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बाल स्वराज पोर्टल पर नहीं है यौन उत्पीड़न बच्ची का नाम, NCPCR अध्यक्ष ने दिल्ली सरकार पर उठाए सवाल

दिल्ली में नाबालिग से रेप मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कहा कि बाल स्वराज पोर्टल पर कथित यौन उत्पीड़न बच्ची का नाम नहीं मिल रहा है. पूरी जानकारी एकत्र करने के बाद दिल्ली सरकार को उचित कार्रवाई करने का निर्देश देंगे.

प्रियंक कानूनगो
प्रियंक कानूनगो
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Published : Aug 21, 2023, 6:40 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली में कथित यौन उत्पीड़न और गर्भवती करने के आरोपी डिप्टी डायरेक्टर को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. पीड़िता नाबालिग है. उसके पिता की मृत्य 2020 में हो चुकी थी. अब इस मामले पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने संज्ञान लेते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी है.

प्रियंक कानूनगो ने मीडिया से बातचीत में कहा कि "इस मामले में प्रक्रियात्मक चूक प्रतीत होती है. यदि किसी बच्चे के पिता या माता की मृत्यु अप्रैल 2020 से शुरू होने वाली अवधि में हो गई है या बच्चा अनाथ हो गया है और उन्हें संरक्षकता की आवश्यकता है, तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार उनका सारा विवरण NCPCR के बाल स्वराज पोर्टल पर दर्ज होना चाहिए.

"दिल्ली सरकार के महिला बाल विकास विभाग के सरकारी अधिकारी द्वारा एक बच्ची को उसके पिता की मृत्यु के बाद अवैध रूप से अपने घर रख कर बलात्कार करने एवं गर्भपात कराए जाने के मामले में संज्ञान लिया है. मैं पीड़ित से मिलने अस्पताल जा रहा हूँ."

प्रियंक कानूनगो, अध्यक्ष एनसीपीसीआर

दिल्ली सरकार ने कहा था कि उन्होंने ऐसे सभी बच्चों का ब्योरा दर्ज कर लिया है लेकिन अभी तक हमें उसकी डिटेल नहीं मिल पाई है. हमने दिल्ली सरकार के अधिकारियों से बच्ची का नाम और बाल स्वराज पोर्टल में उसकी एंट्री पूछी है. चर्च की भूमिका भी संदिग्ध लग रही है. बच्चे ने अभी तक बाल कल्याण समिति के समक्ष बयान नहीं दिया है. हम सुबह से समिति प्रमुख से संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन वह कॉल रिसीव नहीं कर रही है. हम इस मामले पर नजर रख रहे हैं. जानकारी एकत्र करने के बाद दिल्ली सरकार को उचित कार्रवाई करने का निर्देश देंगे.

  • दिल्ली में राज्य सरकार के महिला बाल विकास विभाग के सरकारी अधिकारी द्वारा एक बच्ची को उसके पिता की मृत्यु के बाद अवैध रूप से अपने घर रख कर बलात्कार करने एवं गर्भपात कराए जाने के मामले में @NCPCR_ ने संज्ञान लिया है।
    मैं पीड़ित से मिलने अस्पताल जा रहा हूँ ।

    — प्रियंक कानूनगो Priyank Kanoongo (@KanoongoPriyank) August 21, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
  • #WATCH ...इस मामले में प्रक्रियात्मक चूक प्रतीत होती है। यदि किसी बच्चे के पिता या माता की मृत्यु अप्रैल 2020 से शुरू होने वाली अवधि में हो गई है या बच्चा अनाथ हो गया है और उन्हें संरक्षकता की आवश्यकता है, तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार उनका सारा विवरण NCPCR के बालस्वराज… https://t.co/wJOhqq0XmX pic.twitter.com/MU9Pq82Fli

    — ANI_HindiNews (@AHindinews) August 21, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बता दें, कोविड महामारी जो बच्चे अनाथ हुई थे उनका सारा ब्यौरा एकत्र करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को NCPCR के बालस्वराज पोर्टल पर दर्ज करने को कहा था. प्रियंक कानूनगो के मुताबिक, अभी तक इस बात का स्पष्टीकरण नहीं हुआ है कि पीड़ित बच्ची का नाम इस पोर्टल पर दर्ज है या नहीं. वहीं आज जब दिल्ली महिला आयोग की चेयरपर्सन स्वाति मालीवाल पीड़िता से मिलने अस्पताल गई तो उनको बच्ची से मिलने नहीं दिया गया.

ये भी पढ़ें:

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  2. Delhi Child Sexual Abuse Case: अस्पताल के गेट पर स्वाति मालीवाल का धरना, यौन उत्पीड़न पीड़िता से मिलने की मांग
  3. Delhi Child Sexual Abuse Case: दोस्त की नाबालिग बेटी के साथ रेप करने का आरोपी डिप्टी डायरेक्टर गिरफ्तार, CM ने किया सस्पेंड

नई दिल्ली: दिल्ली में कथित यौन उत्पीड़न और गर्भवती करने के आरोपी डिप्टी डायरेक्टर को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. पीड़िता नाबालिग है. उसके पिता की मृत्य 2020 में हो चुकी थी. अब इस मामले पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने संज्ञान लेते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी है.

प्रियंक कानूनगो ने मीडिया से बातचीत में कहा कि "इस मामले में प्रक्रियात्मक चूक प्रतीत होती है. यदि किसी बच्चे के पिता या माता की मृत्यु अप्रैल 2020 से शुरू होने वाली अवधि में हो गई है या बच्चा अनाथ हो गया है और उन्हें संरक्षकता की आवश्यकता है, तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार उनका सारा विवरण NCPCR के बाल स्वराज पोर्टल पर दर्ज होना चाहिए.

"दिल्ली सरकार के महिला बाल विकास विभाग के सरकारी अधिकारी द्वारा एक बच्ची को उसके पिता की मृत्यु के बाद अवैध रूप से अपने घर रख कर बलात्कार करने एवं गर्भपात कराए जाने के मामले में संज्ञान लिया है. मैं पीड़ित से मिलने अस्पताल जा रहा हूँ."

प्रियंक कानूनगो, अध्यक्ष एनसीपीसीआर

दिल्ली सरकार ने कहा था कि उन्होंने ऐसे सभी बच्चों का ब्योरा दर्ज कर लिया है लेकिन अभी तक हमें उसकी डिटेल नहीं मिल पाई है. हमने दिल्ली सरकार के अधिकारियों से बच्ची का नाम और बाल स्वराज पोर्टल में उसकी एंट्री पूछी है. चर्च की भूमिका भी संदिग्ध लग रही है. बच्चे ने अभी तक बाल कल्याण समिति के समक्ष बयान नहीं दिया है. हम सुबह से समिति प्रमुख से संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन वह कॉल रिसीव नहीं कर रही है. हम इस मामले पर नजर रख रहे हैं. जानकारी एकत्र करने के बाद दिल्ली सरकार को उचित कार्रवाई करने का निर्देश देंगे.

  • दिल्ली में राज्य सरकार के महिला बाल विकास विभाग के सरकारी अधिकारी द्वारा एक बच्ची को उसके पिता की मृत्यु के बाद अवैध रूप से अपने घर रख कर बलात्कार करने एवं गर्भपात कराए जाने के मामले में @NCPCR_ ने संज्ञान लिया है।
    मैं पीड़ित से मिलने अस्पताल जा रहा हूँ ।

    — प्रियंक कानूनगो Priyank Kanoongo (@KanoongoPriyank) August 21, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
  • #WATCH ...इस मामले में प्रक्रियात्मक चूक प्रतीत होती है। यदि किसी बच्चे के पिता या माता की मृत्यु अप्रैल 2020 से शुरू होने वाली अवधि में हो गई है या बच्चा अनाथ हो गया है और उन्हें संरक्षकता की आवश्यकता है, तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार उनका सारा विवरण NCPCR के बालस्वराज… https://t.co/wJOhqq0XmX pic.twitter.com/MU9Pq82Fli

    — ANI_HindiNews (@AHindinews) August 21, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बता दें, कोविड महामारी जो बच्चे अनाथ हुई थे उनका सारा ब्यौरा एकत्र करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को NCPCR के बालस्वराज पोर्टल पर दर्ज करने को कहा था. प्रियंक कानूनगो के मुताबिक, अभी तक इस बात का स्पष्टीकरण नहीं हुआ है कि पीड़ित बच्ची का नाम इस पोर्टल पर दर्ज है या नहीं. वहीं आज जब दिल्ली महिला आयोग की चेयरपर्सन स्वाति मालीवाल पीड़िता से मिलने अस्पताल गई तो उनको बच्ची से मिलने नहीं दिया गया.

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