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दिल्ली हिंसा मामला: सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत 19 जनवरी तक बढ़ी - दिल्ली हिंसा के आरोपियों की न्यायिक हिरासत बढ़ी

दिल्ली हिंसा के सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत 19 जनवरी तक बढ़ा दी गई है. इससे पहले 22 दिसंबर को इन आरोपियों की हिरासत चार जनवरी तक बढ़ाई गई थी. आज सुनवाई के दौरान उमर खालिद ने चार्जशीट की सॉफ्ट कॉपी भी मांगी, जिसका पब्लिक प्रोसिक्यूटर ने विरोध नहीं किया.

Judicial custody of Delhi violence accused increased
दिल्ली हिंसा के आरोपियों की न्यायिक हिरासत बढ़ी
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Published : Jan 5, 2021, 3:18 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली दंगों में साजिश रचने के आरोपी ताहिर हुसैन और उमर खालिद समेत यूएपीए के सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत 19 जनवरी तक बढ़ा दी गई है. आज सभी आरोपियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत की कोर्ट में पेश किया गया.


उमर खालिद ने चार्जशीट की सॉफ्ट कॉपी मांगी
सुनवाई के दौरान उमर खालिद की ओर से वकील त्रिदीप पायस ने चार्जशीट की सॉफ्ट कॉपी जेल में उपलब्ध कराने के लिए याचिका दायर की है. उनकी इस मांग का स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर अमित प्रसाद ने विरोध नहीं किया. उन्होंने कहा कि ऐसी सुविधा सभी जेलों में आरोपियों के लिए की जा सकती है. बीते 22 दिसंबर को एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत आज तक बढ़ाई थी. सुनवाई के दौरान उमर खालिद ने कहा था कि उसे चार्जशीट की प्रति उपलब्ध नहीं कराई गई. इस पर कोर्ट ने उमर खालिद से कहा कि चार्जशीट की सॉफ्ट प्रति उसके वकील को सौंप दी गई है. हाईकोर्ट ने इसकी प्रिंटेड कॉपी देने के आदेश पर रोक लगा रखी है. कोर्ट ने उमर खालिद के वकील त्रिदिप पायस को निर्देश दिया था कि वो चार्जशीट की सॉफ्ट कॉपी उमर खालिद को जेल में उपलब्ध कराने के लिए आवेदन दाखिल करें. कोर्ट ने आसिफ इकबाल के वकील को भी ऐसा ही आवेदन दाखिल करने का निर्देश दिया.


कोर्ट ने दिया था सॉफ्ट कॉपी उपलब्ध कराने का आदेश
पिछले 28 नवंबर को कोर्ट ने उमर खालिद को चार्जशीट की सॉफ्ट कॉपी उपलब्ध कराने का आदेश दिया था. एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने कोर्ट के कर्मचारी को निर्देश दिया था कि वो उमर खालिद के वकील को तत्काल पेन ड्राईव में चार्जशीट की प्रति सौंपें. उमर खालिद ने कोर्ट से चार्जशीट की प्रति उपलब्ध कराने की मांग करते हुए कहा था कि अखबारों और न्यूज चैनलों में उसे उद्धृत करते हुए चार्जशीट के बारे में खबरें चलाई जा रही हैं लेकिन उसे खुद पता नहीं कि चार्जशीट में क्या है.

ये भी पढ़ें- दिल्ली: वकील महमूद प्राचा के दफ्तर पर छापे के मामले पर सुनवाई आज


किन धाराओं के तहत लगे हैं आरोप
पिछले 24 नवंबर को कोर्ट ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ 22 नवंबर को पूरक चार्जशीट दाखिल की थी. पूरक चार्जशीट में स्पेशल सेल ने यूएपीए की धारा 13, 16, 17 और 18 के अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 109, 124ए, 147, 148, 149, 153ए, 186, 201, 212, 295, 302, 307, 341, 353, 395, 419, 420, 427, 435, 436, 452, 454, 468, 471 और 43 के अलावा आर्म्स एक्ट की धारा 25 और 27 और प्रिवेंशन आफ डेमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट की धारा 3 और 4 के तहत आरोप लगाए गए हैं.


चार्जशीट में दिया गया व्हाट्स ऐप चैट का हवाला
पिछले 17 सितंबर को कोर्ट ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान को छोड़कर 15 आरोपियों के खिलाफ दायर चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. चार्जशीट में 24 फरवरी के व्हाट्स ऐप चैट का हवाला दिया गया है. जिस दिन उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगों की शुरुआत हुई थी. उस समय मुख्य साजिशकर्ता जमीनी कार्यकर्ताओं को दिशा-निर्देश जारी कर रहे थे. साजिशकर्ताओं ने व्हाट्स ऐप के जरिये सीलमपुर और जाफराबाद में हिंसा को भड़काने का काम किया था. 25 स्थानों पर विरोध प्रदर्शनों के लिए 25 व्हाट्स ऐप ग्रुप बनाए गए थे. ये साजिशकर्ता जताने की कोशिश कर रहे थे कि वे नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में होनेवाले प्रदर्शनों के ग्रुप हैं. लेकिन इन ग्रुप के जरिये वे हिंसा को भड़काने के लिए लोगों को उकसा रहे थे.


ताहिर हुसैन है मुख्य आरोपी
स्पेशल सेल ने ताहिर हुसैन को मुख्य आरोपी बनाया है. ताहिर हुसैन के अलावा जिन्हें आरोपी बनाया गया है उनमें मोहम्मद परवेज अहमद, मोहम्मद इलियास, खालिद सैफी, शादाब अहमद, नताशा नरवाल, देवांगन कलीता, तसलीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद सलीम खान और अतहर खान के नाम शामिल हैं. बता दें कि दिल्ली दंगों में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और काफी लोग घायल हुए थे.

नई दिल्ली: दिल्ली दंगों में साजिश रचने के आरोपी ताहिर हुसैन और उमर खालिद समेत यूएपीए के सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत 19 जनवरी तक बढ़ा दी गई है. आज सभी आरोपियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत की कोर्ट में पेश किया गया.


उमर खालिद ने चार्जशीट की सॉफ्ट कॉपी मांगी
सुनवाई के दौरान उमर खालिद की ओर से वकील त्रिदीप पायस ने चार्जशीट की सॉफ्ट कॉपी जेल में उपलब्ध कराने के लिए याचिका दायर की है. उनकी इस मांग का स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर अमित प्रसाद ने विरोध नहीं किया. उन्होंने कहा कि ऐसी सुविधा सभी जेलों में आरोपियों के लिए की जा सकती है. बीते 22 दिसंबर को एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत आज तक बढ़ाई थी. सुनवाई के दौरान उमर खालिद ने कहा था कि उसे चार्जशीट की प्रति उपलब्ध नहीं कराई गई. इस पर कोर्ट ने उमर खालिद से कहा कि चार्जशीट की सॉफ्ट प्रति उसके वकील को सौंप दी गई है. हाईकोर्ट ने इसकी प्रिंटेड कॉपी देने के आदेश पर रोक लगा रखी है. कोर्ट ने उमर खालिद के वकील त्रिदिप पायस को निर्देश दिया था कि वो चार्जशीट की सॉफ्ट कॉपी उमर खालिद को जेल में उपलब्ध कराने के लिए आवेदन दाखिल करें. कोर्ट ने आसिफ इकबाल के वकील को भी ऐसा ही आवेदन दाखिल करने का निर्देश दिया.


कोर्ट ने दिया था सॉफ्ट कॉपी उपलब्ध कराने का आदेश
पिछले 28 नवंबर को कोर्ट ने उमर खालिद को चार्जशीट की सॉफ्ट कॉपी उपलब्ध कराने का आदेश दिया था. एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने कोर्ट के कर्मचारी को निर्देश दिया था कि वो उमर खालिद के वकील को तत्काल पेन ड्राईव में चार्जशीट की प्रति सौंपें. उमर खालिद ने कोर्ट से चार्जशीट की प्रति उपलब्ध कराने की मांग करते हुए कहा था कि अखबारों और न्यूज चैनलों में उसे उद्धृत करते हुए चार्जशीट के बारे में खबरें चलाई जा रही हैं लेकिन उसे खुद पता नहीं कि चार्जशीट में क्या है.

ये भी पढ़ें- दिल्ली: वकील महमूद प्राचा के दफ्तर पर छापे के मामले पर सुनवाई आज


किन धाराओं के तहत लगे हैं आरोप
पिछले 24 नवंबर को कोर्ट ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ 22 नवंबर को पूरक चार्जशीट दाखिल की थी. पूरक चार्जशीट में स्पेशल सेल ने यूएपीए की धारा 13, 16, 17 और 18 के अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 109, 124ए, 147, 148, 149, 153ए, 186, 201, 212, 295, 302, 307, 341, 353, 395, 419, 420, 427, 435, 436, 452, 454, 468, 471 और 43 के अलावा आर्म्स एक्ट की धारा 25 और 27 और प्रिवेंशन आफ डेमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट की धारा 3 और 4 के तहत आरोप लगाए गए हैं.


चार्जशीट में दिया गया व्हाट्स ऐप चैट का हवाला
पिछले 17 सितंबर को कोर्ट ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान को छोड़कर 15 आरोपियों के खिलाफ दायर चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. चार्जशीट में 24 फरवरी के व्हाट्स ऐप चैट का हवाला दिया गया है. जिस दिन उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगों की शुरुआत हुई थी. उस समय मुख्य साजिशकर्ता जमीनी कार्यकर्ताओं को दिशा-निर्देश जारी कर रहे थे. साजिशकर्ताओं ने व्हाट्स ऐप के जरिये सीलमपुर और जाफराबाद में हिंसा को भड़काने का काम किया था. 25 स्थानों पर विरोध प्रदर्शनों के लिए 25 व्हाट्स ऐप ग्रुप बनाए गए थे. ये साजिशकर्ता जताने की कोशिश कर रहे थे कि वे नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में होनेवाले प्रदर्शनों के ग्रुप हैं. लेकिन इन ग्रुप के जरिये वे हिंसा को भड़काने के लिए लोगों को उकसा रहे थे.


ताहिर हुसैन है मुख्य आरोपी
स्पेशल सेल ने ताहिर हुसैन को मुख्य आरोपी बनाया है. ताहिर हुसैन के अलावा जिन्हें आरोपी बनाया गया है उनमें मोहम्मद परवेज अहमद, मोहम्मद इलियास, खालिद सैफी, शादाब अहमद, नताशा नरवाल, देवांगन कलीता, तसलीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद सलीम खान और अतहर खान के नाम शामिल हैं. बता दें कि दिल्ली दंगों में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और काफी लोग घायल हुए थे.

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