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Sawan Putrada Ekadashi 2023: 27 या 28 अगस्त, पुत्रदा एकादशी कब ? जानें पूजा विधि, महत्व और शुभ मुहूर्त

पुत्रदा एकादशी या पवित्रा एकादशी का व्रत रविवार को रखा जाएगा. व्रत का शुभ मुहूर्त 26 अगस्त को रात 12:08 बजे से शुरू होकर रविवार रात 09:32 बजे तक रहेगी.

पुत्रदा एकादशी का व्रत
पुत्रदा एकादशी का व्रत
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 24, 2023, 10:15 AM IST

Updated : Aug 24, 2023, 10:23 AM IST

आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा

नई दिल्ली/गाजियाबाद: हिन्दू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व बताया है. श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पुत्रदा एकादशी कहते है. इसे पवित्रा एकादशी भी कहा जाता है. एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है. साल में कुल 24 एकादशी पड़ती है जबकि जिस साल अधिक मास लगता है उस साल 26 एकादशी होती हैं. पुत्रदा एकादशी का व्रत रविवार, 27 अगस्त 2023 को रखा जाएगा. पुत्रदा एकादशी का व्रत बेहद फलदाई बताया गया है.

पुत्रदा एकादशी का महत्व

आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा के मुताबिक पुत्रदा एकादशी को पवित्रा एकादशी भी कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने से सभी प्रकार के पाप, धन संकट के साथ ही सफलता में आ रही अड़चनों से मुक्ति मिलती है. संतान प्राप्ति के लिए भी पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाता है. सच्चे मन से पुत्रदा एकादशी व्रत को करने से निसंतान दंपतियों को संतान की प्राप्ति होती है.

० पूजा विधि

पुत्रदा एकादशी के दिन प्रात:काल उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े पहनें. घर के मंदिर में दीप जलाएं और भगवान विष्णु का गंगाजल से अभिषेक करें. एकादशी के व्रत का संकल्प करें. भगवान विष्णु की पूजा व विष्णु सहस्रनाम का जाप करें. दूध, दही, नैवेद्य आदि का भोग लगाएं. विष्णु सहस्रनाम, गोपाल सहस्रनाम, ॐ नमः भगवतेः वासुदेवाय आदि का जाप करें. ऐसा करने से परम कल्याण होता है.

० पुत्रदा एकादशी शुभ मुहूर्त

- पुत्रदा एकादशी प्रारंभ: 26 अगस्त (शनिवार) रात 12:08 मिनट से शुरू.

- पुत्रदा एकादशी समाप्त: 27 अगस्त (रविवार), रात 09:32 मिनट पर समाप्त होगी.

- व्रत पारण का समय: 28 अगस्त (सोमवार) सुबह 05:57 बजे से 08:31 बजे तक.

- पुत्रदा एकादशी का व्रत: (रविवार) 27 अगस्त को रखा जाएगा.

० इन बातों का रखें विशेष ध्यान

- पुत्रदा एकादशी के दिन तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए. किसी भी तरह के नशीले पदार्थ जैसे शराब, गुटखा, सिगरेट आदि से बचना चाहिए.

- ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक मकर संक्रांति, अमावस्या, चतुर्दशी, पूर्णिमा और एकादशी तिथि के दिन संबंध नहीं बनाने चाहिए. इस दिन ऐसा करना पाप माना गया है.

- पुत्रदा एकादशी पर विशेष तौर पर ख्याल रखें कि किसी से गलत वाणी का प्रयोग ना करें और ना ही किसी पर गुस्सा करें.



ये भी पढ़ें: Parma Ekadashi 2023: तीन साल में एक बार आती है परमा एकादशी, व्रत रखने से दूर होंगे धन संकट

ये भी पढ़ें: Devshayani Ekadashi 2023: 29 जून को रखा जाएगा देवशयनी एकादशी का व्रत, जानें शुभ मुहूर्त एवं पूजन विधि

ये भी पढ़ें: Chaturmas 2023: चातुर्मास में भी कर सकते हैं शुभ कार्य, यहां देखें गृह निर्माण, गृह प्रवेश और विवाह के शुभ मुहूर्त



आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा

नई दिल्ली/गाजियाबाद: हिन्दू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व बताया है. श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पुत्रदा एकादशी कहते है. इसे पवित्रा एकादशी भी कहा जाता है. एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है. साल में कुल 24 एकादशी पड़ती है जबकि जिस साल अधिक मास लगता है उस साल 26 एकादशी होती हैं. पुत्रदा एकादशी का व्रत रविवार, 27 अगस्त 2023 को रखा जाएगा. पुत्रदा एकादशी का व्रत बेहद फलदाई बताया गया है.

पुत्रदा एकादशी का महत्व

आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा के मुताबिक पुत्रदा एकादशी को पवित्रा एकादशी भी कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने से सभी प्रकार के पाप, धन संकट के साथ ही सफलता में आ रही अड़चनों से मुक्ति मिलती है. संतान प्राप्ति के लिए भी पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाता है. सच्चे मन से पुत्रदा एकादशी व्रत को करने से निसंतान दंपतियों को संतान की प्राप्ति होती है.

० पूजा विधि

पुत्रदा एकादशी के दिन प्रात:काल उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े पहनें. घर के मंदिर में दीप जलाएं और भगवान विष्णु का गंगाजल से अभिषेक करें. एकादशी के व्रत का संकल्प करें. भगवान विष्णु की पूजा व विष्णु सहस्रनाम का जाप करें. दूध, दही, नैवेद्य आदि का भोग लगाएं. विष्णु सहस्रनाम, गोपाल सहस्रनाम, ॐ नमः भगवतेः वासुदेवाय आदि का जाप करें. ऐसा करने से परम कल्याण होता है.

० पुत्रदा एकादशी शुभ मुहूर्त

- पुत्रदा एकादशी प्रारंभ: 26 अगस्त (शनिवार) रात 12:08 मिनट से शुरू.

- पुत्रदा एकादशी समाप्त: 27 अगस्त (रविवार), रात 09:32 मिनट पर समाप्त होगी.

- व्रत पारण का समय: 28 अगस्त (सोमवार) सुबह 05:57 बजे से 08:31 बजे तक.

- पुत्रदा एकादशी का व्रत: (रविवार) 27 अगस्त को रखा जाएगा.

० इन बातों का रखें विशेष ध्यान

- पुत्रदा एकादशी के दिन तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए. किसी भी तरह के नशीले पदार्थ जैसे शराब, गुटखा, सिगरेट आदि से बचना चाहिए.

- ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक मकर संक्रांति, अमावस्या, चतुर्दशी, पूर्णिमा और एकादशी तिथि के दिन संबंध नहीं बनाने चाहिए. इस दिन ऐसा करना पाप माना गया है.

- पुत्रदा एकादशी पर विशेष तौर पर ख्याल रखें कि किसी से गलत वाणी का प्रयोग ना करें और ना ही किसी पर गुस्सा करें.



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Last Updated : Aug 24, 2023, 10:23 AM IST
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