नई दिल्ली: गाजीपुर बॉर्डर पर पिछले दो महीने से किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे है. किसान अब आर या पार की लड़ाई लड़ने के मूड में है. 26 जनवरी मंगलवार को ट्रैक्टर परेड के जरिए किसान शक्ति प्रदर्शन करने की तैयारी में है. राजपथ बनाम किसान पथ की लड़ाई में किसान कहीं से भी पीछे हटने को तैयार नहीं है. 26 जनवरी के बाद की रणनीति को लेकर ईटीवी भारत ने गाजीपुर बॉर्डर पर मौजूद कुछ किसान नेताओं से बातचीत की.
जारी रहेगा आंदोलन
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता पवन खटाना ने बताया कि दो महीने के प्रदर्शन से सरकार पर दबाव बना है और वह 2 साल के लिए कृषि कानून को स्थगित करने पर राजी हो गई है, लेकिन किसान इससे संतुष्ट नहीं है. जब तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं होते तब तक किसानों का प्रदर्शन चलता रहेगा. अगर हम कुछ दिन और प्रदर्शन पर बैठ गए तो सरकार निश्चित रूप से कृषि कानून को वापस लेगी.
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'बिल वापसी के बाद ही होगी घर वापसी'
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता पवन खटाना ने बताया कि 26 जनवरी के बाद भी हमारा प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से चलता रहेगा. जो किसान जहां है वहीं से बैठकर किसानों के प्रदर्शन को अपना समर्थन देगा. कृषि कानून के वापसी के बाद ही अब गाजीपुर बॉर्डर से किसानों की घर वापसी होगी. प्रदर्शन चाहे जितना लंबा चले हमें मंजूर है, लेकिन कृषि कानून की वापसी के बाद ही किसान यहां से हटेंगे.