नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए दाखिला प्रक्रिया चल रही है. वहीं पोस्ट ग्रेजुएशन में दाखिला प्रक्रिया 18 नवंबर से शुरू होगी. दाखिला से पहले विभाग द्वारा दाखिला से जुड़ी जानकारी के लिए एक वेबीनार का आयोजन किया गया. इस वेबीनार के जरिए यह बताया गया कि पोस्ट ग्रेजुएशन में मेरिट और प्रवेश परीक्षा के आधार पर छात्रों का एडमिशन होता है. बता दें इस साल कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह से दाखिला प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है.
डीयू एडमिशन डीन प्रोफेसर शोभा बगई ने कहा कि छात्र बुलेटिन ऑफ इंफॉर्मेशन को जरूर पढ़ें, क्योंकि उसमें उनके ज्यादातर सवालों के समाधान मिल जाएंगे. उन्होंने कहा कि फॉर्म में किसी भी प्रकार के संशोधन करने के लिए या मार्क्स को अपडेट करने के लिए वह परेशान ना हो. जिन विषयों में ग्रेजुएशन के छात्रों का परीक्षा परिणाम अभी नहीं आया है, उन विषयों में पीजी की दाखिला प्रक्रिया अभी शुरू नहीं की जा रही है. इसके अलावा उन्होंने कहा दूसरे विश्वविद्यालय के छात्रों को माइग्रेशन सर्टिफिकेट देना होगा. साथ ही दिल्ली विश्वविद्यालय के अलावा दूसरे विश्वविद्यालय से आने वाले छात्रों से चरित्र प्रमाण पत्र भी मांगा जा सकता है. प्रोफेसर शोभा ने कहा कि जल्द ही स्पोर्ट्स कोटा से दाखिले के लिए सूची जारी की जाएगी.
दस्तावेज की जांच के बाद जारी होगा फीस लिंक
दाखिला विभाग के सदस्य प्रो. सुमन कुमार ने बताया कि डीयू में मेरिट और प्रवेश परीक्षा के आधार पर दाखिला मिलता है. साथ ही कहा कि कॉलेज या विभाग से छात्रों के नाम और उनके सर्टिफिकेट का वेरिफिकेशन होने के बाद ही फीस भुगतान का लिंक प्राप्त होगा और उस लिंक के माध्यम से छात्र फीस जमा कर सकेंगे.
पढ़ाई में गैप करने वाले छात्रों से नहीं मांगा जाता है कोई अतिरिक्त दस्तावेज
वेबिनार में दाखिला संबंधित अन्य समस्याओं खास तौर पर दिल्ली से बाहर के छात्रों को आने वाली समस्याओं पर चर्चा की गई और उनके निदान भी दिए गए. बताया गया कि जिन छात्रों ने 1 या 2 साल का गैप पढ़ाई में किया या पढ़ाई छोड़ दी उनसे अलग से किसी तरह के दस्तावेजों की मांग भी नहीं की जाएगी.