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Crime Series: बुराड़ी में तंत्र-मंत्र और अनुष्ठान के चलते गई थी 11 लोगों की जान, जानिए पूरा मामला - बुराड़ी में मौत के अनुष्ठान

देश की राजधानी दिल्ली हादसों की भी राजधानी बनी हुई है. दिल्ली में हुई आपराधिक घटनाएं या हादसे पूरे देश और दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचते रहे हैं. करीब 54 माह पहले दिल्ली के बुराड़ी इलाके में हुई एक घटना ने भी पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा था. इस घटना में एक ही परिवार के 11 सदस्यों ने तंत्र मंत्र और अनुष्ठान के चलते फंदा लगाकर अपनी जान दे दी थी. ईटीवी भारत की क्राइम सीरीज में बुराड़ी आत्महत्या कांड की पड़ताल...

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Published : Feb 18, 2023, 10:51 PM IST

नई दिल्ली: 1 जुलाई वर्ष 2018 की सुबह दिल्ली ही नहीं देश या फिर विदेशी मीडिया के लिए भी उत्तरी दिल्ली का बुराड़ी जिला चर्चा का विषय बन गया था. यहां एक साथ एक घर के 10 लोग फंदे से लटके हुए मिले वहीं परिवार की सबसे बुजुर्ग महिला का शव एक कमरे में बेड पर पड़ा हुआ था. एक साथ इतने लोगों की सामूहिक मौत देखकर जांच के लिए पहुंचे पुलिस अधिकारियों की भी रोंगटे खड़े हो गए. अधिकारी आज भी उस क्राइम सीन के रीक्रिएशन और जांच को याद करते हैं. घर में मिले रजिस्टर और अन्य चीजों की पड़ताल को लेकर जांच अधिकारी भी हतप्रभ थे.

घटना की स्थिति देखते हुए पुलिस ने शुरुआत में इस संबंध में हत्या का मामला दर्ज कर मामले को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को सौंप दिया था. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि बुराड़ी के चुंडावत परिवार ने तंत्र-मंत्र के चक्कर में घर के 11 लोगों की जान दांव पर लगा दी, जिसके बाद सभी की मौत हो गई. पुलिस ने केवल पोस्टमार्टम ही नहीं बल्कि मनोवैज्ञानिक अटॉपी करवाने का निर्णय लिया. मनोवैज्ञानिक ऑटोप्सी की रिपोर्ट के बाद यह सामने आया कि घर का कोई भी सदस्य आत्महत्या नहीं करना चाहता था. जांच के बाद दिल्ली पुलिस ने मामले में केस की क्लोजर रिपोर्ट लगाकर इसको बंद करवा दिया था.

चुंडावत परिवार बुराड़ी के संत नगर इलाके में दो मंजिला मकान में रहता था. परिवार में बुजुर्ग नारायणी देवी (उम्र 77), इनके दो बेटे भावनेश भाटिया (उम्र 50), ललित भाटिया (उम्र 45), भावनेश की पत्नी सविता (उम्र 48), ललित की पत्नी टीना (उम्र 42), नारायणी देवी की विधवा बेटी प्रतिभा (उम्र 57) और तीनों भाई-बहनों के बच्चे प्रियंका (उम्र 33), नीतू (उम्र 25), मोनू (उम्र 23), ध्रुव (उम्र 15) और शिवम (उम्र 15) थे. भावनेश घर में ही किराने की दुकान चलाया करता था, जबकि ललित लकड़ी की दुकान चलाता था. उस दिन सात बजे तक जब भावनेश की दुकान नहीं खुली तो एक बुजुर्ग पड़ोसी घर के ऊपर पहुंचे. जिसके बाद उनके होश उड़ गए. उन्होंने देखा कि पहली मंजिल की छत पर लगे लोहे के जाल पर फंदे से पूरा परिवार लटका हुआ था. सभी के हाथ-पैर बंधे थे और आंखों पर सफेद रंग की पट्टी भी लगी हुई थी. मामले की सूचना पुलिस को दी गई. इसके बाद यह घटना आग की तरह फैल गई.

देशभर के अलावा कई देशों की मीडिया कंपनियों की टीम घटना स्थल पर पहुंच गई. पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू की तो घर के अंदर से तेरह रजिस्टर बरामद हुए. जब इसकी जांच की गई तो पता चला कि यह कोई सामूहिक हत्या नहीं थी, बल्कि एक अनुष्ठान था और यह घर में खुशहाली और मोक्ष के लिए पिता की आत्मा के कहने पर ही किया गया. सामूहिक आत्महत्या करने से एक दिन पहले उसकी तैयारी की गई थी. फंदे से लटकने के लिए बाजार से स्टूल खरीदे थे. घर में नाबालिग बच्चे इस अनुष्ठान के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन उनसे यह जबरदस्ती करवाई गई, जिसके निशान भी मिले थे. तंत्र-मंत्र के दौरान ललित और उसकी पत्नी टीना ने सबको फंदा लगाने के बाद सभी के स्टूल हटा लिए थे. बाद में खुद भी दोनों फंदे से लटक गए थे. छानबीन के बाद यह पता चला कि घर के सभी लोगों को इस बात का पूरा यकीन था कि इस पूरी विधि के बाद कोई भी नहीं मरेगा. लेकिन सभी अंधविश्वास के चक्कर में अपनी जान गंवा बैठे.

जांच अधिकारी बोले अभी भी खड़े हो जाते हैं रोंगटे: वर्तमान में दादर एवं नगर हवेली में पुलिस अधीक्षक के रूप में तैनात आईपीएस अधिकारी राजेंद्र प्रसाद मीणा बताते हैं कि घटना के वक्त दिल्ली में तैनात थे उन्हें जांच टीम में शामिल किया गया था. जांच अधिकारी के तौर पर वह प्रत्यक्षदर्शियों के बयान ले रहे थे और कई बार क्राइम सीन को रीक्रिएट किया गया. क्राइम सीन को दोहराने के दौरान प्रत्यक्षदर्शियों के साथ-साथ घटनास्थल पर पहुंचे पुलिसकर्मियों की भी बयान दिए गए थे. इस दौरान वह भी विभक्त घटना को बयान करने में असमर्थ थे. उन्होंने बताया कि उन्होंने कभी भी अपनी नौकरी के रिकॉर्ड में इस तरह की घटना नहीं देखी, जहां 11 के 11 लोग फंदे पर लटके हुए हो. इसके साथ-साथ घर के पालतू जानवरों की भी हत्या कर दी गई हो.

ये भी पढ़ें: पुलिस ने शातिर बदमाश को किया गिरफ्तार, 30 आपराधिक मामले हैं दर्ज

नेटफ्लिक्स ने बनाई डॉक्यूमेंट्री: दर्दनाक घटना को लेकर नेटफ्लेक्स ने भी एक लंबी डॉक्यूमेंट्री बनाई और उसे लोगों द्वारा सराहा भी गया. नेटफ्लिक्स द्वारा बनाई गई डॉक्यूमेंट्री हाउस ऑफ सीक्रेट द बुरारी डेथ पर पुलिस की जांच रिपोर्ट से लेकर कई अहम पहलुओं के सीन रीक्रिएट किए गए. नेटफ्लिक्स ने उन सभी पुलिसकर्मियों और पत्रकारों से बात की है जिन्होंने इस मामले को कवर किया जांच में शामिल रहे.

ये भी पढ़ें: दिल्ली: अवैध संबंध के शक में पत्नी और 2 साल के बेटे की निर्मम हत्या, जांच में जुटी पुलिस

नई दिल्ली: 1 जुलाई वर्ष 2018 की सुबह दिल्ली ही नहीं देश या फिर विदेशी मीडिया के लिए भी उत्तरी दिल्ली का बुराड़ी जिला चर्चा का विषय बन गया था. यहां एक साथ एक घर के 10 लोग फंदे से लटके हुए मिले वहीं परिवार की सबसे बुजुर्ग महिला का शव एक कमरे में बेड पर पड़ा हुआ था. एक साथ इतने लोगों की सामूहिक मौत देखकर जांच के लिए पहुंचे पुलिस अधिकारियों की भी रोंगटे खड़े हो गए. अधिकारी आज भी उस क्राइम सीन के रीक्रिएशन और जांच को याद करते हैं. घर में मिले रजिस्टर और अन्य चीजों की पड़ताल को लेकर जांच अधिकारी भी हतप्रभ थे.

घटना की स्थिति देखते हुए पुलिस ने शुरुआत में इस संबंध में हत्या का मामला दर्ज कर मामले को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को सौंप दिया था. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि बुराड़ी के चुंडावत परिवार ने तंत्र-मंत्र के चक्कर में घर के 11 लोगों की जान दांव पर लगा दी, जिसके बाद सभी की मौत हो गई. पुलिस ने केवल पोस्टमार्टम ही नहीं बल्कि मनोवैज्ञानिक अटॉपी करवाने का निर्णय लिया. मनोवैज्ञानिक ऑटोप्सी की रिपोर्ट के बाद यह सामने आया कि घर का कोई भी सदस्य आत्महत्या नहीं करना चाहता था. जांच के बाद दिल्ली पुलिस ने मामले में केस की क्लोजर रिपोर्ट लगाकर इसको बंद करवा दिया था.

चुंडावत परिवार बुराड़ी के संत नगर इलाके में दो मंजिला मकान में रहता था. परिवार में बुजुर्ग नारायणी देवी (उम्र 77), इनके दो बेटे भावनेश भाटिया (उम्र 50), ललित भाटिया (उम्र 45), भावनेश की पत्नी सविता (उम्र 48), ललित की पत्नी टीना (उम्र 42), नारायणी देवी की विधवा बेटी प्रतिभा (उम्र 57) और तीनों भाई-बहनों के बच्चे प्रियंका (उम्र 33), नीतू (उम्र 25), मोनू (उम्र 23), ध्रुव (उम्र 15) और शिवम (उम्र 15) थे. भावनेश घर में ही किराने की दुकान चलाया करता था, जबकि ललित लकड़ी की दुकान चलाता था. उस दिन सात बजे तक जब भावनेश की दुकान नहीं खुली तो एक बुजुर्ग पड़ोसी घर के ऊपर पहुंचे. जिसके बाद उनके होश उड़ गए. उन्होंने देखा कि पहली मंजिल की छत पर लगे लोहे के जाल पर फंदे से पूरा परिवार लटका हुआ था. सभी के हाथ-पैर बंधे थे और आंखों पर सफेद रंग की पट्टी भी लगी हुई थी. मामले की सूचना पुलिस को दी गई. इसके बाद यह घटना आग की तरह फैल गई.

देशभर के अलावा कई देशों की मीडिया कंपनियों की टीम घटना स्थल पर पहुंच गई. पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू की तो घर के अंदर से तेरह रजिस्टर बरामद हुए. जब इसकी जांच की गई तो पता चला कि यह कोई सामूहिक हत्या नहीं थी, बल्कि एक अनुष्ठान था और यह घर में खुशहाली और मोक्ष के लिए पिता की आत्मा के कहने पर ही किया गया. सामूहिक आत्महत्या करने से एक दिन पहले उसकी तैयारी की गई थी. फंदे से लटकने के लिए बाजार से स्टूल खरीदे थे. घर में नाबालिग बच्चे इस अनुष्ठान के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन उनसे यह जबरदस्ती करवाई गई, जिसके निशान भी मिले थे. तंत्र-मंत्र के दौरान ललित और उसकी पत्नी टीना ने सबको फंदा लगाने के बाद सभी के स्टूल हटा लिए थे. बाद में खुद भी दोनों फंदे से लटक गए थे. छानबीन के बाद यह पता चला कि घर के सभी लोगों को इस बात का पूरा यकीन था कि इस पूरी विधि के बाद कोई भी नहीं मरेगा. लेकिन सभी अंधविश्वास के चक्कर में अपनी जान गंवा बैठे.

जांच अधिकारी बोले अभी भी खड़े हो जाते हैं रोंगटे: वर्तमान में दादर एवं नगर हवेली में पुलिस अधीक्षक के रूप में तैनात आईपीएस अधिकारी राजेंद्र प्रसाद मीणा बताते हैं कि घटना के वक्त दिल्ली में तैनात थे उन्हें जांच टीम में शामिल किया गया था. जांच अधिकारी के तौर पर वह प्रत्यक्षदर्शियों के बयान ले रहे थे और कई बार क्राइम सीन को रीक्रिएट किया गया. क्राइम सीन को दोहराने के दौरान प्रत्यक्षदर्शियों के साथ-साथ घटनास्थल पर पहुंचे पुलिसकर्मियों की भी बयान दिए गए थे. इस दौरान वह भी विभक्त घटना को बयान करने में असमर्थ थे. उन्होंने बताया कि उन्होंने कभी भी अपनी नौकरी के रिकॉर्ड में इस तरह की घटना नहीं देखी, जहां 11 के 11 लोग फंदे पर लटके हुए हो. इसके साथ-साथ घर के पालतू जानवरों की भी हत्या कर दी गई हो.

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नेटफ्लिक्स ने बनाई डॉक्यूमेंट्री: दर्दनाक घटना को लेकर नेटफ्लेक्स ने भी एक लंबी डॉक्यूमेंट्री बनाई और उसे लोगों द्वारा सराहा भी गया. नेटफ्लिक्स द्वारा बनाई गई डॉक्यूमेंट्री हाउस ऑफ सीक्रेट द बुरारी डेथ पर पुलिस की जांच रिपोर्ट से लेकर कई अहम पहलुओं के सीन रीक्रिएट किए गए. नेटफ्लिक्स ने उन सभी पुलिसकर्मियों और पत्रकारों से बात की है जिन्होंने इस मामले को कवर किया जांच में शामिल रहे.

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