नई दिल्ली: जेएनयू में नए हॉस्टल मैन्युअल को लेकर छात्रों का प्रदर्शन जारी है. छात्रों का कहना है कि मेस के सुरक्षा शुल्क में लगभग दोगुना और छात्रावास के किराए में करीब 30 गुना बढ़ोतरी किए जाने से उन्हें खासी परेशानी हो रही है.
बता दें कि जेएनयू में पढ़ रहे कई छात्र ऐसे हैं जो ट्यूशन पढ़ाकर जैसे-तैसे अपना दैनिक खर्चा निकालते हैं. ऐसे में बढ़ी हुई फीस उनके लिए परेशानी का सबब बन चुकी है, जिसे वापस लेने की मांग को लेकर छात्र लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं.
छात्र जता रहे हैं नाराजगी
वहीं हॉस्टल मैनुअल को लेकर विरोध कर रहे छात्रों का कहना है कि वो आर्थिक तौर पर इतने सक्षम नहीं की 30 गुना से ज्यादा तक बढ़ाई गई फीस का भुगतान कर सकें. छात्रों का कहना है कि वह बहुत ही साधारण पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखते हैं और जैसे तैसे कर अपने रोजमर्रा के खर्चे को निकाल कर अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे हैं.
किसी के अभिभावक किसान हैं तो किसी के कबाड़ बेचकर गुजर बसर करते हैं. ऐसे में जेएनयू प्रशासन द्वारा फीस बढ़ा देने से इन छात्रों की मुश्किलें काफी बढ़ गई है. वहीं जेएनयू में पढ़ रहे छात्रों ने कहा कि वो साधारण किसान परिवार से आए हैं.
साथ ही बड़े-बड़े विश्वविद्यालयों की फीस नहीं भर पाने के चलते जेएनयू में पढ़ाई की उम्मीद लगाकर यहां दाखिला लेकर पढ़ाई कर रहे थे लेकिन अब जेएनयू प्रशासन ने भी विश्वविद्यालय में निजीकरण का माहौल बना दिया है और छात्रावास के किराए से लेकर सिक्योरिटी फीस तक में कई गुना इजाफा कर दिया है. प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि उन्हें अब यह डर सताने लगा है कि वे आगे अपनी पढ़ाई कैसे जारी रख पाएंगे.
करीब 30 गुना हुई है बढ़ोतरी
बता दें कि जेएनयू छात्रावास के किराए में लगभग 30 गुना बढ़ोतरी की गई है जिसके तहत छात्रावास के एकल कमरे का किराया 20 रुपये से बढ़ाकर 600 रुपये और डबल कमरे का किराया 10 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये प्रति छात्र कर दिया गया है.
वहीं मेस के सुरक्षा शुल्क में भी लगभग दुगनी बढ़ोतरी हुई है. जिसके तहत जहां पहले छात्र 5500 रुपये जमा करते थे वहां अब उन्हें 12000 रुपए देने होंगे. इसके अलावा अतिरिक्त सेवा शुल्क के रूप में छात्रों से अब हर महीने 1700 रुपये वसूले जाएंगे जबकि पहले छात्रों को इसके लिए कोई शुल्क नहीं देना होता था.