नई दिल्ली: उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बीते दिन डीडीए की वेबसाइट पर सवाल जवाब की शक्ल में दी गई जानकारी कि ये कॉलोनियों के नियमितीकरण नहीं है, के हवाले से केंद्र सरकार और बीजेपी पर अनाधिकृत कॉलोनियों के लोगों को धोखा देने का आरोप लगाया था. इसके बाद केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी की तरफ से इस पर ट्वीट किया गया कि आम आदमी पार्टी शब्दों में उलझा रही है.
डीडीए की वेबसाइट पर सवाल जवाब की शक्ल में दी गई जानकारी ने अब अनाधिकृत कॉलोनियों के मुद्दे पर आरोप प्रत्यारोप की नई सियासत को जन्म दे दिया है.
'कैसे देंगे मालिकाना हक'
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज फिर इसे लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और उन्होंने कहा कि कल जब मैंने इसका खुलासा किया. उसके बाद बीजेपी के कोई भी नेता साफ-साफ जवाब नहीं दे सके. मनोज तिवारी सामने आए और कहा कि हम मालिकाना हक देंगे, लेकिन हम पूछना चाहते हैं कि मालिकाना हक कैसे दोगे, जब कॉलोनी का नियमितीकरण ही नहीं हो रहा है.
'24 घंटे बाद सामने आए हरदीप पुरी'
हरदीप पुरी की तरफ से इसे लेकर कई ट्वीट किए गए हैं. उसमें उन्होंने दो बातें कही है, एक ये कि आम आदमी पार्टी शब्दों में उलझा रही है और दूसरा ये कि मालिकाना हक के लिए 35 हजार लोगों का पंजीकरण हो रहा है. इसे लेकर मनीष सिसोदिया ने कहा कि हरदीप पुरी 24 घंटे बाद सामने आए हैं, लेकिन अभी भी नहीं बता पाए कि डीडीए की वेबसाइट पर ऐसा क्यों लिखा हुआ है कि कॉलोनी का नियमितीकरण नहीं होगा.
'ट्वीट नहीं पंजीकरण चाहिए'
मनीष सिसोदिया का यह भी कहना था कि जिस 35 हजार पंजीकरण की बात हरदीप पुरी कह रहे हैं उसमें तो मेरे ही दो पंजीकरण हैं, जो मैंने कल अपने सरकारी आवास का किया था. उन्होंने आरोप लगाया कि उसमें एक भी आदमी ने पंजीकरण नहीं कराया है, क्योंकि लोग इनकी झूठ को समझ चुके हैं. मनीष सिसोदिया का ये भी कहना था कि लोगों को वेबसाइट का पंजीकरण नहीं, अपनी प्रॉपर्टी का पंजीकरण चाहिए और लोगों को ट्वीट नहीं अपनी जमीन का नियमितीकरण चाहिए.
'किसी की जमीन का मालिकाना हक किसी और को'
मनीष सिसोदिया का ये भी कहना था कि हरदीप पुरी कह रहे हैं कि जमीन का मालिकाना हक देंगे, लेकिन मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि अनाधिकृत कॉलोनियों में जो लोग रह रहे हैं, उनकी जमीन का मालिकाना हक अभी किसी और के पास है, तो क्या आप किसी और की जमीन का मालिकाना हक किसी और के नाम कर दोगे.
'लिख दीजिए कि ये नियमितीकरण है'
हरदीप पुरी के इस आरोप कि शब्दों में उलझा रहे हैं, पर मनीष का कहना था कि आप भूल जाइए कि हम क्या कह रहे हैं, या बीजेपी क्या कह रही है. आपकी वेबसाइट पर जो लिखा हुआ है कि पीएम उदय योजना कॉलोनी का नियमितीकरण नहीं है और ना ही मकानों का नियमितीकरण है, उसे वहां से हटाइए और साफ-साफ शब्दों में लिख दीजिए ये कॉलोनी का नियमितीकरण है.