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AAP उम्मीदवारों से ज्यादा विधायकों को है 23 मई के परिणाम की चिंता - Lok Sabha Election 2019

चुनाव परिणाम से पहले तमाम पार्टियां जीत के दावे कर रही हैं. आम आदमी पार्टी भी इसमें शामिल है. लेकिन परिणाम को लेकर जितनी चिंता आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों को है, उससे ज्यादा पार्टी के विधायकों को है.

23 मई के परिणाम की चिंता
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Published : May 20, 2019, 7:42 AM IST

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के सातों उम्मीदवार अपने अपने तरीके से जीत के समीकरणों पर विचार कर रहे हैं और आंकड़ों का खाका खींच रहे हैं, लेकिन परिणाम को लेकर जितनी बेचैनी पार्टी के उम्मीदवारों में है, उससे ज्यादा चिंता आम आदमी पार्टी के विधायकों को है.

23 के इंतजार में बेचैन AAP विधायक

विधायकों ने भी जमकर बहाया पसीना
चुनाव से पहले कई मीटिंग में आम आदमी पार्टी आलाकमान ने अपने सभी विधायकों को इसे लेकर सख्त निर्देश दिए थे कि उनके विधानसभा क्षेत्र में पार्टी उम्मीदवारों को बढ़त मिलनी ही चाहिए. उसके बाद यह स्पष्ट देखा गया कि किस तरह सभी विधायकों ने उम्मीदवारों से ज्यादा अपने अपने क्षेत्र में पसीना बहाया और अपने उम्मीदवार को जिताने की कोशिश की.

केजरीवाल के बयान से राहत
अब सभी में इसे लेकर चिंता है कि अगर उम्मीदवार चुनाव नहीं जीते या फिर इनके विधानसभा क्षेत्र में उन्हें बढ़त नहीं मिली, तो फिर क्या होगा. हालांकि अरविंद केजरीवाल के उस बयान के बाद विधायकों में थोड़ी राहत जरूर है, जिसमें केजरीवाल ने कहा था कि चुनाव से ठीक पहले मुस्लिम वोट कांग्रेस को ट्रांसफर हो गए.

कोई भी विधायक इसे लेकर खुलकर तो नहीं बोल रहा, लेकिन अंदर खाने सभी में यह चिंता जरूर है कि अगर परिणाम वांछित नहीं हुए, तो फिर अगले विधानसभा चुनाव में क्या होगा.

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के सातों उम्मीदवार अपने अपने तरीके से जीत के समीकरणों पर विचार कर रहे हैं और आंकड़ों का खाका खींच रहे हैं, लेकिन परिणाम को लेकर जितनी बेचैनी पार्टी के उम्मीदवारों में है, उससे ज्यादा चिंता आम आदमी पार्टी के विधायकों को है.

23 के इंतजार में बेचैन AAP विधायक

विधायकों ने भी जमकर बहाया पसीना
चुनाव से पहले कई मीटिंग में आम आदमी पार्टी आलाकमान ने अपने सभी विधायकों को इसे लेकर सख्त निर्देश दिए थे कि उनके विधानसभा क्षेत्र में पार्टी उम्मीदवारों को बढ़त मिलनी ही चाहिए. उसके बाद यह स्पष्ट देखा गया कि किस तरह सभी विधायकों ने उम्मीदवारों से ज्यादा अपने अपने क्षेत्र में पसीना बहाया और अपने उम्मीदवार को जिताने की कोशिश की.

केजरीवाल के बयान से राहत
अब सभी में इसे लेकर चिंता है कि अगर उम्मीदवार चुनाव नहीं जीते या फिर इनके विधानसभा क्षेत्र में उन्हें बढ़त नहीं मिली, तो फिर क्या होगा. हालांकि अरविंद केजरीवाल के उस बयान के बाद विधायकों में थोड़ी राहत जरूर है, जिसमें केजरीवाल ने कहा था कि चुनाव से ठीक पहले मुस्लिम वोट कांग्रेस को ट्रांसफर हो गए.

कोई भी विधायक इसे लेकर खुलकर तो नहीं बोल रहा, लेकिन अंदर खाने सभी में यह चिंता जरूर है कि अगर परिणाम वांछित नहीं हुए, तो फिर अगले विधानसभा चुनाव में क्या होगा.

Intro:चुनाव परिणाम से पहले तमाम पार्टियां जीत के दावे करती रही है. आम आदमी पार्टी भी इसमें शामिल है. लेकिन परिणाम को लेकर जितनी चिंता आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों को है, उससे ज्यादा पार्टी के विधायकों को है.


Body:नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के सातों उम्मीदवार अपने अपने तरीके से जीत के समीकरणों पर विचार कर रहे हैं और आंकड़ों का खाका खींच रहे हैं,।लेकिन परिणाम को लेकर जितनी बेचैनी पार्टी के उम्मीदवारों में है, उससे ज्यादा चिंता आम आदमी पार्टी के विधायकों को है.

चुनाव से पहले कई मीटिंग में आम आदमी पार्टी आलाकमान ने अपने सभी विधायकों को इसे लेकर सख्त निर्देश दिया था कि उनके विधानसभा क्षेत्र में पार्टी उम्मीदवारों को बढ़त मिलनी ही चाहिए. उसके बाद यह स्पष्ट देखा गया कि किस तरह सभी विधायकों ने उम्मीदवारों से ज्यादा अपने अपने क्षेत्र में पसीना बहाया और अपने उम्मीदवार को जिताने की कोशिश की.

लेकिन अब सभी में इसे लेकर चिंता है कि अगर उम्मीदवार चुनाव नहीं जीते या फिर इनके विधानसभा क्षेत्र में उन्हें बढ़त नहीं मिली, तो फिर क्या होगा. हालांकि अरविंद केजरीवाल के उस बयान के बाद विधायकों में थोड़ी राहत जरूर है, जिसमें केजरीवाल ने कहा था कि चुनाव से ठीक पहले मुस्लिम वोट कांग्रेस को ट्रांसफर हो गए.


Conclusion:कोई भी विधायक इसे लेकर खुलकर तो नहीं बोल रहा, लेकिन अंदर खाने सभी में यह चिंता जरूर है कि अगर परिणाम वांछित नहीं हुए, तो फिर अगले विधानसभा चुनाव में क्या होगा.
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