नई दिल्ली: कोरोना मामलों में एक बार फिर दिल्ली में इजाफा हुआ हैं. बुधवार को कोरोना के 1693 नए मामले सामने आए. वहीं अब कोरोना मामलों की बढ़ती संख्या पर राजनीतिक पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी हो गया है. इसी क्रम में विधानसभा में नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि इसके लिए सीधे तौर पर दिल्ली सरकार जिम्मेदार है.
कोरोना की रोकथाम में विफल दिल्ली सरकार
ईटीवी भारत से खास बातचीत में रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि इन दिनों दिल्ली में कोरोना के मामलों में फिर से बढ़ोतरी हो रही है. दिल्ली के लोगों ने जो जिम्मेदारी अरविंद केजरीवाल को सौंपी, वह सही ढंग से नहीं निभा पा रहे हैं.
रोकथाम को लेकर गंभीर नहीं सरकार
नेता विपक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों को यह जिम्मेदारी दी कि वे अनलॉक को ठीक तरह से लागू करें. लेकिन दिल्ली सरकार ने सब गतिविधियों को खोलने की इजाजत दे दी, लेकिन केजरीवाल सरकार गाइडलाइंस बनाकर उसका लागू करने में नाकाम साबित हुई. चाहे साप्ताहिक बाजार खोलने की बात हो या होटल. उन्होंने मांग की है कि दिल्ली सरकार अपनी जिम्मेदारी पर ध्यान दें. मगर उनका पूरा ध्यान सिर्फ विज्ञापनों के जरिए ही गाइडलाइंस बताकर पल्ला झाड़ लेने पर होता है.
गृहमंत्री के हस्तक्षेप से हुआ था कम कोरोना
दिल्ली में जून महीने में कोरोना के मामले बढ़े थे. तब गृह मंत्री अमित शाह ने तुरंत संज्ञान लिया और उनके नेतृत्व में जो कार्य हुए नतीजा रहा कि दिल्ली में स्थिति संभल गई थी. मगर आज फिर बदतर होने जा रही है. ऐसे लोगों में दहशत कायम हो जाएगा.
शराब के ठेके खोलने का किया था विरोध
रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि मई महीने में जब दिल्ली सरकार ने शराब के ठेके खोलने का फैसला लिया था. तब भी विपक्ष ने इसका विरोध किया था. विपक्ष ने तब कहा था कि इससे कोरोना के मामले में बढ़ोतरी होगी. आज हुआ भी यही. आज जब फिर होटल, सप्ताहिक बाजार आदि लगाने की इजाजत दी गई है, तो वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है. लोग मास्क पहनकर जा रहे हैं या नहीं. इन सबको देखने की जरूरत है. लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है. हालात यही रहे तो स्थिति विकराल हो जाएगी.
हमेशा जिम्मेदारी से भागती रही सरकार
पिछले दिनों जब उपराज्यपाल के साथ बैठक में होटलों व सप्ताहिक बाजार को खोलने का फैसला लिया गया, तो सरकार ने सब खोल दिए. अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की बात कही. मगर वहां कोरोना से बचाव के लिए निर्धारित दिशानिर्देश का पालन हो रहा है या नहीं, इस जिम्मेदारी से केजरीवाल सरकार भाग जाती हैं.
बता दें कि दिल्ली में 16 जुलाई के बाद कोरोना के मामले कम हुए थे. लेकिन पिछले एक सप्ताह के दौरान जिस तेजी से मामले बढ़ने लगे हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अब फौरी तौर पर टेस्टों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. साथी बचाव के लिए क्या किए जा सकते हैं. इस पर विचार करने की बात कही है. जिस पर विपक्ष ने उन्हें आड़े हाथों लिया है.