नई दिल्ली: कई महीनों से दिल्ली नगर निगम(MCD) के कर्मचारियों का बकाया वेतन ना मिलने अब राजनीतिक मुद्दा बनते जा रहा है. अब सभी राजनीतिक पार्टियां इससे सियासी मोड़ दे रही है. पिछले कुछ समय से दिल्ली में राजनीतिक पार्टियों के आयोजनों में जनता की उपस्थिति कम देखने को मिल रही है. इसी कड़ी में बीजेपी ने 13 हजार करोड़ के बकाए मामले के विरोध एक दिन के उपवास के कार्यक्रम का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में जनता की खास कमी नजर आई.
दावों के मुताबिक नहीं असलियत
बता दें कि हर मंडल में भाजपा पदाधिकारियों ने 13 हजार करोड़ के बकाए के मसले पर जनता के पूर्ण समर्थन मिलने के दावे किए, लेकिन दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी होने का दम भरने वाली इस पार्टी के उपवास कार्यक्रम में दावे के मुताबिक कार्यकर्ता भी नजर नहीं आए.
उपवास के सांकेतिक होने का बहाना
उपवास में कार्यकर्ताओं की कम उपस्थित को लेकर किए गए सवाल पर विवेक विहार वार्ड के निगम पार्षद और पूर्वी दिल्ली नगर निगम(EDMC) के पूर्व उप महापौर संजय गोयल का कहना है कि उपवास सांकेतिक है, इसलिए कम ही कार्यकर्ताओं को बुलाया गया. वैसे भी बहुत सारे कार्यकर्ता बीपी और शुगर के मरीज होते हैं, जिन्हें ज्यादा देर भूखा नहीं रखा जा सकता है, इसलिए संख्या कम दिखी. इस मौके पर गोयल ने भी जनता और कार्यकर्ताओं के भरपूर समर्थन मिलने का दावा करने से नहीं चूके.
देरी के लिए ठंड जिम्मेदार
भाजपा का ये उपवास कार्यक्रम सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चला, लेकिन कई जगहों पर यह तय समय से देरी से शुरू हुआ. जिसे लेकर राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा भी उठी कि उपवास से पहले नाश्ते में देर हो गई. इस पर शाहदरा जिला के पूर्वांचल मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष विजय शंकर झा ने सफाई देते हुए कहा कि देरी की वजह ठंड रही, लेकिन इसके बाद भी कार्यकर्ता पूरे जोश में नजर आए. उनका कहना है कि जिन्हे भाजपा कार्यकर्ताओं की प्रतिबद्धता पर संदेह है, उन्हें मुख्यमंत्री आवास पर तीनों नगर निगमों के मेयर का धरना देखना चाहिए, जो पिछले 11 दिन से कड़ाके की ठंड में बैठे हुए हैं.