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बांके बिहारी का दर्शन करना होगा आसान, 700 करोड़ से बनेगा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे - Construction of Green Field Expressway

यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) यमुना एक्सप्रेस वे से बांके बिहारी मंदिर को सीधे जोड़ने के लिए ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे(Construction of Green Field Expressway) का निर्माण किया जा रहा है, जो 100 मीटर चौड़ा होगा. 900 हेक्टेयर भूमि पर इसको तैयार किया जाएगा, जिसकी लागत लगभग साढ़े 7000 करोड़ आएगी.

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Published : Dec 22, 2022, 3:36 PM IST

Updated : Dec 22, 2022, 3:46 PM IST

यीडा के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: मथुरा-वृंदावन भारतीय संस्कृति का एक बड़ा केंद्र है. यमुना प्राधिकरण ने यहां पर एक हेरिटेज कॉरीडोर बनाने की योजना को मंजूरी दी है, जिसे 12 सौ हेक्टेयर क्षेत्र में बनाया जा रहा है. यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) यमुना एक्सप्रेस वे से बांके बिहारी मंदिर को सीधे जोड़ने के लिए ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे बनाया जा रहा है जो 100 मीटर चौड़ा होगा. इस कॉरिडोर को बन जाने से बांके बिहारी जाने वाले श्रद्धालुओं को काफी सहूलियत होगी. कॉरिडोर पर पार्किंग की भी व्यवस्था की गई है.


यीडा के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि इस ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे के किनारे अपने कल्चरल हेरिटेज मथुरा के ब्रिज क्षेत्र को दिखाने के लिए एक पूरा एरिया विकसित किया जा रहा है. वृंदावन और मथुरा से जुड़ी हुई हमारी सांस्कृतिक, दार्शनिक धरोहर है, उसे पुनर्जीवित करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने बताया कि मथुरा में यमुना प्राधिकरण का एक अर्बन नोट स्वीकृत हुआ है उस को राया अर्बन नोट कहते हैं, जिसके अनुसार वहां पर एक हेरिटेज कॉरिडोर बनाने की योजना है. एक्सप्रेस वे का खर्चा प्राधिकरण वहन करेगा और जो पीपीपी डेवलपर होगा. इसके लिए जमीन प्रदेश सरकार उपलब्ध कराएगी यमुना एक्सप्रेस वे से बांके बिहारी मंदिर को सीधे जोड़ने के लिए छह किमी लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे बनेगा.

तिहाड़ के पूर्व डीजी संदीप गोयल सस्पेंड, हो सकते हैं गिरफ्तार, जानें पूरा मामला


ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे के किनारे म्यूजियम के साथ-साथ द्वापर काल जो गांव जैसे नंदगांव, बरसाना, गोकुल भी विकसित किये जाएंगे जो श्रीकृष्ण के जीवन की झलकियां दर्शाएंगे. वृंदावन को तालाबों का शहर भी कहा जाता है. यहां विभिन्न प्रकार के तलाब विकसित किये जाएंगे. सड़क के किनारे होने की वजह से लोग इसे पैदल भी जा कर देख सकेंगे. इसका मकसद भारतीय संस्कृति को लोगों तक पहुंचाना है.

यमुना प्राधिकरण के सीईओ डा. अरुणवीर सिंह ने बताया कि इसके अलावा रिवर फ्रंट डेवलपमेंट का कांसेप्ट है. इसके साथ ही कथा वाचनालय केंद्र भी बनेंगे जहां पर जाकर कोई भी भागवत कथा सुन सकेगा. यह ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे पहले बांके बिहारी मंदिर को और फिर इसी एक्सप्रेस देश से एक मार्ग निकालकर द्वारकाधीश मंदिर को जोड़ा जाएगा. इस कॉरिडोर के बन जाने से श्रद्धालु आसानी से मंदिर पहुंच सकेंगे. भीड़भाड़ वाले रास्ते से अलग यह कॉरिडोर सीधा यमुना एक्सप्रेस वे मंदिर तक बनाया जाएगा। लोगों को वृंदावन पहुंचना बहुत आसान हो जाएगा. इससे पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने में आसानी होगी.

पार्किंग की समस्या से श्रद्धालुओं को मिलेगी निजात
यहां पार्किंग के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं. मथुरा वृंदावन में वाहनों के पार्किंग की भारी समस्या है. उसको दूर करने के लिए एक विशाल पार्किंग स्थल बनाया जा रहा है.

ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे को बनाने में आएगी 700 करोड़ की लागत
डा. अरुणवीर सिंह ने कहा कि ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे को 6 किलोमीटर की रेडियस में बनाया जाएगा. 900 हेक्टेयर की जमीन पर यह बनेगा, जिसकी लागत लगभग साढ़े 7000 करोड़ आएगी.

यीडा के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: मथुरा-वृंदावन भारतीय संस्कृति का एक बड़ा केंद्र है. यमुना प्राधिकरण ने यहां पर एक हेरिटेज कॉरीडोर बनाने की योजना को मंजूरी दी है, जिसे 12 सौ हेक्टेयर क्षेत्र में बनाया जा रहा है. यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) यमुना एक्सप्रेस वे से बांके बिहारी मंदिर को सीधे जोड़ने के लिए ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे बनाया जा रहा है जो 100 मीटर चौड़ा होगा. इस कॉरिडोर को बन जाने से बांके बिहारी जाने वाले श्रद्धालुओं को काफी सहूलियत होगी. कॉरिडोर पर पार्किंग की भी व्यवस्था की गई है.


यीडा के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि इस ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे के किनारे अपने कल्चरल हेरिटेज मथुरा के ब्रिज क्षेत्र को दिखाने के लिए एक पूरा एरिया विकसित किया जा रहा है. वृंदावन और मथुरा से जुड़ी हुई हमारी सांस्कृतिक, दार्शनिक धरोहर है, उसे पुनर्जीवित करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने बताया कि मथुरा में यमुना प्राधिकरण का एक अर्बन नोट स्वीकृत हुआ है उस को राया अर्बन नोट कहते हैं, जिसके अनुसार वहां पर एक हेरिटेज कॉरिडोर बनाने की योजना है. एक्सप्रेस वे का खर्चा प्राधिकरण वहन करेगा और जो पीपीपी डेवलपर होगा. इसके लिए जमीन प्रदेश सरकार उपलब्ध कराएगी यमुना एक्सप्रेस वे से बांके बिहारी मंदिर को सीधे जोड़ने के लिए छह किमी लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे बनेगा.

तिहाड़ के पूर्व डीजी संदीप गोयल सस्पेंड, हो सकते हैं गिरफ्तार, जानें पूरा मामला


ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे के किनारे म्यूजियम के साथ-साथ द्वापर काल जो गांव जैसे नंदगांव, बरसाना, गोकुल भी विकसित किये जाएंगे जो श्रीकृष्ण के जीवन की झलकियां दर्शाएंगे. वृंदावन को तालाबों का शहर भी कहा जाता है. यहां विभिन्न प्रकार के तलाब विकसित किये जाएंगे. सड़क के किनारे होने की वजह से लोग इसे पैदल भी जा कर देख सकेंगे. इसका मकसद भारतीय संस्कृति को लोगों तक पहुंचाना है.

यमुना प्राधिकरण के सीईओ डा. अरुणवीर सिंह ने बताया कि इसके अलावा रिवर फ्रंट डेवलपमेंट का कांसेप्ट है. इसके साथ ही कथा वाचनालय केंद्र भी बनेंगे जहां पर जाकर कोई भी भागवत कथा सुन सकेगा. यह ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे पहले बांके बिहारी मंदिर को और फिर इसी एक्सप्रेस देश से एक मार्ग निकालकर द्वारकाधीश मंदिर को जोड़ा जाएगा. इस कॉरिडोर के बन जाने से श्रद्धालु आसानी से मंदिर पहुंच सकेंगे. भीड़भाड़ वाले रास्ते से अलग यह कॉरिडोर सीधा यमुना एक्सप्रेस वे मंदिर तक बनाया जाएगा। लोगों को वृंदावन पहुंचना बहुत आसान हो जाएगा. इससे पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने में आसानी होगी.

पार्किंग की समस्या से श्रद्धालुओं को मिलेगी निजात
यहां पार्किंग के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं. मथुरा वृंदावन में वाहनों के पार्किंग की भारी समस्या है. उसको दूर करने के लिए एक विशाल पार्किंग स्थल बनाया जा रहा है.

ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे को बनाने में आएगी 700 करोड़ की लागत
डा. अरुणवीर सिंह ने कहा कि ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे को 6 किलोमीटर की रेडियस में बनाया जाएगा. 900 हेक्टेयर की जमीन पर यह बनेगा, जिसकी लागत लगभग साढ़े 7000 करोड़ आएगी.

Last Updated : Dec 22, 2022, 3:46 PM IST
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