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116 बाल मजदूरों की मजदूरी के भुगतान और पुनर्वास की मांग पर नोटिस जारी - 116 बाल मजदूरों को मजदूरी देने का निर्देश

दिल्ली हाईकोर्ट ने 116 बंधुआ बाल मजदूरों की मजदूरी वसूलने के लिए श्रम एवं नियोजन मंत्रालय को नोटिस जारी किया है. साथ ही 22 जनवरी तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.

Notice issued for the wages of child laborers
बाल मजदूरों की मजदूरी के लिए नोटिस जारी
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Published : Dec 16, 2020, 7:49 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली के 116 बंधुआ मजदूरों की बकाया मजदूरी देने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए श्रम एवं नियोजन मंत्रालय को नोटिस जारी किया है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने 22 जनवरी तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.


116 बंधुआ मजदूरों की बकाया मजदूरी वसूलें
दिल्ली हाईकोर्ट में कौम फकीर शाह ने ये याचिका दायर की है. याचिकाकर्ता की ओर से वकील कृति अवस्थी ने कोर्ट को बताया कि नाबालिग बच्चे से बंधुआ मजदूरी कराई जा रही थी. उनके बच्चे के साथ-साथ 115 बंधुआ मजदूरों की पहले की बकाया मजदूरी का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है. इन बंधुआ मजदूरों की मजदूरी के भुगतान की प्रक्रिया दिल्ली सरकार ने शुरु की थी.


2012 में बिहार से दिल्ली आया था परिवार
याचिका में कहा गया है कि 116 बंधुआ मजदूरों की मजदूरी का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है. याचिकाकर्ता बिहार का रहनेवाला है और गरीब परिवार से आता है. वो 2012 में रोजी-रोटी की तलाश में दिल्ली आया था. उसके आठ साल के बच्चे को सदर बाजार में काम पर रखा गया था. काम के दौरान उसे नौकरी पर रखने वाले काफी गाली-गलौच करते थे और अमानवीय तरीके से पेश आते थे.

पढ़ें: SC में हुई सुनवाई के बाद बोले राकेश टिकैत, बातचीत होनी चाहिए



बच्चे के पुनर्वास के लिए नियोक्ता से वसूली हो
याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता के आठ साल के बच्चे से मजदूरी कराना चाइल्ड लेबर प्रोहिबिशन एक्ट, जुवेनाइल जस्टिस एक्ट, बांडेड लेबर सिस्टम एबोलिशन एक्ट, मिनिमम वेजेज एक्ट समेत दूसरे कानूनों का उल्लंघन है. याचिका में मांग की गई है कि कोर्ट याचिकाकर्ता के बच्चे के पुनर्वास के लिए आरोपी नियोक्ता से वित्तीय सहायता वसूलने की प्रक्रिया शुरु करे.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली के 116 बंधुआ मजदूरों की बकाया मजदूरी देने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए श्रम एवं नियोजन मंत्रालय को नोटिस जारी किया है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने 22 जनवरी तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.


116 बंधुआ मजदूरों की बकाया मजदूरी वसूलें
दिल्ली हाईकोर्ट में कौम फकीर शाह ने ये याचिका दायर की है. याचिकाकर्ता की ओर से वकील कृति अवस्थी ने कोर्ट को बताया कि नाबालिग बच्चे से बंधुआ मजदूरी कराई जा रही थी. उनके बच्चे के साथ-साथ 115 बंधुआ मजदूरों की पहले की बकाया मजदूरी का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है. इन बंधुआ मजदूरों की मजदूरी के भुगतान की प्रक्रिया दिल्ली सरकार ने शुरु की थी.


2012 में बिहार से दिल्ली आया था परिवार
याचिका में कहा गया है कि 116 बंधुआ मजदूरों की मजदूरी का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है. याचिकाकर्ता बिहार का रहनेवाला है और गरीब परिवार से आता है. वो 2012 में रोजी-रोटी की तलाश में दिल्ली आया था. उसके आठ साल के बच्चे को सदर बाजार में काम पर रखा गया था. काम के दौरान उसे नौकरी पर रखने वाले काफी गाली-गलौच करते थे और अमानवीय तरीके से पेश आते थे.

पढ़ें: SC में हुई सुनवाई के बाद बोले राकेश टिकैत, बातचीत होनी चाहिए



बच्चे के पुनर्वास के लिए नियोक्ता से वसूली हो
याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता के आठ साल के बच्चे से मजदूरी कराना चाइल्ड लेबर प्रोहिबिशन एक्ट, जुवेनाइल जस्टिस एक्ट, बांडेड लेबर सिस्टम एबोलिशन एक्ट, मिनिमम वेजेज एक्ट समेत दूसरे कानूनों का उल्लंघन है. याचिका में मांग की गई है कि कोर्ट याचिकाकर्ता के बच्चे के पुनर्वास के लिए आरोपी नियोक्ता से वित्तीय सहायता वसूलने की प्रक्रिया शुरु करे.

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