नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार जारी है. वहीं इस दौरान स्कूलों में छात्रों की पढ़ाई का भी नुकसान हो रहा है. इसी को ध्यान में रखते हुए सीबीएसई ने सिलेबस में 30 फीसदी कटौती की है. लेकिन कटौती करने के बाद से ही विरोध शुरू हो गया. वहीं इस पर सीबीएसई ने बयान जारी करते हुए कहा कि सिलेबस में कटौती फिलहाल की स्थिति को देखते हुए किया गया है और वह भी शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए ही मान्य है.
सिलेबस में हुई थी 30 फीसदी कटौती
बता दें कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को ध्यान में रखते हुए सीबीएसई ने शैक्षणिक सत्र 2020-21 में क्लास 9वीं से लेकर 12वीं तक के सिलेबस में 30 फ़ीसदी कटौती की है. वहीं सीबीएसई के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने कहा कि बोर्ड की ओर से 9वीं से 12वीं तक के 190 विषयों में यह कटौती की गई है. साथ ही कहा कि फिलहाल की स्थिति में छात्रों को परीक्षा के दौरान और तनाव ना हो, इसकी वजह से यह फैसला किया गया है. उन्होंने कहा कि शैक्षणिक सत्र 2020-21 की परीक्षा में कटौती किए गए सिलेबस में से कोई भी सवाल नहीं पूछा जाएगा.
अल्टरनेटिव कैलेंडर में किया गया है शामिल
वहीं सीबीएसई के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने कहा कि स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वह एनसीईआरटी द्वारा बनाए गए अल्टरनेटिव अकादमिक कैलेंडर को भी करिकुलम में शामिल कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि डिलीटेड विषयों को लेकर कुछ लोग मीडिया में गलत रिपोर्ट चला रहे हैं जबकि यह विषय एनसीईआरटी के द्वारा जारी किए गए अल्टरनेटिव एकेडमिक कैलेंडर में शामिल किए गए हैं और केवल इस सत्र की परीक्षाओं के लिए ही डिलीटेड माने जाएंगे.