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दिल्ली में बदमाश हर दिन तोड़ रहे 36 घरों के ताले, एक साल में 5 गुना से अधिक चोरी - एक साल में 5 गुना से अधिक चोरी

दिल्ली में चोरी का ग्रॉफ तेजी से बढ़ रहा है. बीते साल की तुलना में इस साल 553 प्रतिशत की चोरी की घटनाओं में बढ़ोत्तरी हुई है. हालांकि, दिल्ली पुलिस इसको कंट्रोल करने का दावा कर रही है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

दिल्ली में बदमाश
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Published : Nov 30, 2022, 6:24 PM IST

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में पुलिस की तमाम कोशिशों के बाद भी अपराध कम होने का नाम नहीं ले रहा है. दिल्ली में घरों में चोरी होने के मामलों में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 553 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. बदमाशों ने इस वर्ष के पहले 196 दिनों में ही 7,561 वारदातों को अंजाम दिया है. दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष गैर जघन्य श्रेणी के अपराधों में आठ प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

जघन्य अपराध की श्रेणी में यह बढ़ोतरी पिछले साल की तुलना में 13 प्रतिशत पहुंच गई है. जबकि, दिल्ली पुलिस ने इस वर्ष अपराध रोकने के लिए न केवल पीसीआर को थाने से जोड़ दिया है. बल्कि पुलिस ने हर इलाके में नए इंटेग्रेटड़ बूथ खोले हैं. बावजूद इसके अपराध रूकने का नाम नहीं ले रहा है.

यह भी पढ़ेंः कोर्ट के चैंबर में महिला कर्मचारी के साथ आपत्तिजनक हालत में दिखे वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी, सस्पेंड

बदमाश हर दिन तोड़ रहे 36 घरों के तालेः बदमाश दिल्ली में हर दिन 36 घरों के ताले तोड़ कर चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, 1 जनवरी से 15 जुलाई तक के दिए साल के पहले 196 दिनों में घरों में चोरी की 7,561 वारदात सामने आई. जबकि, 2021 में पहले 196 दिनों में बदमाशों ने 1,158 वारदातों को अंजाम दिया था. इसके अलावा अगर वाहन चोरी की वारदातों की बात की जाए चोरी की 2021 में 18814 वारदातें दर्ज की गई थीं. जबकि 2022 में 19548 घटनाएं दर्ज कराई गई.

पहली बार अपराध करने वाले बने समस्याः पुलिस अधिकारियों की मानें तो दिल्ली में पहली बार अपराध करने वाले लोगों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. पहली बार अपराध करने वाले लोगों का आंकड़ा पुलिस के पास नहीं होता. इसके चलते उन्हें पकड़ने में समय लग जाता है. साथ ही चोरी और झपटमारी के मामलों में बदमाशों को जल्दी जमानत भी मिल जाती है. इसके चलते अपराधी लगातार बेखौफ होकर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं.

अपराध कम करने के लिए किए गए नए बदलाव

  • पुलिस जल्द लोगों की मदद के लिए पहुंचे इसलिए पीसीआर यूनिट को थाने से जोड़ा.
  • इलाके में पुलिस की मौजूदगी बढ़े इसलिए इंटेग्रेटड़ बूथ खोले.
  • घटना के बाद एसएचओ और एसीपी को घटनास्थल पर जाना अनिवार्य किया.
  • थाने में मौजूद स्टाफ को जांच करने और इलाके में ड्यूटी देने के लिए दो हिस्सों में बांटा.
  • आरोपियों की पता लगने और पकड़ने के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल शुरू किया.
  • थानों की पुलिस पर दवाब कम करने के लिए ट्रैफिक के अलग थाने बनाने की तैयारी.
  • स्ट्रीट क्राइम करने वालों पर भी लगाई जाएगी गंभीर अपराध की धारा.
  • आईआईटी दिल्ली से झपटमारी और सेंधमारी की ज्यादा वारदातों की जगहों और तरीकों पर अध्ययन के लिए समझौता किया.

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में पुलिस की तमाम कोशिशों के बाद भी अपराध कम होने का नाम नहीं ले रहा है. दिल्ली में घरों में चोरी होने के मामलों में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 553 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. बदमाशों ने इस वर्ष के पहले 196 दिनों में ही 7,561 वारदातों को अंजाम दिया है. दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष गैर जघन्य श्रेणी के अपराधों में आठ प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

जघन्य अपराध की श्रेणी में यह बढ़ोतरी पिछले साल की तुलना में 13 प्रतिशत पहुंच गई है. जबकि, दिल्ली पुलिस ने इस वर्ष अपराध रोकने के लिए न केवल पीसीआर को थाने से जोड़ दिया है. बल्कि पुलिस ने हर इलाके में नए इंटेग्रेटड़ बूथ खोले हैं. बावजूद इसके अपराध रूकने का नाम नहीं ले रहा है.

यह भी पढ़ेंः कोर्ट के चैंबर में महिला कर्मचारी के साथ आपत्तिजनक हालत में दिखे वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी, सस्पेंड

बदमाश हर दिन तोड़ रहे 36 घरों के तालेः बदमाश दिल्ली में हर दिन 36 घरों के ताले तोड़ कर चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, 1 जनवरी से 15 जुलाई तक के दिए साल के पहले 196 दिनों में घरों में चोरी की 7,561 वारदात सामने आई. जबकि, 2021 में पहले 196 दिनों में बदमाशों ने 1,158 वारदातों को अंजाम दिया था. इसके अलावा अगर वाहन चोरी की वारदातों की बात की जाए चोरी की 2021 में 18814 वारदातें दर्ज की गई थीं. जबकि 2022 में 19548 घटनाएं दर्ज कराई गई.

पहली बार अपराध करने वाले बने समस्याः पुलिस अधिकारियों की मानें तो दिल्ली में पहली बार अपराध करने वाले लोगों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. पहली बार अपराध करने वाले लोगों का आंकड़ा पुलिस के पास नहीं होता. इसके चलते उन्हें पकड़ने में समय लग जाता है. साथ ही चोरी और झपटमारी के मामलों में बदमाशों को जल्दी जमानत भी मिल जाती है. इसके चलते अपराधी लगातार बेखौफ होकर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं.

अपराध कम करने के लिए किए गए नए बदलाव

  • पुलिस जल्द लोगों की मदद के लिए पहुंचे इसलिए पीसीआर यूनिट को थाने से जोड़ा.
  • इलाके में पुलिस की मौजूदगी बढ़े इसलिए इंटेग्रेटड़ बूथ खोले.
  • घटना के बाद एसएचओ और एसीपी को घटनास्थल पर जाना अनिवार्य किया.
  • थाने में मौजूद स्टाफ को जांच करने और इलाके में ड्यूटी देने के लिए दो हिस्सों में बांटा.
  • आरोपियों की पता लगने और पकड़ने के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल शुरू किया.
  • थानों की पुलिस पर दवाब कम करने के लिए ट्रैफिक के अलग थाने बनाने की तैयारी.
  • स्ट्रीट क्राइम करने वालों पर भी लगाई जाएगी गंभीर अपराध की धारा.
  • आईआईटी दिल्ली से झपटमारी और सेंधमारी की ज्यादा वारदातों की जगहों और तरीकों पर अध्ययन के लिए समझौता किया.
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