नई दिल्ली/गाजियाबाद: बार एसोसिएशन गाजियाबाद द्वारा 16 नवंबर को अधिवक्ताओं की महापंचायत का आयोजन किया गया. इसमें उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा समेत कई राज्यों की अधिवक्ता शामिल हुए. शाम करीब 4:00 अधिवक्ताओं की महापंचायत का समापन हुआ. बार एसोसिएशन गाजियाबाद के अध्यक्ष दीपक शर्मा के मुताबिक, महापंचायत में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया गया कि वकीलों पर लाठीचार्ज कराने के मामले को संज्ञान में लेकर जिला जज गाजियाबाद के निलम्बन, निष्कासित करने व अवमानना की कार्यवाही कर दंडित किया जाए. इसके अलावा उच्च न्यायालय, पुलिसकर्मियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर अवमानना की कार्यवाही करने व दंडित करे.
दीपक शर्मा के मुताबिक, यह यह प्रस्ताव भी पारित किया कि अगर उक्त मांगों को लेकर कार्यवाही नहीं की जाती तो उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जनपद में हर बुधवार को बार संघ कलमबद्ध हड़ताल करेंगे और न्यायालयों में उपस्थित होकर कोई कार्य नहीं करेंगे. वहीं बार एसोसिएशन के सचिव अमित नेहरा के मुताबिक, सर्वसम्मति से महापंचायत में यह भी प्रस्ताव पारित किया गया कि इन मांगों को पूरा कराने के लिए दीपक शर्मा और अन्य सभी बार अध्यक्ष कमेटी गठित कर एक प्रतिनिधी मंडल माननीय मुख्य न्यायाधीश उच्चतम न्यायालय से मिलकर कार्यवाही के लिए एक समन्वय समन्वय समिति के रूप में कार्य करेंगे.
बार एसोसिएशन गाजियाबाद द्वारा जारी किए गए बयान के मुताबिक, यह भी प्रस्ताव पारित हुआ कि प्रदेश व देश में वादकारियों के हितों को सर्वोच्च मानते हुए अधिवक्ताओं की गरिमा की प्रतिष्ठा को कायम रखते हुए न्यायालयों में 18 नवंबर से कार्य करेंगे और बार एसोसिएशन गाजियाबाद के सभी सदस्य मांगे पूरी न होने तक जिला जज गाजियाबाद के न्यायालय का पूर्णरूप से बहिष्कार करेंगे और उसमें उपस्थित होकर कोई नहीं करेंगे. साथ ही उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में अधिवक्ता चुनाव का बहिष्कार करेंगे. अगर 24 नवंबर तक मांगे नहीं मानी गईं तो उत्तर प्रदेश के सभी अधिवक्ता 29 नवंबर को बार काउंसिल ऑफ प्रयागराज के प्रांगण में इकट्ट्ठा होकर जलूस के रूप में माननीय उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को प्रदर्शन करते हुए ज्ञापन सौपेंगे.
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