नई दिल्ली: दिल्ली के मंडी हाउस स्थित एलटीजी सभागार में 'चरणदास चोर' नाटक का मंचन किया गया. जैसा कि नाटक के नाम से ही स्पष्ट होता है कि एक चोर की कहानी है. नाटक में दिखाया गया कि चरण दास नाम का चोर अपनी चोरी से काफी प्रसिद्ध हो जाता है, लेकिन एक दिन वह एक साधु को अपना गुरु बना लेता है. बाद में साधु चोर से यह वचन लेता है कि वह कभी सोने की थाली में नहीं खाएगा, हाथी पर बैठकर जुलूस में नहीं जाएगा, किसी रानी से शादी नहीं करेगा और किसी देश का राजा नहीं बनेगा.
इसके बाद एक दिन वह चोर सरकारी खजाने से पांच मोहर चोरी कर लेता है, लेकिन इसी चोरी की आड़ में मुनीम भी पांच मोहर चुरा लेता है. यह घटना रानी के दरबार में पहुंचती है और चोर को दरबार में बुलाया जाता है. वहां मुनीम की भी चोरी पकड़ी जाती है. रानी चरण दास की सच्चाई से काफी प्रभावित होती है और वह उसे प्रेम कर बैठती है और चोर को शादी का प्रस्ताव देती है. लेकिन चोर को साधु को दिया वचन याद आता है और वह शादी से इनकार कर देता है. इसके बाद रानी उससे यह बात किसी को न कहने की सलाह देती है लेकिन चोर अपने प्रण के कारण यह भी इंकार कर देता है. इस बात पर रानी क्रोधित होकर चरण दास की हत्या करने का हुक्म जारी कर देती है. अब इसके आगे की कहानी का मंचन किया जाना बाकि है.
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नाटक के निर्देशक थिएटर लीला एक्टिंग के डायरेक्टर वरुण शर्मा ने बताया कि इसे हबीब तन्वी द्वारा लिखा गया है. उन्होंने सबसे पहले 2018 में इसका निर्देशन किया था, जिसके बाद से वह लगातार इसका निर्देशन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आगे की कहानी अंत तक रहस्य रखी जाए तो ही ठीक है, जिससे लोग इस नाटक के मंचन का इंतजार करेंगे. जानकारी के मुताबिक, थिएटर लीला एक्टिंग द्वारा 20 अक्टूबर को अभिमन्यु नाटक का मंचन किया जाएगा. नाटक ने अपनी कहानी और बेहतरीन प्रस्तुतिकरण से दर्शकों को अंत तक बंधे रखा.
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