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'पार्किंग समस्या के समाधान के लिए सबके साथ मिलकर काम करेंगे'- गोपाल राय

दिल्ली में जाम की समस्या पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है और इसे लेकर कोर्ट ने दिशा निर्देश जारी किए है.

गोपाल राय etv bharat
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Published : Sep 4, 2019, 1:26 AM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में पार्किंग बड़ी समस्या है और इसे लेकर अब सुप्रीम कोर्ट ने भी दिशा निर्देश जारी किया है. सोमवार को कोर्ट की तरफ से दिल्ली सरकार को अगले 25 साल के लिए पार्किंग जरूरतों का समुचित आकलन करने का निर्देश दिया गया था. इसके बाद अब दिल्ली सरकार अपनी दलीलों के साथ सामने आई है.

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सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जब हमने आम आदमी पार्टी का पक्ष लेने के लिए कैबिनेट मंत्री गोपाल राय से बातचीत की, तो उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार हमेशा से इसे लेकर प्रयास करती रही है.

'ऑड-ईवन से दिल्ली वालों को फायदा'
दिल्ली में जिस तरह की जाम की व्यवस्था बनी है, उसे ठीक किया जाए और सुधारा जाए. उन्होंने कहा कि दिल्ली में मल्टीपल एजेंसियां काम करती हैं. इसलिए सरकार निश्चित रूप से सबको साथ लेकर प्रयास करेगी ताकि इसका समाधान निकले.

दिल्ली में ट्रेफिक जाम की समस्या पर गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में जब हमने ऑड-ईवन लागू किया था. उस दौरान प्रदूषण के साथ-साथ जाम से भी निजात मिली थी और आज भी उसको पूरी दिल्ली याद करती है. इसलिए हम आगे भी ऐसी पहल करेंगे और लोगों के बीच भी इसे लेकर जागरूकता फैलाने की कोशिश की जाएगी.

अतिक्रमण को हटाने के लिए 15 दिन
सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्देश में सड़क के फुटपाथ पर हुए अतिक्रमण को हटाने के भी निर्देश दिए हैं. इसके लिए 15 दिन का समय निर्धारित किया गया है. कोर्ट के इस निर्देश के बाद दिल्ली के कई रेहड़ी पटरी वालों ने मंगलवार को मुख्यमंत्री केजरीवाल से मुलाकात की.

इसके बाद अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए लिखा कि आज पूरी दिल्ली से बहुत सारे रेहड़ी पटरी वाले मुझसे मिलने आए. सब में बेहद खौफ है कि अब उनकी रोजी-रोटी चली जाएगी. हम चाहते हैं कि दिल्ली की सड़कें साफ हों, लेकिन दुनिया में ऐसा कोई शहर नहीं जहां रेहड़ी पटरी वाले ना हों, किसी भी शहर की अर्थव्यवस्था में ये लोग अहम योगदान देते हैं.

सीएम केजरीवाल ने यह भी लिखा है कि इनकी रोजी रोटी बचाना हम सबकी जिम्मेदारी है. मैं वकीलों से बात कर रहा हूं कि इसमें क्या रास्ता निकल सकता है. दिल्ली सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले की भावना और लाखों रेहड़ी पटरी वालों के रोजगार दोनों का ध्यान रखते हुए जल्दी इसका समाधान निकालेगी और जरूरत पड़ेगी तो सरकार दोबारा कोर्ट भी जाएगी.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में पार्किंग बड़ी समस्या है और इसे लेकर अब सुप्रीम कोर्ट ने भी दिशा निर्देश जारी किया है. सोमवार को कोर्ट की तरफ से दिल्ली सरकार को अगले 25 साल के लिए पार्किंग जरूरतों का समुचित आकलन करने का निर्देश दिया गया था. इसके बाद अब दिल्ली सरकार अपनी दलीलों के साथ सामने आई है.

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सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जब हमने आम आदमी पार्टी का पक्ष लेने के लिए कैबिनेट मंत्री गोपाल राय से बातचीत की, तो उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार हमेशा से इसे लेकर प्रयास करती रही है.

'ऑड-ईवन से दिल्ली वालों को फायदा'
दिल्ली में जिस तरह की जाम की व्यवस्था बनी है, उसे ठीक किया जाए और सुधारा जाए. उन्होंने कहा कि दिल्ली में मल्टीपल एजेंसियां काम करती हैं. इसलिए सरकार निश्चित रूप से सबको साथ लेकर प्रयास करेगी ताकि इसका समाधान निकले.

दिल्ली में ट्रेफिक जाम की समस्या पर गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में जब हमने ऑड-ईवन लागू किया था. उस दौरान प्रदूषण के साथ-साथ जाम से भी निजात मिली थी और आज भी उसको पूरी दिल्ली याद करती है. इसलिए हम आगे भी ऐसी पहल करेंगे और लोगों के बीच भी इसे लेकर जागरूकता फैलाने की कोशिश की जाएगी.

अतिक्रमण को हटाने के लिए 15 दिन
सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्देश में सड़क के फुटपाथ पर हुए अतिक्रमण को हटाने के भी निर्देश दिए हैं. इसके लिए 15 दिन का समय निर्धारित किया गया है. कोर्ट के इस निर्देश के बाद दिल्ली के कई रेहड़ी पटरी वालों ने मंगलवार को मुख्यमंत्री केजरीवाल से मुलाकात की.

इसके बाद अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए लिखा कि आज पूरी दिल्ली से बहुत सारे रेहड़ी पटरी वाले मुझसे मिलने आए. सब में बेहद खौफ है कि अब उनकी रोजी-रोटी चली जाएगी. हम चाहते हैं कि दिल्ली की सड़कें साफ हों, लेकिन दुनिया में ऐसा कोई शहर नहीं जहां रेहड़ी पटरी वाले ना हों, किसी भी शहर की अर्थव्यवस्था में ये लोग अहम योगदान देते हैं.

सीएम केजरीवाल ने यह भी लिखा है कि इनकी रोजी रोटी बचाना हम सबकी जिम्मेदारी है. मैं वकीलों से बात कर रहा हूं कि इसमें क्या रास्ता निकल सकता है. दिल्ली सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले की भावना और लाखों रेहड़ी पटरी वालों के रोजगार दोनों का ध्यान रखते हुए जल्दी इसका समाधान निकालेगी और जरूरत पड़ेगी तो सरकार दोबारा कोर्ट भी जाएगी.

Intro:दिल्ली में जाम की समस्या पर अब सुप्रीम कोर्ट ने भी संज्ञान लिया है और इसे लेकर कोर्ट द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों पर दिल्ली सरकार की तंद्रा टूटती दिख रही है.


Body:नई दिल्ली: दिल्ली में पार्किंग बड़ी समस्या है और इसे लेकर अब सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी तरफ से दिशा निर्देश जारी किया है. सोमवार को कोर्ट की तरफ से दिल्ली सरकार को अगले 25 साल के लिए पार्किंग जरूरतों का समुचित आकलन करने का निर्देश दिया गया था. इसके बाद अब दिल्ली सरकार अपनी दलीलों के साथ सामने आई है.

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जब हमने आम आदमी पार्टी का पक्ष लेने के लिए कैबिनेट मंत्री गोपाल राय से बातचीत की, तो उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार हमेशा से इसे लेकर प्रयास करती रही है कि दिल्ली में जिस तरह की जाम की व्यवस्था बनी है, उसे ठीक किया जाए और सुधारा जाए. उन्होंने कहा कि दिल्ली में मल्टीपल एजेंसियां काम करती हैं. इसलिए सरकार निश्चित रूप से सबको साथ लेकर प्रयास करेगी कि इसका समाधान निकले.

दिल्ली की जाम की समस्या के निदान को लेकर अपने प्रयास बताते हुए गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में जब हमने ऑड इवेन लागू किया था उस दौरान प्रदूषण के साथ-साथ जाम से भी निजात मिली थी और आज भी उसको पूरी दिल्ली याद करती है. इसलिए हम आगे भी ऐसी पहल करेंगे और लोगों के बीच भी इसे लेकर जागरूकता फैलाने की कोशिश की जाएगी.

शीर्ष अदालत ने अपने निर्देश में सड़क के फुटपाथ पर हुए अतिक्रमण को हटाने के भी निर्देश दिया है और इसके लिए 15 दिन का समय निर्धारित किया है. कोर्ट के इस निर्देश के बाद दिल्ली के कई रेहड़ी पटरी वालों ने मंगलवार को मुख्यमंत्री केजरीवाल से मुलाकात की. इसके बाद अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए लिखा कि आज पूरी दिल्ली से बहुत सारे रेहड़ी पटरी वाले मुझसे मिलने आए. सब में बेहद खौफ है कि अब उनकी रोजी-रोटी चली जाएगी. हम चाहते हैं कि दिल्ली की सड़कें साफ हों, लेकिन दुनिया में ऐसा कोई शहर नहीं जहां रेहड़ी पटरी वाले ना हों, किसी भी शहर की अर्थव्यवस्था में ये लोग अहम योगदान देते हैं.

केजरीवाल ने यह भी लिखा है कि इनकी रोजी रोटी बचाना हम सबकी जिम्मेदारी है. मैं वकीलों से बात कर रहा हूं कि इसमें क्या रास्ता निकल सकता है. दिल्ली सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले की भावना और लाखों रेहड़ी पटरी वालों के रोजगार दोनों का ध्यान रखते हुए जल्दी इसका समाधान निकालेगी और जरूरत पड़ेगी तो सरकार दोबारा कोर्ट भी जाएगी.


Conclusion:गौरतलब है कि दिल्ली में पार्किंग की अव्यवस्था के कारण लगने वाला जाम हमेशा से एक बड़ा मुद्दा बनता रहा है. अब इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान लेने के बाद देखने वाली बात होगी कि सरकार अब भी कोई ठोस कदम उठा पाती है या नहीं.
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