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मंडोली जेल में बंद खतरनाक कैदी होंगे रोग मुक्त, आर्ट ऑफ लिविंग संस्था ने सिखाया योग

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Published : Mar 23, 2023, 9:45 AM IST

आर्ट ऑफ लिविंग संस्था के सहयोग से मंडोली जेल नंबर 15 में खतरनाक कैदियों के लिए एक योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य कैदियों के मानसिक तनाव को कम करना था.

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नई दिल्ली: तिहाड़ की अलग-अलग जेलों में बंद कैदियों के मानसिक तनाव को कम कर उनकी एकाग्रता को बनाए रखने के लिए समय-समय पर जेल प्रशासन व्यायाम कार्यक्रम आयोजित करता रहता है. ऐसे ही एक कार्यक्रम का आयोजन आर्ट ऑफ लिविंग संस्था के सहयोग से मंडोली जेल नंबर 15 में किया गया.

जेल प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार 1999 से इस संस्था के सहयोग से तिहाड़ के अलग-अलग जेलों में योग कार्यक्रम करवाए जा रहे हैं. इस मौके पर तिहाड़ जेल के डीजी संजय बेनीवाल भी मौजूद रहे. डीजी पद पर संजय बेनीवाल की नियुक्त होने के बाद से इस तरह के कार्यक्रम में काफी तेजी आई है, जिसके लिए दिल्ली सरकार ने भरसक प्रयास किए हैं, ताकि तिहाड़ के अलग-अलग जेलों में बंद कैदियों के स्ट्रेस को कम किया जा सके. साथ ही उन्हें अच्छे इंसान के रूप में भी अपने आप को ढलने में मदद मिल सके.

तिहाड़ जेल प्रशासन ने बताया कि मंडोली जेल नंबर 15 एक हाई सिक्योरिटी जेल है. जिसमें खतरनाक अपराधियों को रखा गया है और उनके लिए इस तरह के योग कार्यक्रम को पहली बार किया गया. योग कार्यक्रम के आयोजन को जेल के सुपरिटेंडेंट कपिल चौधरी, डिप्टी जेल सुपरिंटेंडेंट अतुल शर्मा और अन्य जेल स्टाफ की मदद से तिहाड़ जेल के डीजी की निगरानी में किया गया, जिसका मकसद इस जेल में बंद खतरनाक और खूंखार कैदियों के मानसिक तनाव को कम करना है. तिहाड़ जेल के डायरेक्टर जनरल संजय बेनीवाल के नेतृत्व में तिहाड़ की सभी जेलों में आर्ट ऑफ लिविंग के सहयोग से योग्य कार्यक्रम की शुरुआत की गई है.

तिहाड़ जेल के पीआरओ से मिली जानकारी के अनुसार आर्ट ऑफ लिविंग संस्था की तरफ से 82 टीचर अलग-अलग जेलों में हैप्पीनेस कोर्स, साधना सुदर्शन, क्रिया योग सेंशन और मेडिटेशन इत्यादि से जुड़े कार्यक्रम लगातार चला रहे हैं. आने वाले समय में इस कार्यक्रम को जेल की सुरक्षा में तैनात आईटीबीपी, सीआरपीएफ और टीएसपी के जवानों के लिए भी चलाया जाएगा. इसके अलावा तिहाड़ के अलग-अलग जेलों में अलग-अलग एनजीओ द्वारा कई तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. साथ ही अपनी सजा पूरी करने के बाद कैदियों के पुनर्वास के लिए भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. एनआईओएस और इग्नू की मदद से प्लंबिंग, इलेक्ट्रीशियन, फूड मेकिंग प्रशासन, मेडिकल हेल्पर, हॉर्टिकल्चर आदि के क्षेत्र में कई पहल की गई हैं.

ये भी पढ़ें: MCD की स्थायी समिति के सदस्यों का चुनाव दोबारा कराने की याचिका पर सुनवाई टली, जानें वजह

नई दिल्ली: तिहाड़ की अलग-अलग जेलों में बंद कैदियों के मानसिक तनाव को कम कर उनकी एकाग्रता को बनाए रखने के लिए समय-समय पर जेल प्रशासन व्यायाम कार्यक्रम आयोजित करता रहता है. ऐसे ही एक कार्यक्रम का आयोजन आर्ट ऑफ लिविंग संस्था के सहयोग से मंडोली जेल नंबर 15 में किया गया.

जेल प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार 1999 से इस संस्था के सहयोग से तिहाड़ के अलग-अलग जेलों में योग कार्यक्रम करवाए जा रहे हैं. इस मौके पर तिहाड़ जेल के डीजी संजय बेनीवाल भी मौजूद रहे. डीजी पद पर संजय बेनीवाल की नियुक्त होने के बाद से इस तरह के कार्यक्रम में काफी तेजी आई है, जिसके लिए दिल्ली सरकार ने भरसक प्रयास किए हैं, ताकि तिहाड़ के अलग-अलग जेलों में बंद कैदियों के स्ट्रेस को कम किया जा सके. साथ ही उन्हें अच्छे इंसान के रूप में भी अपने आप को ढलने में मदद मिल सके.

तिहाड़ जेल प्रशासन ने बताया कि मंडोली जेल नंबर 15 एक हाई सिक्योरिटी जेल है. जिसमें खतरनाक अपराधियों को रखा गया है और उनके लिए इस तरह के योग कार्यक्रम को पहली बार किया गया. योग कार्यक्रम के आयोजन को जेल के सुपरिटेंडेंट कपिल चौधरी, डिप्टी जेल सुपरिंटेंडेंट अतुल शर्मा और अन्य जेल स्टाफ की मदद से तिहाड़ जेल के डीजी की निगरानी में किया गया, जिसका मकसद इस जेल में बंद खतरनाक और खूंखार कैदियों के मानसिक तनाव को कम करना है. तिहाड़ जेल के डायरेक्टर जनरल संजय बेनीवाल के नेतृत्व में तिहाड़ की सभी जेलों में आर्ट ऑफ लिविंग के सहयोग से योग्य कार्यक्रम की शुरुआत की गई है.

तिहाड़ जेल के पीआरओ से मिली जानकारी के अनुसार आर्ट ऑफ लिविंग संस्था की तरफ से 82 टीचर अलग-अलग जेलों में हैप्पीनेस कोर्स, साधना सुदर्शन, क्रिया योग सेंशन और मेडिटेशन इत्यादि से जुड़े कार्यक्रम लगातार चला रहे हैं. आने वाले समय में इस कार्यक्रम को जेल की सुरक्षा में तैनात आईटीबीपी, सीआरपीएफ और टीएसपी के जवानों के लिए भी चलाया जाएगा. इसके अलावा तिहाड़ के अलग-अलग जेलों में अलग-अलग एनजीओ द्वारा कई तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. साथ ही अपनी सजा पूरी करने के बाद कैदियों के पुनर्वास के लिए भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. एनआईओएस और इग्नू की मदद से प्लंबिंग, इलेक्ट्रीशियन, फूड मेकिंग प्रशासन, मेडिकल हेल्पर, हॉर्टिकल्चर आदि के क्षेत्र में कई पहल की गई हैं.

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