नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण काल में दिल्ली में विकास कार्य अवरुद्ध हैं. ऐसे में विधायकों को अपने क्षेत्र में अलग तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वे क्षेत्र में जब जन सुनवाई के लिए जनता के बीच पहुंचते हैं तो लोग लंबित कार्यों और अपनी परेशानियों का उनसे जिक्र करते हैं. विधायक फंड न होने की बात कह किसी तरह वहां से छुटकारा पाना चाहते हैं.
रोहिणी से बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर एमएलए लोकल एरिया डेवलपमेंट स्कीम के अंतर्गत 700 करोड़ रुपये का फंड जारी करने की मांग की है.
प्रत्येक विधायक को प्रतिवर्ष मिलता है 10 करोड़
उन्होंने कहा है कि एमएलए लैड स्कीम के तहत दिल्ली सरकार प्रत्येक विधानसभा को 10 करोड़ रुपये प्रति वर्ष जारी करती है. लेकिन इस बार विधानसभा का गठन के बाद इस स्कीम में न तो कोई राशि जारी की गई है और ना ही संबंधित विभाग द्वारा इस मद में कोई विकास प्रस्ताव स्वीकार किए गए हैं.
विधानसभा सत्र में भी विधायक ने उठाया था मुद्दा
उन्होंने कहा है कि इसी फंड में से स्थानीय विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र में नागरिकों के तत्कालीन आवश्यक कार्यों का पूरा कर आते हैं. विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि इस विषय पर उन्होंने 14 सितंबर को हुए दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र में भी मुद्दा उठाया था. परंतु इस पर न तो संबंधित मंत्री और ना ही मुख्यमंत्री केजरीवाल द्वारा कोई संतोषजनक उत्तर दिया.
फंड से होता है ये सब विकास कार्य
उन्होंने कहा कि फंड जारी करना तो दूर संबंधित विभाग इस संबंध में स्थानीय विधायकों से विकास प्रस्तावों को लेने से ही मना कर रही है. एमएलए लैड फंड जारी न होने के कारण विधानसभा क्षेत्र के निवासी पार्कों में सुधार, स्ट्रीट लाइट, कॉलोनी व सोसायटी की खस्ताहाल सड़कों में सुधार की बाट जो रहे हैं. जल-मल, स्वास्थ्य संबंधित, ओपन जिम सेवाएं, वृद्धों के लिए मनोरंजन केंद्र, सामुदायिक भवन जैसी आम नागरिक सुविधाएं बुरी तरह से प्रभावित हो रही हैं.
विभाग को दें निर्देश
बीजेपी विधायक ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से एमएलए लैड फंड से खर्च होने वाले सात सौ करोड़ पर तत्काल जारी करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि जब तक सरकार इस पर निर्णय लेती है तब तक सरकार संबंधित विभाग को विधायकों के इस स्कीम के तहत दिए गए प्रस्तावों को स्वीकार करने का निर्देश दें. जिससे सरकार द्वारा निर्णय हो जाने पर इन प्रस्तावों के बनाने को संबंधित विभाग द्वारा स्वीकार करने में होने वाली अनावश्यक देरी से बचा जा सके.
बता दें कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार आने से पहले विधायकों को विकास कार्यो के लिए प्रति वर्ष चार करोड़ रुपये दिए जाते थे. लेकिन केजरीवाल सरकार ने इस राशि को बढ़ाकर 10 करोड़ कर दिया था. ताकि क्षेत्र में विधायक विकास कार्य करा पाएं. मगर कोरोना संक्रमण काल में इस वर्ष विकास कार्यों के मद में सरकार ने एक भी रुपया अभी जारी नहीं किया है.