नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव को लेकर तमाम छात्र संगठनों ने अपनी-अपनी तैयारियां तेज कर दी है. छात्र संगठन डीयू के विभिन्न कॉलेजों में चुनाव को लेकर कैंपेन भी शुरू कर दिया है. इधर, डीयू ने शुक्रवार को चुनाव को लेकर छात्र संगठन के लिए दिशा निर्देश भी जारी कर दिया है. इन सबके बीच चुनावी माहौल में एनएसयूआई ने एबीवीपी पर एक आरोप लगाया है. एनएसयूआई ने कहा कि एबीवीपी ने छात्रों के फंड से 22 लाख की चाय पी है.
एनएसयूआई ने सेव दिल्ली यूनिवर्सिटी नाम का हैश टैग भी इस्तेमाल किया है. एनएसयूआई ने ट्विटर पर एक वीडियो भी पोस्ट किया है. गौर करने वाली बात है एबीवीपी पर 22 लाख रुपए का चाय पीने का आरोप पहली बार नहीं लगाया है. पूर्व के छात्र संघ के चुनाव में भी एनएसयूआई ने एबीवीपी पर 22 लाख रुपए का चाय पीने का आरोप लगाया था.
एनएसयूआई के आरोप में एबीवीपी का जवाब: एबीवीपी के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक आशुतोष सिंह ने कहा कि एनएसयूआई का काम है बस झूठ फैलाना. इस डूसू पैनल में तो एनएसयूआई के भी एक पदाधिकारी थे. 22 लाख की चाय वाले बिल पर उनके भी हस्ताक्षर होंगे? वो सिर्फ झूठ फैला रहे हैं. सिंह ने कहा कि यह साल 2015-16 का यह एक झूठ है, जिसे वह इस चुनाव में फैला रहे हैं.
कहा कि एनएसयूआई बताए कि उस दौरान छात्रसंघ में शामिल उनके संगठन के मोहित गरीड़ (सह-सचिव थे) ने क्यों बजट पर हस्ताक्षर किए? डीयू के छात्र-छात्राओं के हितों के मद में जो धन खर्च हुआ है, उस पर झूठ फैलाने से एनएसयूआई का हल्कापन पुनः सामने आ गया है. एनएसयूआई संभावित हार की हताशा में इस तरह का झूठ फैला रही है.
एबीवीपी और एनएसयूआई में टक्कर: 22 सितंबर को डीयू में छात्र संघ के चुनाव के लिए वोटिंग की जाएगी. इसके लिए अभी से आरोप का दौर शुरू हो गया है. इस चुनाव में एबीवीपी साल 2019 की जीत को रिपीट करने के उद्देश्य से मैदान में उतरने वाली है. 2019 में एबीवीपी को तीन सीट और एनएसयूआई को एक सीट मिली थी. एबीवीपी के अक्षित दहिया अध्यक्ष बने थे. हालांकि, इस चुनाव में भी एनएसयूआई कड़ी टक्कर देने का दावा कर रही है.
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