नई दिल्ली: दिल्ली महिला आयोग की चेयरपर्सन स्वाति मालीवाल ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की वार्षिक अपराध रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है. उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा के मुद्दे को राजनीति से दूर रखने की ज़रूरत है. स्वाति ने अपने 'X' अकाउंट पर लिखा है कि 'एक बार फिर हर साल की तरह हमारी सुंदर प्यारी दिल्ली महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित शहरों की सूची में शामिल है. दिल्ली महिला आयोग में पिछले 8 साल में हमने महिलाओं की मदद के लिए हर संभव कोशिश की है.'
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एक बार फिर हर साल की तरह हमारी सुंदर प्यारी दिल्ली महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित शहरों की सूची में शामिल है। दिल्ली महिला आयोग में पिछले 8 साल में हमने महिलाओं की मदद के लिए हर संभव कोशिश की है।
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महिला सुरक्षा ऐसा मुद्दा है जिसे राजनीति से दूर रखने की ज़रूरत है। बेटियाँ किसी…एक बार फिर हर साल की तरह हमारी सुंदर प्यारी दिल्ली महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित शहरों की सूची में शामिल है। दिल्ली महिला आयोग में पिछले 8 साल में हमने महिलाओं की मदद के लिए हर संभव कोशिश की है।
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महिला सुरक्षा ऐसा मुद्दा है जिसे राजनीति से दूर रखने की ज़रूरत है। बेटियाँ किसी…
उन्होंने आगे लिखा है कि 'महिला सुरक्षा ऐसा मुद्दा है जिसे राजनीति से दूर रखने की ज़रूरत है. बेटियां किसी पार्टी की नहीं, हमे मिलकर दिल्ली को सुरक्षित बनाना है. सब सरकारें, पुलिस, DCW सब एकसाथ आएं और दिल्ली को सुरक्षित बनाए.' रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली की महिलाओं के साथ सबसे अधिक आपराधिक घटनाएं हुई हैं. 2022 में 14,158 केस दर्ज हुए, जिनमें से 3909 अपहरण की घटनाएं, रेप की 1204 घटनाएं, दहेज हत्या की 129 घटनाएं और पतियों या रिश्तोदारों द्वारा क्रूरता की 4847 घटनाएं दर्ज हुई हैं.
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सोमवार को जारी राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की वार्षिक अपराध रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत साल 2022 में कुल 2,98,988 मामले दर्ज किए गए। 2021 में 2,89,045 मामले दर्ज किए गए थे। पिछले वर्ष की तुलना में इन घटनाओं में 3.3 फीसदी का इजाफा दर्ज हुआ है। वहीं 2020 में दर्ज किए गए मामलों की कुल संख्या 2,45,844 थी.