नई दिल्ली: दिल्ली में एमसीडी के सबसे बड़े मेटरनिटी अस्पतालों में से एक कस्तूरबा गांधी अस्पताल की इमारत इन दिनों जर्जर हालात से गुजर रही है. हालातों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अस्पताल की इमारत के पिछले भाग का हिस्सा इतना जर्जर हो गया है कि वह अपने आप गिरने लगा है. पिछले दो महीनों में इस तरह के कई हादसे हो चुके हैं. बीते दिन भी अस्पताल की इमारत का पिछले भाग के ऊपरी मंजिलों का छज्जा टूट कर अपने आप नीचे गिर गया जिसके बाद अब अस्पताल के स्टाफ के मन में डर और भय का माहौल है.
राजधानी दिल्ली के अंदर एकीकृत हो चुकी एमसीडी की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. एक तो पहले ही निगम अपनी वित्तीय बदहाल स्थिति को लेकर लगातार जूझ रही है. वहीं दूसरी तरफ निगम के अस्पतालों के इंफ्रास्ट्रक्चर की बदहाल हालत सुर्खियों में बनी हुई है. इस बीच बीते दिन दोपहर बाद दिल्ली की एकीकृत एमसीडी के सबसे बड़े मेटरनिटी हॉस्पिटल में से एक कस्तूरबा गांधी अस्पताल जो पुरानी दिल्ली के क्षेत्र में स्थित है कि इमारत का पीछे के हिस्से की तरफ से ऊपरी मंजिल का छज्जा अचानक गिर गया. हालांकि शुक्र की बात यह रही कि हादसे के वक्त वहां कोई मौजूद नहीं था और ना ही किसी के चोटिल होने की खबर है.
कस्तूरबा अस्पताल में हर रोज बड़ी संख्या में मरीज आते जाते रहते हैं और पीछे के अस्पताल की इमारत का छज्जा गिरा है, वहां पर हर रोज लोग होते हैं. ऐसे में फिलहाल कोई हादसा होने से बच गया है. एक बार नहीं है जब एमसीडी के सबसे बड़े मेटरनिटी अस्पताल कस्तूरबा अस्पताल की इमारत के पिछले हिस्से की तरफ से छज्जा इस तरह से टूट कर गिरा हो पहले भी इस तरह के हादसे बीते दो-तीन महीने में हो चुके हैं. जिसको लेकर अभी तक निगम के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है. पूरे मामले को लेकर एक बार फिर नगर निगम की प्रशासनिक व्यवस्था के ऊपर सवाल उठ रहे हैं.
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