नई दिल्ली: ऑपरेशन स्पाइडर के तहत उत्तरी बाहरी जिला पुलिस ने 18 करोड़ की हाई क्वालिटी हेरोइन पकड़ी है. पुलिस ने छह किलो हेरोइन बरामद किया है. यह दोनों उत्तर प्रदेश के उद्योग केंद्र तैमूर के भाइयों के गुर्गे हैं. गैंग का सरगना तैमूर पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद हेरोइन सप्लाई करने की गैंग चला रहा था. दिल्ली के कई अलग-अलग इलाकों में इन्हीं के जरिए हाई क्वालिटी की हेरोइन की सप्लाई की जाती थी. पुलिस की जांच और पूछताछ अभी भी जारी.
उत्तरी बाहरी जिले के नारकोटिक्स सेल ने ऑपरेशन स्पाइडर के तहत दो कुख्यात नशे के सप्लायर को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इनके पास से 6 किलो हाई क्वालिटी की हेरोइन बरामद की है. जिसकी अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कीमत 18 करोड़ बताई जा रही है. करीब दो हफ्ते पहले भी इसी टीम के द्वारा एक किलो हेरोइन पकड़ी गई थी, जिसकी कीमत दो करोड़ रुपये थी.
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मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने 18 करोड़ की कीमत की छह किलो हेरोइन बरामद की. पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है. जिनकी पहचान आसिम और वरुण के तौर पर हुई है. इनमें आसिम उत्तर प्रदेश के ड्रग सप्लाई गैंग के किंगपिन मशहूर तैमूर खान के भाई वसीम और सलमान का गुर्गा है. ड्रग किंग तैमूर नौ मुकदमों में शामिल है और पुलिस ने एक सितंबर को उसे गिरफ्तार किया था, जिस पर डेढ़ लाख का इनाम था. तैमूर पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद एमएनसी कंपनी में नौकरी करता था, लेकिन जल्द पैसा कमाने के लिए उसने हेरोइन सप्लाई करने की शुरुआत की और अच्छा से नेटवर्क के तहत उसने अपना गैंग बना लिया. तैमूर ने ड्रग बनाने का एक नया तरीका अपनाया. जिसके तहत वह हेरोइन बनाता था जिसमें 70 किलो अफीम से साढ़े सात किलो मोरपेन और करीब चार किलो सफेद हाई क्वालिटी हीरोइन तैयार की जाती थी. जिसको दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और अन्य जगहों पर सप्लाई किया जाता था.
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उत्तरी बाहरी जिले के नारकोटिक्स सेल को यह जानकारी मिली जिसके आधार पर पुलिस ने इन्हें पकड़ने का प्लान बनाया और आखिरकार पुलिस को कामयाबी भी मिली.
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