नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में सक्रिय नाइजीरियन ड्रग्स तस्कर अपने इस काम के लिए उत्तर-पूर्व में रहने वाली महिलाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं. उनके घर के पते से लेकर उनके बैंक खातों का इस्तेमाल नाइजीरियन तस्कर करते हैं. ये खुलासा बीते दिनों एनसीबी की ओर से ड्रग्स तस्करों के खिलाफ हुई कार्रवाई के दौरान हुआ है.
साबुन और फेस पाउडर के जरिए होती है तस्करी
एनसीबी के डिप्टी डीजी आरएन श्रीवास्तव के मुताबिक पिछले दिनों कुछ ऐसे गैंग पकड़े गए हैं. जो कुरियर के माध्यम से विभिन्न देशों तक ड्रग्स की खेप भेजने एवं मंगवाने का काम कर रहे थे. ऐसा देखने में आया है कि वो इंटरनेशनल कुरियर सर्विस के माध्यम से ड्रग्स की सप्लाई करते हैं.
इस ड्रग्स की खेप को ऐसे किसी सामान में छिपाया जाता है. जिससे वो आसानी से पकड़ में न आये. हाल ही में एनसीबी ने जो खेप पकड़ी थी. उसमें साबुन और फेस पाउडर में छिपाकर हेरोइन को कुरियर से भेजा गया था.
उत्तर-पूर्वी राज्य की महिलाओं से मदद
आरएन श्रीवास्तव ने बताया कि ऐसे कुछ गैंग एनसीबी ने पिछले दिनों पकड़े जिसमें नाइजीरियन तस्कर उत्तर-पूर्वी राज्य की महिलाओं के साथ गठजोड़ कर हेरोइन की तस्करी कर रहे थे. वो उनके पते पर ड्रग्स की खेप को मंगवाते थे.
इसके अलावा उनके बैंक खातों का इस्तेमाल भी वो रुपयों के लेनदेन के लिए करते रहे हैं. एनसीबी को पता चला है कि नाइजीरियन तस्कर कभी रुपयों का लालच देकर या कभी दोस्ती के बहाने उत्तर-पूर्वी राज्य की महिलाओं को अपने इस ड्रग्स रैकेट में शामिल कर लेते हैं.
ऐसे गैंग पर है एनसीबी की नजर
एनसीबी के अधिकारियों की माने तो ड्रग्स तस्करी करने वाले ऐसे गैंग पर लगातार उनकी नजर रहती है. वो कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर ड्रग्स तस्करी में लगे हुए लोगों के बारे में जानकारी जुटाते हैं और ऐसे गैंग का पर्दाफाश करते हैं. उनके सामने नाइजीरियन युवकों और उत्तर पूर्वी राज्य की महिलाओं का जो गठजोड़ सामने आया है, उसे लेकर भी आगे काम किया जा रहा है.