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आजादपुर मंडी में फंसे मजदूरों की वास्तविक संख्या बताएं SDM: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने मॉडल टाउन के एसडीएम को निर्देश दिया कि वे मौके पर जाकर वेरिफाई करें कि वहां फंसे हुए मजदूरों की वास्तविक संख्या कितनी है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को भी निर्देश दिया कि वे इस काम में एसडीएम की मदद करें.

Delhi High Court
हाईकोर्ट
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Published : Jun 9, 2020, 10:07 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मॉडल टाउन के एसडीएम को निर्देश दिया है कि वो आजादपुर मंडी के आसपास फंसे मजदूरों की वास्तविक संख्या बताएं. जस्टिस हीमा कोहली की अध्यक्षता वाली बेंच ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई सुनवाई के बाद एसडीएम को निर्देश दिया कि वे ये भी बताएं कितने मजदूरों को रात और दिन के खाने की जरुरत है. इस मामले पर अगली सुनवाई 16 जून को होगी.


4 हंगर रिलीफ सेंटर चलाए जा रहे हैं

मॉडल टाउन के एसडीएम ने हाईकोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में कहा कि आजादपुर मंडी में दो हंगर रिलीफ सेंटर चलाए जा रहे हैं. जबकि आजादपुर मंडी के डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर भी दो हंगर रिलीफ सेंटर चलाए जा रहे हैं. इन चारों हंगर रिलीफ सेंटर में 1300 लंच और 1300 डिनर के पैकेट रोज मजदूरों को बांटे जाते हैं. हलफनामे में कहा गया है कि दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड की ओर से आजादपुर मंडी के पास सराय पीपल थाला में शेल्टर होम भी बनाया गया है, जहां फंसे हुए मजदूर ठहर सकते हैं. इसके अलावा मॉडल टाउन-3, आजापुर कालोनी और ढाका विलेज के तीन स्कूलों में भी शेल्टर होम स्थापित किए गए हैं.

शेल्टर होम में कितने लोगों की व्यवस्था

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली सरकार के वकील अनुज अग्रवाल से पूछा कि सराय पीपल थाला और बाकी तीन शेल्टर होम में कितने लोगों को ठहराया जा सकता है. तब अनुज अग्रवाल ने कहा कि इसके लिए उन्हें कोई निर्देश नहीं मिला है. उसके बाद कोर्ट ने कहा कि यह जानना काफी जरुरी है कि उन शेल्टर होम में कितने लोगों को ठहराया जा सकता है.

मजदूरों की वास्तविक संख्या बताएं

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील सुमित राणा ने कहा कि दिल्ली सरकार का ये कहना सही नहीं है कि आजादपुर मंडी के पास फंसे मजदूरों की संख्या एक हजार से काफी कम है. राणा ने कहा कि अभी भी वहां करीब एक हजार मजदूर फंसे हुए हैं. तब कोर्ट ने मॉडल टाउन के एसडीएम को निर्देश दिया कि वे मौके पर जाकर वेरिफाई करें कि वहां फंसे हुए मजदूरों की वास्तविक संख्या कितनी है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को भी निर्देश दिया कि वे इस काम में एसडीएम की मदद करें. कोर्ट ने एसडीएम को इस संबंध में 15 जून तक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया.

एक हजार मजदूर फंसे हुए हैं

पिछले 2 जून को ईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया था. याचिका पोटैटो एंड ओनियन मर्चेंट्स एसोसिएशन ने दायर किया है. याचिका में कहा गया है कि आजादपुर मंडी के पास बनाए गए आश्रय स्थल में करीब एक हजार मजदूर फंसे हुए हैं. याचिका में मांग की गई है कि इन मजदूरों के पुनर्वास की व्यवस्था की जाए.

मजदूरों को खाना मुहैया कराने का निर्देश

याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया था कि वे आजादपुर मंडी के पास बने दो हंगर रिलीफ सेंटर्स को इतना पका हुआ खाना मुहैया कराया जाए ताकि वहां फंसे हुए मजदूरों को दिन और रात का खाना रोज मिल सकें. दिल्ली सरकार ने कहा था कि इलाके के एसडीएम से उनकी फोन पर बात हुई थी, जिसमें बताया गया कि मॉडल टाउन सब डिवीजन में 34 राहत केंद्र चलाए जा रहे हैं. जबकि दो हंगर रिलीफ सेंटर्स आजादपुर मंडी के पास चलाए जा रहे हैं. उन्होंने कोर्ट से इस संबंध में विस्तृत हलफनामा दाखिल करने के लिए समय देने की मांग की.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मॉडल टाउन के एसडीएम को निर्देश दिया है कि वो आजादपुर मंडी के आसपास फंसे मजदूरों की वास्तविक संख्या बताएं. जस्टिस हीमा कोहली की अध्यक्षता वाली बेंच ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई सुनवाई के बाद एसडीएम को निर्देश दिया कि वे ये भी बताएं कितने मजदूरों को रात और दिन के खाने की जरुरत है. इस मामले पर अगली सुनवाई 16 जून को होगी.


4 हंगर रिलीफ सेंटर चलाए जा रहे हैं

मॉडल टाउन के एसडीएम ने हाईकोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में कहा कि आजादपुर मंडी में दो हंगर रिलीफ सेंटर चलाए जा रहे हैं. जबकि आजादपुर मंडी के डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर भी दो हंगर रिलीफ सेंटर चलाए जा रहे हैं. इन चारों हंगर रिलीफ सेंटर में 1300 लंच और 1300 डिनर के पैकेट रोज मजदूरों को बांटे जाते हैं. हलफनामे में कहा गया है कि दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड की ओर से आजादपुर मंडी के पास सराय पीपल थाला में शेल्टर होम भी बनाया गया है, जहां फंसे हुए मजदूर ठहर सकते हैं. इसके अलावा मॉडल टाउन-3, आजापुर कालोनी और ढाका विलेज के तीन स्कूलों में भी शेल्टर होम स्थापित किए गए हैं.

शेल्टर होम में कितने लोगों की व्यवस्था

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली सरकार के वकील अनुज अग्रवाल से पूछा कि सराय पीपल थाला और बाकी तीन शेल्टर होम में कितने लोगों को ठहराया जा सकता है. तब अनुज अग्रवाल ने कहा कि इसके लिए उन्हें कोई निर्देश नहीं मिला है. उसके बाद कोर्ट ने कहा कि यह जानना काफी जरुरी है कि उन शेल्टर होम में कितने लोगों को ठहराया जा सकता है.

मजदूरों की वास्तविक संख्या बताएं

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील सुमित राणा ने कहा कि दिल्ली सरकार का ये कहना सही नहीं है कि आजादपुर मंडी के पास फंसे मजदूरों की संख्या एक हजार से काफी कम है. राणा ने कहा कि अभी भी वहां करीब एक हजार मजदूर फंसे हुए हैं. तब कोर्ट ने मॉडल टाउन के एसडीएम को निर्देश दिया कि वे मौके पर जाकर वेरिफाई करें कि वहां फंसे हुए मजदूरों की वास्तविक संख्या कितनी है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को भी निर्देश दिया कि वे इस काम में एसडीएम की मदद करें. कोर्ट ने एसडीएम को इस संबंध में 15 जून तक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया.

एक हजार मजदूर फंसे हुए हैं

पिछले 2 जून को ईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया था. याचिका पोटैटो एंड ओनियन मर्चेंट्स एसोसिएशन ने दायर किया है. याचिका में कहा गया है कि आजादपुर मंडी के पास बनाए गए आश्रय स्थल में करीब एक हजार मजदूर फंसे हुए हैं. याचिका में मांग की गई है कि इन मजदूरों के पुनर्वास की व्यवस्था की जाए.

मजदूरों को खाना मुहैया कराने का निर्देश

याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया था कि वे आजादपुर मंडी के पास बने दो हंगर रिलीफ सेंटर्स को इतना पका हुआ खाना मुहैया कराया जाए ताकि वहां फंसे हुए मजदूरों को दिन और रात का खाना रोज मिल सकें. दिल्ली सरकार ने कहा था कि इलाके के एसडीएम से उनकी फोन पर बात हुई थी, जिसमें बताया गया कि मॉडल टाउन सब डिवीजन में 34 राहत केंद्र चलाए जा रहे हैं. जबकि दो हंगर रिलीफ सेंटर्स आजादपुर मंडी के पास चलाए जा रहे हैं. उन्होंने कोर्ट से इस संबंध में विस्तृत हलफनामा दाखिल करने के लिए समय देने की मांग की.

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