नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के सातों उम्मीदवार अपने अपने तरीके से जीत के समीकरणों पर विचार कर रहे हैं और आंकड़ों का खाका खींच रहे हैं, लेकिन परिणाम को लेकर जितनी बेचैनी पार्टी के उम्मीदवारों में है, उससे ज्यादा चिंता आम आदमी पार्टी के विधायकों को है.
विधायकों ने भी जमकर बहाया पसीना
चुनाव से पहले कई मीटिंग में आम आदमी पार्टी आलाकमान ने अपने सभी विधायकों को इसे लेकर सख्त निर्देश दिए थे कि उनके विधानसभा क्षेत्र में पार्टी उम्मीदवारों को बढ़त मिलनी ही चाहिए. उसके बाद यह स्पष्ट देखा गया कि किस तरह सभी विधायकों ने उम्मीदवारों से ज्यादा अपने अपने क्षेत्र में पसीना बहाया और अपने उम्मीदवार को जिताने की कोशिश की.
केजरीवाल के बयान से राहत
अब सभी में इसे लेकर चिंता है कि अगर उम्मीदवार चुनाव नहीं जीते या फिर इनके विधानसभा क्षेत्र में उन्हें बढ़त नहीं मिली, तो फिर क्या होगा. हालांकि अरविंद केजरीवाल के उस बयान के बाद विधायकों में थोड़ी राहत जरूर है, जिसमें केजरीवाल ने कहा था कि चुनाव से ठीक पहले मुस्लिम वोट कांग्रेस को ट्रांसफर हो गए.
कोई भी विधायक इसे लेकर खुलकर तो नहीं बोल रहा, लेकिन अंदर खाने सभी में यह चिंता जरूर है कि अगर परिणाम वांछित नहीं हुए, तो फिर अगले विधानसभा चुनाव में क्या होगा.