नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में कड़ाके की ठंड के बीच निगम हेड क्वार्टर के बाहर एमसीडी के प्राइमरी टीचर अपनी मांगों को लेकर धरना पर बैठे हैं. शिक्षकों का कहना है कि उनकी मांगें को अभी तक पूरा नहीं किया गया है. निगम की सरकार ने प्रचार प्रसार पर लाखों रुपया खर्च किया. निगम कहता है कि सभी निगम के कर्मचारियों को पहली तारीख को तनख्वाह मिल रही है. लेकिन यह बिल्कुल गलत है, सिर्फ अक्टूबर में लोगों को समय पर सैलरी मिली है. उसके बाद से सैलरी लेट आ रही है.
एमसीडी के शिक्षकों ने कहा कि निगम में आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद हालात और भी बुरे हो गए. अब तो हमारी बातों को सुना भी नहीं जाता. पहले हमारी मांगे सुन तो ली जाती थी. लेकिन आज हम लोग प्रदर्शन करने पर मजबूर हैं. प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने कहा कि स्कूलों में शिक्षकों को परेशान किया जा रहा है. बेवजाह छापेमारी की जा रही है. ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर भी हमारी शिकायत है. इसके अलावा जो बच्चे स्कूलों में पढ़ रहे थे अभी छोटे बच्चे हैं और उन्हें अचानक से ज्यादा बोझ दिया जा रहा है. जिसकी वजह से बच्चे भी पढ़ाई में परेशान हो रहे हैं. उनके पैरेंट्स भी हमसे शिकायत करते हैं.
एमसीडी शिक्षकों ने कहा कि पांचवीं क्लास के बच्चे को 10 दिन में ही सब कुछ पढ़ा दिया जाए, ऐसा नहीं हो सकता. अभी तक निगम के स्कूलों में बच्चों की स्टेशनरी तक उपलब्ध नहीं हो पाई है. बच्चे कैसे पढ़ेंगे पूरा साल बीतने को है. कुछ दिनों बाद नया साल शुरू हो जाएगा.
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शिक्षकों का कहना है कि उन्हें बेवजह परेशान किया जा रहा है. एमसीडी स्कूलों में पहले से ही 6000 शिक्षकों की कमी है. इससे छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही है. एमसीडी में आप की सरकार बनने के बाद शिक्षकों को लगातार धमकाया जा रहा है. शिक्षकों का आरोप है कि निगम के स्कूलों में पर्याप्त मात्रा में स्टाफ न होने की वजह से साफ सफाई भी नहीं हो पाती. अधिकारी चाहते हैं कि खुद ही शिक्षक साफ सफाई करें.