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रामधारी सिंह दिवाकर को मिला IFFCO साहित्य सम्मान

नई दिल्ली: भारत को सदा से ही साहित्य-संस्कृति की भूमि कहा जाता है. साहित्यिक संस्थाओं से इतर कई अन्य संस्थाएं भी यहां साहित्यिक गतिविधियों में शामिल रहती हैं. उर्वरक क्षेत्र की प्रमुख संस्था इफको की तरफ से हरवर्ष किसी मूर्धन्य साहित्यकार को श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको सहित्य सम्मान प्रदान किया जाता है.

रामधारी सिंह दिवाकर को मिला 2018 का श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य सम्मान
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Published : Feb 1, 2019, 4:05 PM IST


इस वर्ष यह सम्मान वरिष्ठ कथाकार श्री रामधारी सिंह दिवाकर को प्रदान किया गया है. गुरुवार को नई दिल्ली के एनसीयूआई ऑडिटोरियम में आयोजित एक समारोह में सुविख्यात साहित्यकार मृदुला गर्ग ने रामधारी सिंह दिवाकर को यह सम्मान प्रदान किया. इस कार्यक्रम में उर्दू और हिंदी की प्रख्यात अनुवादक जिलियन राइट विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद रहीं.

रामधारी सिंह दिवाकर को मिला 2018 का श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य सम्मान
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यह सम्मान, लोगों का सम्मान
रामधारी सिंह दिवाकर को 'श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य सम्मान स्वरूप एक प्रतीक चिन्ह, प्रशस्तिपत्र और 11 लाख का चेक प्रदान किया गया. इस सम्मान समारोह को सम्बोधित करते हुए रामधारी सिंह दिवाकर ने कहा कि यह सिर्फ मेरा सम्मान नहीं, बल्कि गांव-अंचल के लाखों लोगों का सम्मान है. उन्होंने इसके लिए निर्णायक मंडल का शुक्रिया अदा किया.

इफको द्वारा 2011 से शुरू किया गया यह सम्मान हरसाल ऐसे रचनाकार को दिया जाता है, जिसकी रचनाओं में ग्रामीण और कृषि जीवन से जुड़ी समस्याओं, आकांक्षाओं और संघर्षों को मुखरित किया गया हो. इस सम्मान समरोह के बाद श्रीलाल शुक्ल के कालजयी उपन्यास राग दरबारी पर आधारित दास्तानगोई की मनोरम प्रस्तुति भी हुई.


इस वर्ष यह सम्मान वरिष्ठ कथाकार श्री रामधारी सिंह दिवाकर को प्रदान किया गया है. गुरुवार को नई दिल्ली के एनसीयूआई ऑडिटोरियम में आयोजित एक समारोह में सुविख्यात साहित्यकार मृदुला गर्ग ने रामधारी सिंह दिवाकर को यह सम्मान प्रदान किया. इस कार्यक्रम में उर्दू और हिंदी की प्रख्यात अनुवादक जिलियन राइट विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद रहीं.

रामधारी सिंह दिवाकर को मिला 2018 का श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य सम्मान
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यह सम्मान, लोगों का सम्मान
रामधारी सिंह दिवाकर को 'श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य सम्मान स्वरूप एक प्रतीक चिन्ह, प्रशस्तिपत्र और 11 लाख का चेक प्रदान किया गया. इस सम्मान समारोह को सम्बोधित करते हुए रामधारी सिंह दिवाकर ने कहा कि यह सिर्फ मेरा सम्मान नहीं, बल्कि गांव-अंचल के लाखों लोगों का सम्मान है. उन्होंने इसके लिए निर्णायक मंडल का शुक्रिया अदा किया.

इफको द्वारा 2011 से शुरू किया गया यह सम्मान हरसाल ऐसे रचनाकार को दिया जाता है, जिसकी रचनाओं में ग्रामीण और कृषि जीवन से जुड़ी समस्याओं, आकांक्षाओं और संघर्षों को मुखरित किया गया हो. इस सम्मान समरोह के बाद श्रीलाल शुक्ल के कालजयी उपन्यास राग दरबारी पर आधारित दास्तानगोई की मनोरम प्रस्तुति भी हुई.

Intro:भारत को सदा से ही साहित्य-संस्कृति की भूमि कहा जाता है। साहित्यिक संस्थाओं से इतर कई अन्य संस्थाएं भी यहां साहित्यिक गतिविधियों में शामिल रहती हैं। उर्वरक क्षेत्र की प्रमुख संस्था इफको की तरफ से प्रतिवर्ष किसी मूर्धन्य साहित्यकार को श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको सहित्य सम्मान प्रदान किया जाता है।


Body:इस वर्ष यह सम्मान वरिष्ठ कथाकार श्री रामधारी सिंह दिवाकर को प्रदान किया गया है। गुरुवार को नई दिल्ली के एनसीयूआई ऑडिटोरियम में आयोजित एक समारोह में सुविख्यात साहित्यकार मृदुला गर्ग ने रामधारी सिंह दिवाकर को यह सम्मान प्रदान किया। इस कार्यक्रम में उर्दू और हिंदी की प्रख्यात अनुवादक जिलियन राइट विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद रहीं।

रामधारी सिंह दिवाकर को 'श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य सम्मान स्वरूप एक प्रतीक चिन्ह, प्रशस्तिपत्र और 11 लाख का चेक प्रदान किया गया। इस सम्मान समारोह को सम्बोधित करते हुए रामधारी सिंह दिवाकर ने कहा कि यह सिर्फ मेरा सम्मान नहीं, बल्कि गांव-अंचल के लाखों लोगों का सम्मान है। उन्होंने इसके लिए निर्णायक मंडल का शुक्रिया अदा किया।

इफको द्वारा 2011 से शुरू किया गया यह सम्मान प्ररिवर्ष ऐसे रचनाकार को दिया जाता है, जिसकी रचनाओं में ग्रामीण और कृषि जीवन से जुड़ी समस्याओं, आकांक्षाओं और संघर्षों को मुखरित किया गया हो। इस सम्मान समरोह के बाद श्रीलाल शुक्ल के कालजयी उपन्यास राग दरबारी पर आधारित दास्तानगोई की मनोरम प्रस्तुति भी हुई।





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