नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार पिछले साल की तरह इस बार भी पराली गलाने के लिए खेतों में बायो डी-कंपोजर का निःशुल्क छिड़काव करेगी. ताकि खेतों में पराली न जलाई जा सके. इसको लेकर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने गुरुवार को कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने बताया कि दिल्ली के अंदर बासमती और गैर बासमती धान के सभी खेतों में सरकार निःशुल्क बायो डी-कंपोजर का छिड़काव कराएगी. इसके लिए कृषि विभाग को धान के खेतों का सर्वे करने को कहा है. छिड़काव के लिए 11 टीमें बनाई गई हैं.
मंत्री राय ने कहा कि सर्दियों के मौसम में होने वाली प्रदूषण की समस्या के समाधान के लिए सरकार लगातार अलग-अलग विभागों के साथ बैठक कर विंटर एक्शन प्लान बना रही है. दिल्ली के 28 विभागों को विंटर एक्शन प्लान को लेकर 15 बिंदुओं पर अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई है. जिसके तहत पर्यावरण विभाग विंटर एक्शन प्लान की संयुक्त कार्ययोजना तैयार करेगा. 25 सितंबर तक सभी विभागों को प्लान तैयार कर डीपीसीसी को देना है.
किसानों से जुटाई जा रही है जानकारीः उन्होंने कहा कि 15 फोकस बिंदुओं में शामिल पराली जलाना भी सर्दियों के मौसम में प्रदूषण की समस्या को बढ़ाने में एक अहम भूमिका निभाता है. जब दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में पराली जलना शुरू होता है तो उसके धुएं से दिल्ली में प्रदूषण होता है. दिल्ली के अंदर बासमती और गैर बासमती धान के सभी खेतों में सरकार द्वारा निःशुल्क बायो डी-कंपोजर का छिड़काव करने का निर्णय लिया गया है. साथ ही बायो डी-कंपोजर के छिड़काव को लेकर कृषि विभाग द्वारा किसानों से फॉर्म भरवाया जा रहा है. इस फार्म में किसान का डिटेल, कितने एकड़ खेत में छिड़काव करवाना चाहते हैं और फसल कटने का समय इत्यादि जानकारियां उपलब्ध है.