नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के द्वारा शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजे जाने के मामले ने अब नए विवाद का रूप ले लिया है. उपराज्यपाल के द्वारा खर्चे को लेकर दिल्ली सरकार से ब्यौरा मांगा गया है. पूरे मामले पर हरीश खुराना ने मनीष सिसोदिया पर निशाना साधते हुए कहा कि वह जानबूझकर दिल्ली के उपराज्यपाल के साथ विवाद खड़ा कर रहे हैं. साथ ही हरीश खुराना ने उपमुख्यमंत्री से यह सवाल पूछा कि दिल्ली सरकार के अंतर्गत जो कॉलेज आते हैं उसमें शिक्षकों को 4 महीने से वेतन नहीं मिला है, जिसको लेकर जवाब मनीष सिसोदिया कोई जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं.
राजधानी में एमसीडी के सदन में 6 जनवरी को हुए हंगामे के बाद से लगातार सियासी पारा पूरे तरीके से गरमाया हुआ है. इस बीच दिल्ली सरकार के द्वारा शिक्षकों को विदेश ट्रेनिंग के लिए भेजे जाने को लेकर नए विवाद ने जन्म ले लिया है. गुरुवार को उपमुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री द्वारा पूरे मामले पर ट्वीट कर दिल्ली के उपराज्यपाल पर निशाना साधा गया था. इसके बाद आज दिल्ली बीजेपी की प्रदेश इकाई के प्रवक्ता हरीश खुराना ने मामले पर बयान जारी किया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, उपराज्यपाल के साथ फिर से नया विवाद खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं. पहले भी कई विवाद इसी तरह से हुए है. चाहे वह नजीब जंग हों, अनिल बैजल हों या फिर विनय कुमार सक्सेना, दिल्ली का जो भी उपराज्यपाल रहा है उससे मनीष सिसोदिया को परेशानी रही है.
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हरीश खुराना ने मनीष सिसोदिया को कहा कि, आपको समझना पड़ेगा और संविधान के अनुसार चलना भी पड़ेगा. लेफ्टिनेंट गवर्नर के द्वारा आपसे सिर्फ ब्योरा मांगा गया है कि दिल्ली के जिन शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए विदेश भेजा जा रहा है उसका कितना खर्च है और दिल्ली सरकार द्वारा कितना व्यय किया जा रहा है. लेकिन वह हर चीज अपनी ईगो पर ले लेते हैं. उपराज्यपाल द्वारा उसकी पूरी जानकारी मुहैया करानी चाहिए. खुराना ने सवाल पूछते हुए कहा कि आप कहना है कि दिल्ली के अंदर शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए शिक्षकों को ट्रेनिंग पर भेजा जा रहा है. लेकिन दिल्ली विश्वविद्यालय के जो शिक्षक दिल्ली सरकार के अंतर्गत आते हैं क्या दिल्ली सरकार ने उन्हें सैलरी दे दी. इन शिक्षकों को 4 महीने से सैलरी नहीं मिल रही है और वह परेशान है. ऐसे में आप शिक्षकों को बाहर भेज रहे है.
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