नई दिल्ली: राजधानी में हर दिन सड़क हादसों में कई परिवार अपनों को खो देते हैं. कुछ घायलों को किस्मत से मदद मिल जाती है लेकिन कुछ बिना किसी मदद के जिंदगी की जंग हार जाते हैं. दिल्ली सरकार ने आज 'फरिश्ते दिल्ली के' स्कीम लॉन्च की. इसके साथ ही सरकार ने उन लोगों को सम्मानित किया जो सड़क हादसों मे घायल लोगों की मदद करते हैं.
ईटीवी भारत ने उन 'फरिश्तों' से विशेष बातचीत की जिन्होंने कभी ना कभी, किसी ना किसी तरीके से घायलों को मदद देकर उनकी जिंदगी बचाई.
हैदर अली ने बचाई थी मैरिड कपल की जान
पेशे से वकील हैदर अली ने बताया कि वो कड़कड़डूमा कोर्ट के पास से गुजर रहे थे. तभी 25 से 30 लोगों की भीड़ देखी. पास जाकर देखा तो मैरिड गंभीर रूप से घायल अवस्था में थे. सड़क हादसे में घायल होने की वजह से उनकी स्थिति काफी चिंताजनक थी.
उन्होंने बताया कि लोग काफी देर से तमाशबीन बनकर उनको देख रहे थे. लेकिन मुझे लगा कि यहां तमाशबीन बनने से बेहतर है कि उनकी जान बचाई जाए और अस्पताल ले जाया जाए. उन्होंने बताया कि उन्हें तुरंत पास के एक अस्पताल में ले जाया गया जहां उनका उपचार किया गया.
उन्होंने ये भी कहा कि इस दरमियान मुझे किसी भी कानूनी प्रक्रिया से ना तो गुजरना पड़ा और ना ही कोई परेशानी हुई. ऐसे में हम सबकी जिम्मेदारी है कि सड़क हादसे में अगर कोई भी घायल होता है तो उसे जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाया जाए.
चंदन गम्भीर बच्ची को लेकर गए थे अस्पताल
चंदन गम्भीर ने बताया कि जगतपुरी के पास एक सात साल की बच्ची सड़क पार कर रही थी. तभी एक बाइक सवार ने उसके पैर पर बाइक चढ़ा दी. तब बच्ची को देखकर मैं अस्पताल ले गया. उन्होंने बताया कि ऐसी स्थिति में कई बार लोग देखकर भी उन्हें अस्पताल नहीं लेकर जाते. जिसकी वजह से लोगों को उपचार नहीं मिलता. जिससे वो जान से भी हाथ धो बैठते हैं. उनका कहना है कि सरकार की ये स्कीम काफी अच्छी है. इससे लोगों को मिलकर मदद करनी चाहिए.