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स्कूली बच्चों ने देखी विधानसभा की कार्यवाही, नहीं पंसद आया सदन का हंगामा

दिल्ली में विधानसभा चालू सत्र को विवेक विहार स्थित सर्वोदय विद्यालय के बच्चे देखने के लिए पहुंचे. बच्चों ने कहा कि अध्यक्ष के भूमिका स्कूलों के टीचर की तरह होती है.

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Published : Aug 23, 2019, 9:07 PM IST

स्कूली बच्चों ने देखी विधानसभा की कार्यवाही, etv bharat

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में विधानसभा सत्र के दौरान स्कूली बच्चे भी विधानसभा की कार्यवाही देखने के लिए पहुंचे. इन स्कूली बच्चों ने खासतौर से विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल से निवेदन किया था कि जब विधानसभा का सत्र हो तो उन्हें एक बार सदन की कार्यवाही देखने का अवसर दिया जाए.

विधानसभा सदन की कार्यवाही को देखने पहुंचे स्कूली बच्चे

कार्यवाही के दौरान हंगामे से होता है समय खराब
स्कूली बच्चों के इस निवेदन पर ही शुक्रवार को उन्हें विधानसभा की कार्यवाही देखने का मौका मिला. जिससे स्कूली बच्चों ने काफी कुछ सीखा. जिन्हें अभी तक टीवी पर या अखबारों में देखते और पढ़ते आ रहे थे, उन्हें नजदीक से देखकर काफी अच्छा लगा मगर इस बात से बच्चे भी दुखी दिखाई दिए कि विधानसभा की कार्यवाही के दौरान हो-हंगामा हुआ.

बच्चों ने जताई थी सदन की कार्यवाही देखने की इच्छा
दरअसल पिछले दिनों विधानसभा परिसर में पौधारोपण के कार्यक्रम में कुछ स्कूली बच्चों को आमंत्रित किया गया था. उन बच्चों ने विधानसभा सत्र की कार्यवाही देखने की इच्छा जताई थी. उनके निवेदन पर ही आज यह अवसर उन्हें दिया गया. स्कूली बच्चों ने जो कुछ भी देखा समझा उन्होंने अपनी जुबानी सुनाई.

स्कूली टीचर की तरह होती है अध्यक्ष की भूमिका
स्कूली बच्चे बोले उन्होंने सत्र की कार्यवाही देखकर लोकतंत्र को नजदीक से समझने की कोशिश की. किस तरह सवाल-जवाब होता है, यह सब उन्हें देखने और समझने का मौका मिला. इसके अलावा विधानसभा कार्यवाही के दौरान विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका एक स्कूल के प्रिंसिपल की तरह होती है व आदेश, निर्देश सभी सदस्यों को देते हैं, उनके निर्देश पर तुरंत कार्रवाई होती है. इस संबंध में स्कूली बच्चों ने कहा कि बिल्कुल उन्हें ऐसा ही लगा जैसे स्कूल में उनके टीचर कहते और करते हैं.

विपक्ष नेता ने कार्यवाही के दौरान किया हंगामा
विधानसभा की कार्यवाही के दौरान विपक्ष के सदस्यों द्वारा जिस तरह कई मुद्दों पर सत्ता पक्ष के विधायकों के साथ कहासुनी हुई. विपक्ष के विधायक अध्यक्ष की कुर्सी के पास आकर हंगामा करने लगे और कुछ देर बाद उन्हें विधानसभा अध्यक्ष ने मार्शल के जरिए बाहर निकलवाया और नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता को विधानसभा सत्र की कार्यवाही के लिए सस्पेंड तक करना पड़ा.

विधानसभा में हो जनता से जुड़ी समस्याओं का हल
यह सब देख स्कूली छात्रों ने भी कहा कि विधानसभा में जनता से जुड़ी समस्याएं का समाधान करने की कोशिश होनी चाहिए. हंगामे की जगह विधानसभा के समय में सार्थक चर्चा की जाए तो अच्छा रहता. उन्हें यह देखकर अच्छा नहीं लगा. स्कूली बच्चों ने यह भी कहा कि डॉक्टर, इंजीनियर के अलावा विधानसभा की कार्यवाही देख यह भी मन हुआ कि वे भी एक राजनेता बने और समाज सेवा करें.

सर्वोदय विद्यालय स्कूल से थे बच्चे
बता दें कि जो स्कूली बच्चे विधानसभा की कार्यवाही देखने के लिए आज आए थे वे सभी विवेक विहार स्थित सर्वोदय विद्यालय की छात्राएं थी और इनमें भी अधिकांश वे थी जिनकी रुचि राजनीति में है. स्कूली छात्राओं के साथ उनकी टीचर, प्रिंसिपल भी आई थीं.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में विधानसभा सत्र के दौरान स्कूली बच्चे भी विधानसभा की कार्यवाही देखने के लिए पहुंचे. इन स्कूली बच्चों ने खासतौर से विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल से निवेदन किया था कि जब विधानसभा का सत्र हो तो उन्हें एक बार सदन की कार्यवाही देखने का अवसर दिया जाए.

विधानसभा सदन की कार्यवाही को देखने पहुंचे स्कूली बच्चे

कार्यवाही के दौरान हंगामे से होता है समय खराब
स्कूली बच्चों के इस निवेदन पर ही शुक्रवार को उन्हें विधानसभा की कार्यवाही देखने का मौका मिला. जिससे स्कूली बच्चों ने काफी कुछ सीखा. जिन्हें अभी तक टीवी पर या अखबारों में देखते और पढ़ते आ रहे थे, उन्हें नजदीक से देखकर काफी अच्छा लगा मगर इस बात से बच्चे भी दुखी दिखाई दिए कि विधानसभा की कार्यवाही के दौरान हो-हंगामा हुआ.

बच्चों ने जताई थी सदन की कार्यवाही देखने की इच्छा
दरअसल पिछले दिनों विधानसभा परिसर में पौधारोपण के कार्यक्रम में कुछ स्कूली बच्चों को आमंत्रित किया गया था. उन बच्चों ने विधानसभा सत्र की कार्यवाही देखने की इच्छा जताई थी. उनके निवेदन पर ही आज यह अवसर उन्हें दिया गया. स्कूली बच्चों ने जो कुछ भी देखा समझा उन्होंने अपनी जुबानी सुनाई.

स्कूली टीचर की तरह होती है अध्यक्ष की भूमिका
स्कूली बच्चे बोले उन्होंने सत्र की कार्यवाही देखकर लोकतंत्र को नजदीक से समझने की कोशिश की. किस तरह सवाल-जवाब होता है, यह सब उन्हें देखने और समझने का मौका मिला. इसके अलावा विधानसभा कार्यवाही के दौरान विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका एक स्कूल के प्रिंसिपल की तरह होती है व आदेश, निर्देश सभी सदस्यों को देते हैं, उनके निर्देश पर तुरंत कार्रवाई होती है. इस संबंध में स्कूली बच्चों ने कहा कि बिल्कुल उन्हें ऐसा ही लगा जैसे स्कूल में उनके टीचर कहते और करते हैं.

विपक्ष नेता ने कार्यवाही के दौरान किया हंगामा
विधानसभा की कार्यवाही के दौरान विपक्ष के सदस्यों द्वारा जिस तरह कई मुद्दों पर सत्ता पक्ष के विधायकों के साथ कहासुनी हुई. विपक्ष के विधायक अध्यक्ष की कुर्सी के पास आकर हंगामा करने लगे और कुछ देर बाद उन्हें विधानसभा अध्यक्ष ने मार्शल के जरिए बाहर निकलवाया और नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता को विधानसभा सत्र की कार्यवाही के लिए सस्पेंड तक करना पड़ा.

विधानसभा में हो जनता से जुड़ी समस्याओं का हल
यह सब देख स्कूली छात्रों ने भी कहा कि विधानसभा में जनता से जुड़ी समस्याएं का समाधान करने की कोशिश होनी चाहिए. हंगामे की जगह विधानसभा के समय में सार्थक चर्चा की जाए तो अच्छा रहता. उन्हें यह देखकर अच्छा नहीं लगा. स्कूली बच्चों ने यह भी कहा कि डॉक्टर, इंजीनियर के अलावा विधानसभा की कार्यवाही देख यह भी मन हुआ कि वे भी एक राजनेता बने और समाज सेवा करें.

सर्वोदय विद्यालय स्कूल से थे बच्चे
बता दें कि जो स्कूली बच्चे विधानसभा की कार्यवाही देखने के लिए आज आए थे वे सभी विवेक विहार स्थित सर्वोदय विद्यालय की छात्राएं थी और इनमें भी अधिकांश वे थी जिनकी रुचि राजनीति में है. स्कूली छात्राओं के साथ उनकी टीचर, प्रिंसिपल भी आई थीं.

Intro:नई दिल्ली. दिल्ली विधानसभा के चालू सत्र के दौरान शुक्रवार को कई स्कूली बच्चे भी विधानसभा की कार्यवाही देखने के लिए पहुंचे. इन स्कूली बच्चों ने खासतौर से विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल से निवेदन किया था कि जब विधानसभा का सत्र हो तो उन्हें एक बार सदन की कार्यवाही देखने का अवसर दिया जाए. स्कूली बच्चों के इस निवेदन पर ही शुक्रवार को उन्हें विधानसभा की कार्यवाही देखने का मौका मिला. जिससे स्कूली बच्चों ने काफी कुछ सीखा. जिन्हें अभी तक टीवी पर या अखबारों में देखते और पढ़ते आ रहे थे, उन्हें नजदीक से देख कर काफी अच्छा लगा. मगर इस बात से बच्चे भी दुखी दिखाई दिए कि विधानसभा की कार्यवाही के दौरान हो-हंगामा से किस तरह समय खराब होता है.


Body:स्कूली बच्चों के विधानसभा परिसर दौरे को लेकर ईटीवी भारत ने जब विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल से बातचीत की तो उन्होंने कहा पिछले दिनों विधानसभा परिसर में पौधारोपण के कार्यक्रम में कुछ स्कूली बच्चों को आमंत्रित किया गया था. उन बच्चों ने विधानसभा सत्र की कार्यवाही देखने की इच्छा जताई थी. उनके निवेदन पर ही आज यह अवसर उन्हें दिया गया.

स्कूली बच्चों ने जो कुछ भी देखा समझा उन्होंने अपनी जुबानी सुनाई. स्कूली बच्चे बोले उन्होंने सत्र की कार्यवाही देखकर लोकतंत्र को नजदीक से समझने की कोशिश की. किस तरह सवाल-जवाब होता है, यह सब उन्हें देखने और समझने का मौका मिला. इसके अलावा विधानसभा कार्यवाही के दौरान विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका एक स्कूल के प्रिंसिपल की तरह होती है व आदेश, निर्देश सभी सदस्यों को देते हैं, उनके निर्देश पर तुरंत कार्रवाई होती है, इस संबंध में स्कूली बच्चों ने कहा बिल्कुल उन्हें ऐसा ही लगा जैसे स्कूल में उनके टीचर कहते और करते हैं.

शुक्रवार को विधानसभा की कार्यवाही के दौरान विपक्ष के सदस्यों द्वारा जिस तरह कई मुद्दों पर सत्ता पक्ष के विधायकों के साथ कहासुनी हुई, विपक्ष के विधायक अध्यक्ष की कुर्सी के आकर हंगामा करने लगे और कुछ देर बाद उन्हें विधानसभा अध्यक्ष ने मार्शल के जरिए बाहर निकलवाया और नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता को विधानसभा सत्र की कार्यवाही के लिए सस्पेंड तक करना पड़ा, यह सब देख स्कूली छात्रों ने भी कहा कि विधानसभा जनता से जुड़ी समस्याएं का समाधान करने की कोशिश होनी चाहिए. हंगामे की जगह विधानसभा के समय में सार्थक चर्चा की जाए तो अच्छा रहता. उन्हें यह देखकर अच्छा नहीं लगा.

स्कूली बच्चों ने यह भी कहा कि डॉक्टर, इंजीनियर के अलावा विधानसभा की कार्यवाही देख यह भी मन हुआ कि वे भी एक राजनेता बने और समाज सेवा करें.


Conclusion:बता दें कि जो स्कूली बच्चे विधानसभा की कार्यवाही देखने के लिए आज आए थे वे सभी विवेक विहार स्थित सर्वोदय विद्यालय की छात्राएं थी और इनमें भी अधिकांश वे थी जिनकी रुचि राजनीति में है. स्कूली छात्राओं के साथ उनकी टीचर, प्रिंसिपल भी आई थी.

समाप्त, आशुतोष झा
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