नई दिल्लीः दिल्ली सरकार के छह अस्पतालों में कर्मचारियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सामान के स्टैंडर्ड क्वालिटी के नहीं पाए जाने के मामले में दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने मंगलवार दोपहर लोकनायक अस्पताल के परचेज विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ की. साथ ही दवाईयों और अन्य सामान की खरीद से संबंधित दस्तावेज भी देखे. अस्पताल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, एसीबी की टीम पूछताछ करने और कागजात देखने के बाद चली गई. अस्पताल में रेड जैसी किसी भी घटना से प्रबंधन ने इनकार किया है.
दिल्ली सरकार के सबसे बड़े अस्पताल लोकनायक, जीटीबी, दीनदयाल उपाध्याय, जनकपुरी सुपर स्पेशलिटी, संजय गांधी मैमोरियल और लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में खरीदे गए कॉटन बैंडेज, एब्जॉर्बेंट कॉटन, ग्लव्स, सिरिंज, सुई और हैंड सैनिटाइजर सहित कई अन्य सामान नॉट ऑफ स्टैंडर्ड क्वालिटी के पाए गए थे. इसके बाद दिल्ली सरकार के डिप्टी सेक्रेटरी (विजिलेंस) स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग राजकुमार ने पांच जनवरी को एसीबी में एफआईआर दर्ज कराई थी.
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एसीबी ने 7ए पीओसी एक्ट, धारा 120बी सेक्शन 18, ड्रग्स एवं कॉस्मैटिक एक्ट में एफआईआर दर्ज की है. एफआईआर में अस्पतालों में सामान की आपूर्ति करने वाली 13 फर्मों के नाम भी दर्ज किए हैं. मामले की जांच एसीबी के एसीपी जरनैल सिंह द्वारा की जा रही है.
सामान की आपूर्ति करने वाली 13 फर्मों एमएस ब्रिज टैक्सटाइल्स, एमएस यात्राह सर्जिकल, एमएस वी सोल्यूशंस, एमएस एसके सर्जिकल्स, एमएस वृष्टि टैक्नोलॉजीज, एमएस सनी एंटरप्राइजेज, एमएस दुर्गा सर्जिकल कॉर्पोरेशन, एमएस भीखी सर्जिकेयर, एमएस भावना एंटरप्राइजेज, एमएस एसएस एंटरप्राइजेज, एमएस हाईटेक मेडिक्स प्राइवेट लिमिटेड, एमएस हाई केयर ग्लव्स प्राइवेट लिमिटेड और एमएस जींद सर्जिकल के नाम भी एफआईआर में हैं.