नई दिल्ली: हत्या, हत्या का प्रयास और जबरन उगाही की दर्जन भर वारदातों में शामिल कुख्यात बदमाश अमित पंडित को स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया है. वो अनिल दुजाना गैंग का सदस्य है. अप्रैल 2018 में ही वो जेल से छूटकर आया था. उसके पास से दो विदेशी पिस्तौल, जिंदा कारतूस और एक मोबाइल पुलिस ने बरामद किया है.
डीसीपी स्पेशल सेल प्रमोद कुशवाहा के अनुसार इंस्पेक्टर कैलाश बिष्ट और इंस्पेक्टर प्रमोद चौहान इनामी बदमाशों को लेकर काम कर रहे थे. इस दौरान पता चला कि भजनपुरा में रहने वाला एक बदमाश उमेश पंडित से संपर्क में है, जो कुख्यात अनिल दुजाना गैंग का सदस्य है. उस पर दर्जनों मामले दर्ज हैं. 27 अगस्त 2019 को उमेश पंडित को यूपी पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया था. मुठभेड़ के दौरान उसके पास से एके-47 बरामद हुई थी.
भजनपुरा से गिरफ्तार हुआ अमित पंडित
इस दौरान पुलिस को पता चला कि उमेश पंडित का खास गुर्गा अमित शर्मा उर्फ अमित पंडित भजनपुरा में छिपा हुआ है. उसके पास भी अत्याधुनिक हथियार है, जो उमेश ने उसे दिए थे. आगे पता चला कि हत्या, हत्या प्रयास जबरन उगाही और गैंगस्टर एक्ट की 12 वारदातों में वह पहले गिरफ्तार हो चुका है.
हाल ही में स्पेशल सेल को सूचना मिली कि अमित शर्मा अपने साथियों से मिलने के लिए भजनपुरा इलाके में आएगा. इस जानकारी पर पुलिस टीम ने शाम के समय छापा मारकर उसे पकड़ लिया. उसके पास से एक विदेशी पिस्तौल और कारतूस बरामद किए गए. इसे लेकर आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज किया गया है.
2008 में शुरु किया आपराधिक जीवन
पूछताछ में उसने पुलिस को बताया कि वो पहले गाजियाबाद में प्रॉपर्टी डीलिंग करता था. वर्ष 2008 में उसकी दोस्ती दुजाना गांव के निवासी संजय से हुई थी. वो उसके साथ प्रॉपर्टी में रुपए लगाने लगा. संजय ने 40 लाख रुपए सोनू शर्मा को दिए थे, लेकिन ये रकम वो लौटा नहीं रहा था. सोनू ने संजय की हत्या करवा दी.
इस बीच अमित कुख्यात बदमाश अनिल दुजाना के संपर्क में आया. अपने दोस्त की हत्या का बदला लेने के लिए उसने अनिल दुजाना की मदद से सोनू की हत्या करवा दी. उन्होंने मिलकर इसके बाद संजीव त्यागी की हत्या कर दी. जिससे उनका प्रॉपर्टी को लेकर विवाद था. मुजफ्फरनगर में 6 साल तक वो जेल में रहा और 19 अप्रैल 2018 को जेल से बाहर निकला था. उसकी निशानदेही पर एक ऑटोमेटिक ग्लोक पिस्तौल भी बरामद हुई है जो टर्की की बनी हुई है.