नई दिल्ली: दिल्ली में पिछले दो दिनों के दौरान जिस तरह कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. इस पर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से कोरोना वायरस का संक्रमण दिल्ली में बढ़ा है, उसे देखते हुए समझा जा सकता है कि केजरीवाल सरकार हर मोर्चे पर नाकाम साबित हुई है. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने दिल्ली के लोगों को कोरोना के संक्रमण से सुरक्षित रखने के बजाय अपना सारा ध्यान विज्ञापन के जरिए खुद को प्रचारित प्रसारित करने की ओर केंद्रित कर रखा है.
सरकार का विज्ञापन पर ध्यान
तिवारी ने विज्ञप्ति जारी कर कहा कि विज्ञापनों में केजरीवाल की तस्वीर तो खूब चमक रही है, लेकिन वास्तविकता में दिल्ली सरकार की नाकामी के कारण मासूम लोगों की जान जा रही है. दिल्ली के लोगों को उचित स्वास्थ्य सेवाएं एवं इलाज मुहैया कराने के विपरीत केजरीवाल सरकार अब लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया है. अब संक्रमित लोगों को होम आइसोलेशन करने का निर्देश जारी किया है. बदकिस्मती यह रही कि इस संकट की घड़ी में भी दिल्ली सरकार कोरोना मामले को गंभीरता से लेने की जगह आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति करती रही है.
संक्रमितों की संख्या हज़ार पार
गुरुवार को दिल्ली में कोरोना के 1024 मामले सामने आए थे. तो शुक्रवार को एक 1106 मामले सामने आए हैं. यह अभी तक का सर्वाधिक आंकड़ा है. मनोज तिवारी ने कहा कि आज जो दिल्ली की दशा है यह वो दिल्ली नहीं है जिसकी दिल्ली के लोगों ने कल्पना की थी. हालात यह है कि आज दिल्ली देश के सबसे संक्रमित शहरों में से एक बन गया है.
टेस्टिंग पर झूठ बोल रही सरकार
दिल्ली सरकार ने दिल्ली के अस्पतालों में बेड, कोरोना टेस्टिंग, मौत के आंकड़ों एक्टिव मामलों को लेकर लगातार झूठ बोलकर दिल्ली के लोगों को झूठा आश्वासन देती रही कि दिल्ली में कोरोना के मामले नियंत्रित है. कोरोना से लड़ने के लिए सभी पुख्ता स्वास्थ्य व्यवस्था है. लेकिन प्रतिदिन जिस गति से दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं उसने केजरीवाल सरकार के काल्पनिक रूप से की गई स्वास्थ्य व्यवस्था की हकीकत अब दिल्ली के लोगों के सामने ला दिया है.
दिल्ली सरकार इतनी लापरवाही कैसे ?
उन्होंने मुख्यमंत्री से सवाल भी पूछे कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी को लेकर दिल्ली सरकार इतनी लापरवाही कैसे हो सकती है? क्या लॉक डाउन की अवधि के दौरान केजरीवाल ने किसी अस्पताल का दौरा किया? क्या केजरीवाल ने किसी टेस्टिंग लैब का जायजा लिया? क्या उन्होंने किसी स्क्रीनिंग सेंटर का निरीक्षण करके देखा कि वहां क्या हालात है? क्या वहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाया जा रहा है? और इन सवालों के जवाब भी मुख्यमंत्री से मांगा है.