणाल को रिकॉर्डिंग में पूरी पढ़ाई सुनकर याद करने में मजा आने लगा और उसी को उन्होंने अपनी सफलता की कुंजी बना लिया.

आईएएस बनने का है लक्ष्य

कुणाल आगे चलकर देश की सेवा करना चाहते हैं. वैसे तो उनकी दिली तमन्ना है कि वह आर्मी में जाएं, लेकिन दृष्टि बाधित होने की वजह से आर्मी नहीं ज्वाइन नहीं कर सकते. इसलिए उन्होंने आईएएस बनने का लक्ष्य तय किया है. उनका कहना है कि वह आईएएस बनकर देश की सेवा करना चाहते हैं और इमानदारी से किस तरीके से चीजों को बदला जा सकता है. किस तरीके से देश की सेवा की जा सकती है वह दिखाना चाहते हैं.

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