नई दिल्ली: दिल्ली मेयर के चुनाव के दौरान AAP और BJP पार्षदों के बीच हुए झड़प की रिपोर्ट LG वीके सक्सेना को भेज दी गई है. पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने सदन में हंगामे को लेकर ड्राफ्ट पहले ही तैयार कर लिया था, जिसे आधिकारिक तौर पर सोमवार को उपराज्यपाल को भेज दिया गया. 6 जनवरी को नवनिर्वाचित पार्षदों के शपथ ग्रहण के दिन हुए जबर्दस्त हंगामे और पार्षदों के बीच हाथापाई के चलते सदन स्थगित कर दिया गया था. अब दिल्ली को उसका अगला मेयर कब मिलेगा, यह कहना मुश्किल है.
शर्मा ने ईटीवी भारत को बताया कि 6 जनवरी को सदन में जो हुआ और जो तस्वीरें सामने आई, वे बेहद शर्मनाक हैं. पूरे मामले को लेकर उन्होंने एलजी को 2 पेज की रिपोर्ट भेज दी है. जिसमें सदन के अंदर सुरक्षा का मसला उठाते हुए आगामी बैठकों इस पहलू का महत्व उठाने के साथ ही उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना से सदन में हुए हंगामे का गंभीर संज्ञान लेते हुए उचित कार्रवाई की मांग की है.
उन्होंने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह के दौरान यह पूरी तरह से पीठासीन अधिकारी के ऊपर होता है कि वह पहले नॉमिनेटेड पार्षदों को शपथ दिलवाता है या नवनिर्वाचित पार्षदों को. चूंकि नॉमिनेटेड पार्षदों की संख्या कम थी इसलिए मैंने पहले उनको शपथ दिलावाने का फैसला किया था.
इस मामले को लेकर एक अन्य रिपोर्ट कमिश्नर ज्ञानेश भारती द्वारा भी तैयार की जा रही है जो उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को सौंपी जाएगी. रिपोर्ट में हंगामे व पार्षदों की बदसलूकी के चलते हुए नुकसान के भरपाई के लिए भी कहा जा सकता है. उपराज्यपाल को सौंपी गई रिपोर्ट में सत्य शर्मा ने कहा है कि सदन की अंदर हंगामे को लेकर वह पूरी तरीके से बेकसूर हैं. उन्होंने अपने कर्तव्य का निर्वहन किया था.
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