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दिल्ली में ग्रैप-3 लागू होने के पहले दिन 550 वाहनों के कटे चालान, 5.85 करोड़ रुपये का जुर्माना

सीपीसीबी के अनुसार गंभीर श्रेणी की वायु गुणवत्ता स्वस्थ व्यक्तियों के लिए खतरा पैदा करती है. स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त पर गंभीर प्रभाव डालती है.

दिल्ली में प्रदूषण
दिल्ली में प्रदूषण (File Photo)
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By PTI

Published : 2 hours ago

नई दिल्ली: दिल्ली की वायु गुणवत्ता शनिवार को और खराब हो गई तथा कई इलाके में यह 'गंभीर श्रेणी' में पहुंच गई हैं. वहीं अधिकारियों ने चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) के तीसरे चरण के तहत प्रदूषण नियंत्रण उपायों के पहले दिन करीब 5.85 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाकर अपनी कार्रवाई तेज कर दी. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, गंभीर श्रेणी की वायु गुणवत्ता स्वस्थ व्यक्तियों के लिए खतरा पैदा करती है तथा मौजूदा स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त लोगों पर गंभीर प्रभाव डालती है.

दिल्ली के 39 निगरानी स्टेशनों में से सीपीसीबी द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार श्री अरबिंदो मार्ग को छोड़कर सभी स्थानों पर वायु गुणवत्ता 'गंभीर श्रेणी' में थी, जिसमें एक्यूआई का स्तर 400 से ऊपर था. शुक्रवार को जीआरएपी के तीसरे चरण के तहत प्रतिबंध लागू होने के बाद अधिकारियों ने नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है और यातायात पुलिस, परिवहन विभाग एवं अन्य की टीम भी उल्लंघन करने वालो को दंडित रही हैं. दिल्ली यातायात पुलिस ने शुक्रवार को बीएस 3 पेट्रोल और बीएस 4 डीजल वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध के उल्लंघन के लिए लगभग 550 चालान जारी किए, और जीआरएपी के तीसरे चरण के तहत प्रतिबंधों के पहले दिन एक करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया गया.

शनिवार को कश्मीरी गेट अंतरराज्यीय बस टर्मिनल पर बसों के निरीक्षण के दौरान दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आरोप लगाया कि भाजपा शासित पड़ोसी राज्य प्रतिबंध के बावजूद बीएस-4 डीजल बसें भेजकर राजधानी में वायु प्रदूषण बढ़ा रहे हैं. हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों की ओर इशारा करते हुए राय ने कहा, "भाजपा सरकारें जानबूझकर दिल्ली में डीजल से चलने बसें भेज रही हैं, जो वर्तमान दिशानिर्देशों के तहत प्रतिबंधित है, जिससे वायु प्रदूषण और खराब हो रहा है." प्रदूषण से निपटने के प्रयासों के तहत राय ने घोषणा की कि प्रतिबंध का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के लिए परिवहन विभाग की कुल 84 प्रवर्तन टीमें और यातायात पुलिस की 280 टीमें तैनात की गई हैं.

ये भी पढ़ें: दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण को लेकर CAQM ने बुलाई आपात बैठक, GRAP 3 के कार्यान्वयन की स्थिति की समीक्षा की

ये भी पढ़ें: दिल्लीवालों की सेहत पर धुंध का अटैक, प्रदूषण से एयर क्वालिटी हुई और खराब; ठंड भी बढ़ने लगी

नई दिल्ली: दिल्ली की वायु गुणवत्ता शनिवार को और खराब हो गई तथा कई इलाके में यह 'गंभीर श्रेणी' में पहुंच गई हैं. वहीं अधिकारियों ने चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) के तीसरे चरण के तहत प्रदूषण नियंत्रण उपायों के पहले दिन करीब 5.85 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाकर अपनी कार्रवाई तेज कर दी. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, गंभीर श्रेणी की वायु गुणवत्ता स्वस्थ व्यक्तियों के लिए खतरा पैदा करती है तथा मौजूदा स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त लोगों पर गंभीर प्रभाव डालती है.

दिल्ली के 39 निगरानी स्टेशनों में से सीपीसीबी द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार श्री अरबिंदो मार्ग को छोड़कर सभी स्थानों पर वायु गुणवत्ता 'गंभीर श्रेणी' में थी, जिसमें एक्यूआई का स्तर 400 से ऊपर था. शुक्रवार को जीआरएपी के तीसरे चरण के तहत प्रतिबंध लागू होने के बाद अधिकारियों ने नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है और यातायात पुलिस, परिवहन विभाग एवं अन्य की टीम भी उल्लंघन करने वालो को दंडित रही हैं. दिल्ली यातायात पुलिस ने शुक्रवार को बीएस 3 पेट्रोल और बीएस 4 डीजल वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध के उल्लंघन के लिए लगभग 550 चालान जारी किए, और जीआरएपी के तीसरे चरण के तहत प्रतिबंधों के पहले दिन एक करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया गया.

शनिवार को कश्मीरी गेट अंतरराज्यीय बस टर्मिनल पर बसों के निरीक्षण के दौरान दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आरोप लगाया कि भाजपा शासित पड़ोसी राज्य प्रतिबंध के बावजूद बीएस-4 डीजल बसें भेजकर राजधानी में वायु प्रदूषण बढ़ा रहे हैं. हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों की ओर इशारा करते हुए राय ने कहा, "भाजपा सरकारें जानबूझकर दिल्ली में डीजल से चलने बसें भेज रही हैं, जो वर्तमान दिशानिर्देशों के तहत प्रतिबंधित है, जिससे वायु प्रदूषण और खराब हो रहा है." प्रदूषण से निपटने के प्रयासों के तहत राय ने घोषणा की कि प्रतिबंध का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के लिए परिवहन विभाग की कुल 84 प्रवर्तन टीमें और यातायात पुलिस की 280 टीमें तैनात की गई हैं.

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