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जासूसी के आरोप में गिरफ्तार पत्रकार राजीव शर्मा की जमानत याचिका खारिज

चीन से जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा की जमानत याचिका खारिज कर दिया गया है. कोर्ट ने कहा कि अगर आरोपी को रिहा किया गया, तो वह जांच को प्रभावित कर सकता है.

patiala house court dismissed the bail plea of journalist rajeev sharma
पटियाला हाउस कोर्ट
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Published : Sep 30, 2020, 5:57 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने चीन से जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा की जमानत याचिका खारिज कर दिया है. चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पवन सिंह राजावत ने कहा कि अगर आरोपी को रिहा किया गया, तो वह जांच को प्रभावित कर सकता है.

पत्रकार राजीव शर्मा की जमानत याचिका खारिज

'स्वतंत्र प्रेस के लिए काला दिन'

कोर्ट ने कहा कि एक स्वतंत्र प्रेस लोकतंत्र का चौथा खंभा होता है. एक पत्रकार चौथे खंभे का एक महत्वपूर्ण ईंट होता है. अगर लोकतंत्र के सभी खंभे दृढ़ता और विकास के लिए काम करें, तो लोकतंत्र की जड़ों को हिलाना मुश्किल होता है. लेकिन अगर एक पत्रकार लोकतंत्र हिलाने का काम करने लगे तो ये स्वतंत्र प्रेस के लिए एक काला दिन होता है.

कोर्ट ने कहा कि आरोपी का कबूलनामा और उसके पास से मिले साक्ष्यों पर गौर करने पर प्रथम दृष्टया ऑफिशियल सिक्रेट्स एक्ट की धारा 3,4 और 5 का उल्लंघन करता पाया गया है.

'साइनस और रक्तचाप की बीमारी है'

राजीव शर्मा की ओर से वरिष्ठ वकील आदीश अग्रवाला ने कहा कि आरोपी वरिष्ठ पत्रकार हैं और उसे झूठे तरीके से फंसाया गया है. जमानत याचिका में कहा था कि राजीव शर्मा के पास से कोई पुख्ता साक्ष्य नहीं मिला है. याचिका में कहा गया था कि राजीव शर्मा 61 वर्ष के हैं और उन्हें साइनस की गंभीर बीमारी है.

वकील आदीश अग्रवाला ने कहा कि साइनस का दो बार ऑपरेशन भी हो चुका है. साइनस के इलाज के लिए उन्हें हमेशा एक नेबुलाइजर की जरूरत होती है. उन्हें रक्तचाप की बीमारी है, जिसकी वजह से वे पिछले दस सालों से दवा ले रहे हैं.

14 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था

राजीव शर्मा को 14 सितंबर को दिल्ली के जनकपुरी से गिरफ्तार किया गया था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के मुताबिक राजीव शर्मा को ऑफिशियल सिक्रेट्स एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था. उनके पास से रक्षा संबंधी गोपनीय दस्तावेज बरामद किया गया था. याचिका में कहा गया था कि राजीव शर्मा का समाज से गहरा नाता है. राजीव शर्मा की पत्नी वेंकटेश्वर कॉलेज में प्रोफेसर हैं. ऐसे में आरोपी के भागने की कोई संभावना नहीं है.

'एफआईआर की प्रति नहीं दी गई'

याचिका में कहा गया था कि राजीव शर्मा के खिलाफ दर्ज एफआईआर की प्रति स्पेशल सेल उपलब्ध नहीं करवा रहा है. यहां तक कि दिल्ली पुलिस की वेबसाइट पर इस एफआईआर को ऑनलाइन अपलोड भी नहीं किया गया है.

बता दें कि राजीव शर्मा की निशानदेही पर एक चीनी महिला और एक नेपाली मूल के व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है. इन दोनों पर आरोप है कि वे राजीव शर्मा को फर्जी कंपनियों के जरिए पैसा मुहैया कराते थे.

नई दिल्लीः दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने चीन से जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा की जमानत याचिका खारिज कर दिया है. चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पवन सिंह राजावत ने कहा कि अगर आरोपी को रिहा किया गया, तो वह जांच को प्रभावित कर सकता है.

पत्रकार राजीव शर्मा की जमानत याचिका खारिज

'स्वतंत्र प्रेस के लिए काला दिन'

कोर्ट ने कहा कि एक स्वतंत्र प्रेस लोकतंत्र का चौथा खंभा होता है. एक पत्रकार चौथे खंभे का एक महत्वपूर्ण ईंट होता है. अगर लोकतंत्र के सभी खंभे दृढ़ता और विकास के लिए काम करें, तो लोकतंत्र की जड़ों को हिलाना मुश्किल होता है. लेकिन अगर एक पत्रकार लोकतंत्र हिलाने का काम करने लगे तो ये स्वतंत्र प्रेस के लिए एक काला दिन होता है.

कोर्ट ने कहा कि आरोपी का कबूलनामा और उसके पास से मिले साक्ष्यों पर गौर करने पर प्रथम दृष्टया ऑफिशियल सिक्रेट्स एक्ट की धारा 3,4 और 5 का उल्लंघन करता पाया गया है.

'साइनस और रक्तचाप की बीमारी है'

राजीव शर्मा की ओर से वरिष्ठ वकील आदीश अग्रवाला ने कहा कि आरोपी वरिष्ठ पत्रकार हैं और उसे झूठे तरीके से फंसाया गया है. जमानत याचिका में कहा था कि राजीव शर्मा के पास से कोई पुख्ता साक्ष्य नहीं मिला है. याचिका में कहा गया था कि राजीव शर्मा 61 वर्ष के हैं और उन्हें साइनस की गंभीर बीमारी है.

वकील आदीश अग्रवाला ने कहा कि साइनस का दो बार ऑपरेशन भी हो चुका है. साइनस के इलाज के लिए उन्हें हमेशा एक नेबुलाइजर की जरूरत होती है. उन्हें रक्तचाप की बीमारी है, जिसकी वजह से वे पिछले दस सालों से दवा ले रहे हैं.

14 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था

राजीव शर्मा को 14 सितंबर को दिल्ली के जनकपुरी से गिरफ्तार किया गया था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के मुताबिक राजीव शर्मा को ऑफिशियल सिक्रेट्स एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था. उनके पास से रक्षा संबंधी गोपनीय दस्तावेज बरामद किया गया था. याचिका में कहा गया था कि राजीव शर्मा का समाज से गहरा नाता है. राजीव शर्मा की पत्नी वेंकटेश्वर कॉलेज में प्रोफेसर हैं. ऐसे में आरोपी के भागने की कोई संभावना नहीं है.

'एफआईआर की प्रति नहीं दी गई'

याचिका में कहा गया था कि राजीव शर्मा के खिलाफ दर्ज एफआईआर की प्रति स्पेशल सेल उपलब्ध नहीं करवा रहा है. यहां तक कि दिल्ली पुलिस की वेबसाइट पर इस एफआईआर को ऑनलाइन अपलोड भी नहीं किया गया है.

बता दें कि राजीव शर्मा की निशानदेही पर एक चीनी महिला और एक नेपाली मूल के व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है. इन दोनों पर आरोप है कि वे राजीव शर्मा को फर्जी कंपनियों के जरिए पैसा मुहैया कराते थे.

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