नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली सहित सभी राज्यों में आए दिन आत्महत्या के मामले सामने आते रहते हैं. आत्महत्या करने वाले लोगों में अधिकतर युवा और छात्र हैं. आत्महत्या के अधिकतर मामलों का कारण पढ़ाई का दबाव, परीक्षा में फेल हो जाना, रिलेशनशिप का टूटना, घरेलू झगड़े और बेरोजगारी देखने को मिलता है. इसके अलावा मानसिक बीमारी और किसी लाइलाज गंभीर बीमारी से ग्रस्त होकर भी लोग आत्महत्या कर लेते हैं. दिल्ली में जो आत्महत्या के मामले सामने आते हैं, उनमें बड़ी संख्या में पढ़ाई का बोझ और रिलेशनशिप का टूटना प्रमुख कारण होता है.
क्या कहना है मनोचिकित्सक काः आत्महत्या की घटनाओं को रोकने के लिए और लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस 10 सितंबर को मनाया जाता है. इसका प्रमुख उद्देश्य लोगों को बहुमूल्य जीवन के प्रति जागरुक करना और हर परिस्थिति से लड़ने के लिए उनको प्रेरित करना शामिल है. मानव व्यवहार एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान (इहबास) के उप चिकित्सा अधीक्षक एवं प्रमुख मनोचिकित्सक डॉक्टर ओम प्रकाश कहते हैं कि आजकल कॉम्पिटिशन का दौर है और हर स्तर पर लोग एक दूसरे से इतना कॉम्पिटिशन करते हैं कि वह अपनी क्षमता को भूल जाते हैं. मां बाप को भी अपने बच्चों में तुलना करने की आदत सी हो गई है. अपने दो बच्चों में भी मां बाप तुलना करते हैं कि यह पढ़ाई में तेज है दूसरा कमजोर है. इससे दूसरे बच्चे पर पढ़ाई का बोझ और तनाव आ जाता है. दूसरे बच्चों से भी अपने बच्चों की तुलना करते हैं. चाहे पढ़ाई-लिखाई का मामला हो चाहे अच्छी नौकरी का.
डॉ ओमप्रकाश ने बताया कि इहबास में मन में आत्महत्या का विचार आने वाले लोगों के लिए निशुल्क टेली मानस सेवा शुरू की गई है, जिसके पूरे देश में 35 से ज्यादा केंद्र हैं और जो अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग भाषाओं में उपलब्ध है. मन में आत्महत्या का विचार आने पर कोई भी व्यक्ति कहीं से भी टेली मानस के निशुल्क हेल्पलाइन नंबर 14416 पर कॉल करके मदद ले सकता है. देश भर में 2000 लोग टेली मानस सेवा के द्वारा लोगों की काउंसलिंग करने के लिए रखे गए हैं.
दिल्ली में 2021 में 2760 लोगों ने की आत्महत्याः सुमैत्री संस्था की निदेशक नलिनी मल्होत्रा का कहना है कि आत्महत्या एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है. जिसकी चपेट में हर उम्र की महिलाएं और पुरुष आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस की थीम क्रिएटिंग होप थ्रू एक्शन रखी गई है. उन्होंने बताया कि हमारी संस्था की हेल्पलाइन पर दिल्ली सहित देशभर से फोन आते हैं और हम उनकी समस्या को सुनते हैं. उन्हें समझाते हैं. इतने से ही लोग संतुष्ट हो जाते हैं. उन्हें लगता है कि उनकी बात सुनी गई. हमारा एक सेंटर हौजखास में भी है. अगर कोई सेंटर पर आकर हमसे संपर्क करता है तो भी हम उसकी बात सुनते हैं. दिल्ली में वर्ष 2021 में 2760 लोगों ने आत्महत्या की थी. जो एक बड़ा आंकड़ा है.
दिल्ली में इस साल अब तक घटी आत्महत्या की घटनाएं
- 2 सितंबर को आइआईटी दिल्ली के छात्र अनिल ने आत्महत्या कर ली थी. वह मैथ्स और कम्प्यूटिंग में बीटेक कर रहा था. लेकिन कुछ विषयों की पढ़ाई पूरी न होने के कारण उसने छह महीने का विस्तार ले लिया था. पता चला कि वह पढ़ाई को लेकर तनाव में था.
- 30 अगस्त को उत्तरी-पश्चिमी जिले के भारत नगर थाना इलाके में छेड़छाड़ और जबरन उठा ले जाने की धमकी से तंग आकर 13 साल की लड़की ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
- 23 जुलाई डाबड़ी इलाके में एक महिला की गोली मारकर हत्या करने के बाद 23 वर्षीय हमलावर ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली.
- 09 जुलाई को आईआईटी दिल्ली के एक 20 वर्षीय छात्र आयुष आशना ने हॉस्टल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. उसने बीटेक की परीक्षा देने के बाद यह कदम उठाया.
- 20 जनवरी को मंडी हाउस मेट्रो स्टेशन पर कूदकर एक व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली थी.
- केस स्टडी-1
28 मार्च को दिल्ली के नंद नगरी इलाके में एक 25 वर्षीय युवक ने आत्महत्या की कोशिश की और फेसबुक पर इसकी लाइव स्ट्रीमिंग की. इस बारे में अलर्ट मिलते ही पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर युवक को अस्पताल में भर्ती कराया और उसकी जान बच गई. उसने मिथाइलकोबालामिन, ट्रिपैग 25, राइफक्सकेयर-400 की 30-40 गोलियां खा ली थी. युवक को जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. - केस स्टडी-2
21 अक्टूबर 2021 को भी एक युवक ने फेसबुक पर लाइव स्ट्रीमिंग की थी. उसको भी पुलिस ने मौके पर पहुंचकर युवक की जान बचा ली थी.
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस की शुरुआतः पहली बार वर्ष 2003 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस की शुरूआत की थी. इसका उद्देश्य विश्व भर में बढ़ती आत्महत्याओं को रोकने के लिए लोगों को जागरूक करना है. विश्व में प्रतिवर्ष सात लाख लोग आत्महत्या करते हैं.
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