नई दिल्ली: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को एक और पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना से अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिक में मेडिकल टेस्ट की संख्या में बढ़ोतरी करने तथा एक जनवरी से इसे लागू करने के संबंध में भेजी गई फाइल को मंजूरी देने की अपील की है. सिसोदिया ने पत्र में लिखा है कि अगर उपराज्यपाल ऐसा नहीं करते हैं तो एक जनवरी से यह टेस्ट नहीं हो पाएंगे, इससे दिल्ली के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा.
उपराज्यपाल को लिखे तीन पन्ने के पत्र में उपमुख्यमंत्री ने फिर उपराज्यपाल को अपने अधिकारों की याद दिलाई है. संवैधानिक अधिकारों का ब्यौरा देते हुए सिसोदिया ने लिखा है कि इस तरह से सरकार के फैसलों को रोकने का कोई औचित्य नहीं है. दिल्ली सरकार ने 12 दिसंबर को सरकारी अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिक्स में बीमारियों का पता लगाने के लिए किए जाने वाले टेस्ट्स की संख्या बढ़ाने का फैसला लिया था. इस संबंध में स्वीकृति के लिए फाइल उपराज्यपाल को भेजी थी. सिसोदिया ने उपराज्यपाल से सरकारी अस्पतालों और मोहल्ला क्लिनिकों में लैब टेस्ट के प्रस्ताव पर निर्णय लेने की अपील की है, ऐसा नहीं होने पर एक जनवरी से दिल्ली के सभी अस्पतालों में टेस्ट बंद होने का जिक्र किया है.
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बता दें कि 12 दिसंबर को दिल्ली सरकार ने अपने सभी अस्पतालों में 450 तरह के टेस्ट मुफ्त करने का फैसला लिया था. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सरकारी अस्पतालों और मोहल्ला क्लिनिकों में 238 से अधिक जांच के लिए निशुल्क व्यवस्था करने के स्वास्थ्य विभाग के एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. वर्तमान में सरकार द्वारा मुफ्त में उपलब्ध कराए जाने वाले चिकित्सा परीक्षणों की संख्या 212 है. मुख्यमंत्री ने अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिकों में 238 और जांच नि:शुल्क करने के स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी, उसके बाद फ़ाइल उपराज्यपाल को भेजी गई थी.
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