नई दिल्ली/नोएडा: सर्दी का मौसम आते ही आग की घटनाओं मे तेजी वृद्धि हो जाती है. इसे देखते हुए, नोएडा में फायर विभाग द्वारा एक विशेष अभियान चलाया गया है. जिन जगहों पर कमी पाई जा रही है उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है. इसी के तहत रविवार को झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने से हुए हादसे में दस बच्चों की मौत के बाद जिले के अस्पतालों की जांच करने का सिलसिला जारी रहा.
कई अस्पतालों में खामियां: अग्निशमन विभाग की टीम ने करीब 15 निजी अस्पतालों की जांच की. दोनों जगहों पर अतिरिक्त तलों का निर्माण किया गया है. आग लगने की दशा में धुआं निकलने का इंतजाम नहीं है. यहां पर अग्निशमन उपकरणों में भी खामियां मिली हैं. खामियों को दूर करने के लिए अस्पताल प्रबंधन को 15 दिन का समय दिया गया है.
जांच में दो निजी अस्पतालों में मिली खामियां: निजी और सरकारी अस्पतालों की जांच के लिए चार दिवसीय अभियान चलाया जा रहा है. अभियान के पहले दिन चाइल्ड पीजीआई, जिला अस्पताल व ईएसआई अस्पताल में अग्निशमन सुरक्षा में कई खामियां मिली थीं. ग्रेटर नोएडा स्थित जिम्स में अग्निशमन सुरक्षा बेहतर थी. अभियान में जिले के सभी निजी और सरकारी अस्पतालों का निरीक्षण कर तैयारियों को अग्निशमन विभाग परखेगा. पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह के निर्देश पर अभियान चलाया गया है.
अग्निशमन सुरक्षा के 4 दिन तक चलेगा अभियान: चीफ फायर अधिकारी ने कहा कि मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रदीप कुमार चौबे ने बताया कि चार दिन तक चलने वाले अभियान में जिले के सभी छोटे-बड़े अस्पतालों की जांच की जाएगी. कई अस्पताल पूर्व में पाई गई खामियों को अबतक दूर नहीं कर सके हैं. ऐसे अस्पतालों की सूची विभाग द्वारा बनाई जा रही है. इस प्रकार का अभियान पहले भी चलाया जा चुका है. स्कूलों और इमारतों में भी जल्द ही अभियान चलेगा. अभियान के दौरान लोगों को आग लगने की दशा में कैसे निपटा जाए इसकी भी जानकारी दी जाएगी.
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