नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में अधिकारों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आए फैसले के बाद से दिल्ली सरकार और नौकरशाही के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है. मंत्रियों के हमले के बाद शुक्रवार को LG वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर उन्हें याद दिलाया है कि सरकार अपने अधिकारियों से ही काम लेती है. इसलिए उन्हें उसके साथ अच्छे से पेश आना चाहिए. अधिकारियों को परेशान किया गया या उन्हें धमकी दी गई तो जनता के काम प्रभावित होंगे. वहीं, CM केजरीवाल ने इसका जवाब दिया है.
उन्होंने पत्र लिखकर कहा कि आपके पत्र की भाषा और उसमें उठाए गए मुद्दे को पढ़कर स्तब्ध हूं. पत्र की भाषा तू- तू, मैं-मैं की है, और पत्र का सार है उस दिन तूने मुझे यह क्यों कहा, मैंने तुझे यह क्यों कहा? दिल्ली के लोग कई वर्षों से न्याय की राह देख रहे थे. कई वर्षों के लंबे संघर्ष के बाद दिल्ली वालों को सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिला. लोगों ने आम आदमी पार्टी को प्रचंड बहुमत देकर जिताया. दिल्ली के लोगों को हमसे बहुत उम्मीद है. हमें बहुत काम करने हैं. दिल्ली को दुनिया का नंबर वन शहर बनाना है और हम बनाकर दिखाएंगे.
यह पत्राचार की भाषा नहींः केजरीवाल ने लिखा कि आपके पत्र में लिखा है कि सौरभ ने ऐसा कहा, वैसा कहा. वैसे तो मैं यह मान ही नहीं सकता. सौरभ इतना शांत और सौम्य स्वभाव का व्यक्ति है, लेकिन अगर उसने किसी को कुछ कहा भी है तो आपका छोटा भाई है उसे बुलाकर डांट लीजिए. क्या एक उपराज्यपाल और एक मुख्यमंत्री के बीच यह बातें पत्राचार का विषय होनी चाहिए. अंत में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में बहुत ज्यादा काम करने हैं और उसके लिए हमें आपके आशीर्वाद और सहयोग की अपेक्षा है.
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माननीय मुख्यमंत्री श्री @ArvindKejriwal जी ने आज उपराज्यपाल महोदय से मुलाक़ात करने के बाद मीडिया से बात की। pic.twitter.com/dNU2EM3zQL
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— CMO Delhi (@CMODelhi) May 19, 2023
सरकार दिखा रही उतावलापनः सीएम को लिखे पत्र में LG ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट से फैसला आते ही दिल्ली सरकार और उसके मंत्रियों ने जिस तरह से आनन-फानन में अधिकारियों को परेशान करना और उनको उनका तबादला करना शुरू किया है. उसमें उतावलापन झलक रहा है. दिल्ली सरकार और उनके मंत्री आईएएस अफसरों से बदसलूकी और जोर-जबर्दस्ती कर रहे हैं, उन्हें धमकी दे रहे हैं. उनसे फाइलों पर जबरन दस्तखत कराए जा रहे हैं, जो किसी भी दृष्टि से ठीक नहीं है. राष्ट्रीय राजधानी होने के कारण दिल्ली को तो अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है.
तय प्रक्रिया का पालन करें सरकारः एलजी ने अरविंद केजरीवाल को याद दिलाया है कि इन गतिरोध को दूर करने के लिए हमने अब तक क्या-क्या कदम उठाए हैं. इसके बावजूद दिल्ली सरकार इसे सकारात्मक ढंग से नहीं ले रही है. उन्होंने लिखा है कि किसी भी अधिकारी को रिलीव या उसका ट्रांसफर करने की एक निश्चित प्रक्रिया होती है, लेकिन दिल्ली सरकार के मंत्री जिस तरह से मीडिया में बयानबाजी कर रहे हैं, सड़कों पर बयानबाजी कर रहे हैं और अनावश्यक दबाव बना रहे हैं. उससे ऐसा लगता है कि वे इस प्रक्रिया का पालन ही नहीं चाहते हैं.
विवाद सुलझाने के लिए आवश्यक कदम उठाएंः एलजी वीके सक्सेना ने सीएम अरविंद केजरीवाल से अनुरोध किया है कि वह इस पत्र को सकारात्मक भाव से देखें और इन मुद्दों को सुलझाने के लिए सही दिशा में कदम उठाएं. उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी जोर जबरदस्ती या अनावश्यक दबाव के चलते वह असंवैधानिक फैसलों को सही नहीं ठहरा सकते हैं. वह नियम व कानून और संविधान के अनुसार ही अपनी शक्तियों का प्रयोग करेंगे.