नई दिल्ली: तीन साल बाद बुराड़ी सामूहिक आत्महत्या मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच द्वारा कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की गई. इसके बाद ईटीवी भारत की टीम उस घर के बाहर ग्राउंड जीरो से रिपोर्टिंग करने पहुंची. जहां देखा कि गली से लेकर घर तक में काफी बदलाव है. क्लोजर रिपोर्ट में यह साफ किया गया कि सामूहिक आत्महत्या मामले में इस साजिश के तहत वारदात को अंजाम नहीं दिया गया बल्कि यह एक हादसा था.
दुनियाभर में चर्चा का विषय बनने वाले बुराड़ी आत्महत्या मामले में आखिरकार क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी गई. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच द्वारा कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की गई, जिसमें पाया गया कि इस मामले में कोई भी दोषी नहीं है. 11 लोगों की मौत मामले में पुलिस ने किसी को भी दोषी नहीं माना.
इस पूरे मामले को पुलिस ने एक हादसा बताते हुए कोर्ट में घटना के तीन साल बाद क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की. पुलिस टीम की इन्वेस्टिगेशन में घर के मुखिया ललित की डायरी ने अहम भूमिका निभाई. ललित की डायरी में यह साफ लिखा हुआ है कि पूरा परिवार एकसाथ, एक ही दिन सामूहिक आत्महत्या की तैयारी कर रहा था.
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एक जुलाई 2018 को जब 11 लोगों की आत्महत्या की खबर लोगों को मिली लोगों के पैरों तले जमीन खिसक गई. यह घर पूरे विश्व के लिए चर्चा का विषय बन गया. दिल्ली का साधारण सा बुराड़ी इलाका घटना के बाद हर किसी की जुबान पर चढ़ा हुआ था. अब इस मामले को पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर बंद कर दिया है. हालांकि इस मामले में कोर्ट में नवंबर में सुनवाई होगी.
पुलिस द्वारा यह साफ कर दिया गया कि इस मामले में किसी भी साजिश के तहत किसी वारदात के अंदर होगी क्या बल्कि एक हादसे के तहत सभी ने सुनियोजित तरीके से पूरे परिवार ने एक साथ आप हत्या की थी.