नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में मॉनसून की आज हुई पहली बरसात ने पूरे तरीके से दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम के द्वारा किए जा रहे बड़े-बड़े दावों की हवा निकाल के रख दी. दरअसल राजधानी दिल्ली में मॉनसून की पहली भारी बरसात के बाद जगह-जगह बड़े स्तर पर जलभराव की समस्या देखने को मिली. इसी बीच तेज बारिश के कारण ओवरफ्लो हुए बड़े नाले जिसकी वजह से अन्ना नगर नाले में 10 घर बह गए.
अन्ना नगर के क्षेत्र में हालातों को देखते हुए एनडीआरएफ को मोर्चा संभालने के लिए आगे आना पड़ा. जिसके बाद हालात थोड़े सुधरते नजर आए. हैरानी की बात यह रही कि इतना सब कुछ हो जाने के बाद स्थानीय विधायक को अन्ना नगर की जनता से मिलने में 3 घंटे से ज्यादा का समय लग गया. वहीं DUSIB के किसी भी अधिकारी ने पूरा दिन भर स्थानीय लोगों का दुख दर्द जानने का कष्ट तक नहीं किया. आपको बता दें अन्ना नगर क्षेत्र में जहां यह घटना हुई है वह DUSIB के क्षेत्र में आता है.
एनडीआरएफ ने हालातों को कंट्रोल किया
एनडीआरएफ के असिस्टेंट कमांडेंट पंकज मिश्रा ने ईटीवी भारत को विशेष बातचीत के दौरान बताया कि अन्ना नगर में एनडीआरएफ ने हालातों को पूरी तरीके से संभाल लिया है. सुबह 9:00 बजे ही एनडीआरएफ की 2 टीमें अन्ना नगर पहुंच गई थी. जिसके बाद लोगों को खतरे की जगह से दूर ले जाया गया और हालातों को कंट्रोल किया गया. साथ ही एनडीआरएफ की टीमें दुर्घटना स्थल पर रेस्क्यू ऑपरेशन भी चला रही हैं.
दिल्ली सरकार करे मदद
अन्ना नगर झुग्गियों के प्रधान कुकू स्वामी ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान स्पष्ट तौर पर कहा कि 10 घर इस दुखद हादसे में पूरी तरह से नाले में बह गए हैं. जिसकी वजह से इन घरों में रहने वाले लोग परेशान हैं. आर्थिक स्तर पर भी इन घरों में रह रहे लोगों को काफी बड़ा नुकसान हुआ है. साथ ही साथ एक दर्जन से अधिक घरों में दरारें पड़ गई है. इसकी वजह से उन घरों को भी खाली कराना पड़ा है और लोग काफी ज्यादा परेशान है. ऐसे में वह दिल्ली सरकार से अपील करते हैं कि इन सभी लोगों की जल्द से जल्द मदद की जाए ताकि इन लोगों को थोड़ा सहारा मिल सके.
आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति तेज
बहरहाल, मॉनसून की पहली भारी बरसात ने दिल्ली सरकार के साथ-साथ दिल्ली नगर निगम के तमाम दावों की सच्चाई सबके सामने ला दी है. जहां आज पूरा दिन भर राजधानी दिल्ली में लोगों को जलभराव की भारी समस्या से जूझना पड़ा. वही अन्ना नगर में 10 परिवारो के सर से घर की छत छिन गई. जिसकी जिम्मेदारी अभी तक किसी ने नहीं ली है. जबकि इस दुखद हादसे को लेकर आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति सत्ता के गलियारे में तेज हो गई है.