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ग्रेटर नोएडा के लिए उपलब्धियों भरा रहा साल 2022, अनेक योजनाएं पूर्ण, करोड़ों का हुआ निवेश

कोरोना काल के बाद विकास की दौड़ में ग्रेटर नोएडा ने साल 2022 में लंबी छलांग लगाई है. इसमें सबसे अहम घर-घर गंगाजल की आपूर्ति रही है. साल 2022 में ही यहां देश का सबसे बड़ा डाटा सेंटर शुरू हुआ. इसके अलावा कई ऐसी परिजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है, जो निकट भविष्य में ग्रेटर नोएडा की एक नई तस्वीर पेश करती है.

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डाटा सेंटर और गंगाजल मिला
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Published : Dec 31, 2022, 12:24 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के लिए साल 2022 कई मायने में बहुत अहम रहा. कई बड़ी परियोजनाएं ग्रेटर नोएडा निवासियों को समर्पित की गईं. मसलन देश का सबसे बड़ा डाटा सेंटर इसी वर्ष शुरू हुआ. पहली बार गंगाजल ग्रेटर नोएडा के निवासियों के घरों तक पहुंचा. कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की नींव भी इसी वर्ष रखी गई, जिनसे आगामी वर्षों में ग्रेटर नोएडा की अलग पहचान बनेगी. जानते हैं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 2022 की कुछ प्रमुख परियोजनाओं के बारे में.

ग्रेटर नोएडा में 85 क्यूसेक गंगाजल परियोजना पर लंबे समय से काम चल रहा था. साल 2022 में एक नवंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों इसका शुभारंभ हुआ और पहली बार गंगाजल ग्रेटर नोएडा के निवासियों के घरों तक पहुंचा. इस परियोजना पर करीब 800 करोड़ रुपये खर्च हुए.

देश का सबसे बड़ा डाटा सेंटर ग्रेटर नोएडा में

ग्रेटर नोएडा देश में डाटा सेंटर के केंद्र के रूप में उभर रहा है. देश का सबसे बड़ा डाटा सेंटर ग्रेटर नोएडा में इसी साल शुरू हुआ है. हीरानंदानी ग्रुप की तरफ से बनाए गए इस डाटा सेंटर का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों 30 अक्तूबर को शुभारंभ किया गया था. यह उत्तर प्रदेश में पहला डाटा सेंटर भी है. नॉलेज पार्क फाइव में 15 अक्तूबर 2020 को करीब 80,961 वर्ग मीटर (20 एकड़) जमीन आवंटित की गई. इस योट्टा डाटा सेंटर पार्क को बनाने में करीब 7000 करोड़ रुपये के निवेश और लगभग 1000 युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मिल रहे हैं. इसके अलावा कई और बड़ी कंपनियां ग्रेटर नोएडा में डाटा सेंटर क्षेत्र में निवेश के लिए उत्सुक हैं.

261 उद्योगों से 7000 करोड़ निवेश

साल 2022 में ग्रेटर नोएडा में 86 नए उद्योगों को कुल 2.31 लाख वर्ग मीटर जमीन आवंटित की गई है. इनसे 2000 करोड़ रुपये का निवेश और 3500 युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मिलेंगे. इसी वर्ष 175 यूनिट फंक्शनल हुई हैं. इनसे 8000 युवाओं को रोजगार और 5000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है. इस तरह कुल 261 इकाइयों से 11500 युवाओं को रोजगार और 7000 करोड़ का निवेश हुआ है. औद्योगिक विभाग की तरफ से कुल 18 एमओयू किए गए हैं, जिनसे 15678 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है. वर्तमान समय में 45 औद्योगिक भूखंडों की योजना निकली हुई है. इसके जरिए 2.42 लाख वर्ग मीटर जमीन आवंटित की जाएगी. इनसे करीब 750 करोड़ का निवेश और 2000 युवाओं को रोजगार मिलने की उम्मीद है.

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प्राधिकरण ने निकाली भूखंडों की योजनाएं

साल 2022 में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने औद्योगिक, वाणिज्यिक, संस्थागत, आईटी व फ्यूल स्टेशनों के लिए योजनाएं निकाल दी हैं. इससे 2023 में ग्रेटर नोएडा में बड़े पैमाने पर निवेश व रोजगार की संभावनाएं बनी हैं. साथ ही ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की वित्तीय स्थिति के बेहतर होने की उम्मीद बढ़ी है.

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की वाणिज्यिक संपत्तियों में इस साल लगभग 109 करोड़ रुपये का निवेश हुआ. 4 वाणिज्यिक भूखंड, 11 मिल्क एवं वैजिटेबल बूथ, नौ दुकानें व 16 क्योस्क के जरिए ये निवेश हुए हैं. इनमें कुल 12,800 वर्ग मीटर भूखंड आवंटित किए गए हैं. वर्तमान समय में 26 वाणिज्यिक भूखंड व 6 फ्यूल स्टेशनों के लिए भूखंड की योजना निकाली गई है.

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नई दिल्ली/नोएडा: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के लिए साल 2022 कई मायने में बहुत अहम रहा. कई बड़ी परियोजनाएं ग्रेटर नोएडा निवासियों को समर्पित की गईं. मसलन देश का सबसे बड़ा डाटा सेंटर इसी वर्ष शुरू हुआ. पहली बार गंगाजल ग्रेटर नोएडा के निवासियों के घरों तक पहुंचा. कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की नींव भी इसी वर्ष रखी गई, जिनसे आगामी वर्षों में ग्रेटर नोएडा की अलग पहचान बनेगी. जानते हैं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 2022 की कुछ प्रमुख परियोजनाओं के बारे में.

ग्रेटर नोएडा में 85 क्यूसेक गंगाजल परियोजना पर लंबे समय से काम चल रहा था. साल 2022 में एक नवंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों इसका शुभारंभ हुआ और पहली बार गंगाजल ग्रेटर नोएडा के निवासियों के घरों तक पहुंचा. इस परियोजना पर करीब 800 करोड़ रुपये खर्च हुए.

देश का सबसे बड़ा डाटा सेंटर ग्रेटर नोएडा में

ग्रेटर नोएडा देश में डाटा सेंटर के केंद्र के रूप में उभर रहा है. देश का सबसे बड़ा डाटा सेंटर ग्रेटर नोएडा में इसी साल शुरू हुआ है. हीरानंदानी ग्रुप की तरफ से बनाए गए इस डाटा सेंटर का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों 30 अक्तूबर को शुभारंभ किया गया था. यह उत्तर प्रदेश में पहला डाटा सेंटर भी है. नॉलेज पार्क फाइव में 15 अक्तूबर 2020 को करीब 80,961 वर्ग मीटर (20 एकड़) जमीन आवंटित की गई. इस योट्टा डाटा सेंटर पार्क को बनाने में करीब 7000 करोड़ रुपये के निवेश और लगभग 1000 युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मिल रहे हैं. इसके अलावा कई और बड़ी कंपनियां ग्रेटर नोएडा में डाटा सेंटर क्षेत्र में निवेश के लिए उत्सुक हैं.

261 उद्योगों से 7000 करोड़ निवेश

साल 2022 में ग्रेटर नोएडा में 86 नए उद्योगों को कुल 2.31 लाख वर्ग मीटर जमीन आवंटित की गई है. इनसे 2000 करोड़ रुपये का निवेश और 3500 युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मिलेंगे. इसी वर्ष 175 यूनिट फंक्शनल हुई हैं. इनसे 8000 युवाओं को रोजगार और 5000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है. इस तरह कुल 261 इकाइयों से 11500 युवाओं को रोजगार और 7000 करोड़ का निवेश हुआ है. औद्योगिक विभाग की तरफ से कुल 18 एमओयू किए गए हैं, जिनसे 15678 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है. वर्तमान समय में 45 औद्योगिक भूखंडों की योजना निकली हुई है. इसके जरिए 2.42 लाख वर्ग मीटर जमीन आवंटित की जाएगी. इनसे करीब 750 करोड़ का निवेश और 2000 युवाओं को रोजगार मिलने की उम्मीद है.

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प्राधिकरण ने निकाली भूखंडों की योजनाएं

साल 2022 में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने औद्योगिक, वाणिज्यिक, संस्थागत, आईटी व फ्यूल स्टेशनों के लिए योजनाएं निकाल दी हैं. इससे 2023 में ग्रेटर नोएडा में बड़े पैमाने पर निवेश व रोजगार की संभावनाएं बनी हैं. साथ ही ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की वित्तीय स्थिति के बेहतर होने की उम्मीद बढ़ी है.

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की वाणिज्यिक संपत्तियों में इस साल लगभग 109 करोड़ रुपये का निवेश हुआ. 4 वाणिज्यिक भूखंड, 11 मिल्क एवं वैजिटेबल बूथ, नौ दुकानें व 16 क्योस्क के जरिए ये निवेश हुए हैं. इनमें कुल 12,800 वर्ग मीटर भूखंड आवंटित किए गए हैं. वर्तमान समय में 26 वाणिज्यिक भूखंड व 6 फ्यूल स्टेशनों के लिए भूखंड की योजना निकाली गई है.

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