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सीजेआई की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका खारिज, याचिकाकर्ता पर एक लाख का जुर्माना

भारत के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज (High court dismissed petitiont) करते हुए याचिकाकर्ता पर लगाया एक लाख का जुर्माना लगाया है.

High court dismissed petition
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Published : Nov 11, 2022, 1:55 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश (Supreme Court judge) न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की भारत के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India Justice DY Chandrachud) के रूप में नियुक्ति को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका (Public interest litigation) को खारिज कर दिया है. मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने याचिकाकर्ता पर एक लाख का जुर्माना भी लगाया. यह देखते हुए कि याचिका एक जनहित याचिका नहीं थी, बल्कि केवल पब्लिसिटी पाने का प्रयास था.

याचिका ग्राम उदय फाउंडेशन नामक संस्था (Organization Called Gram Uday Foundation) के अध्यक्ष संजीव कुमार तिवारी ने दायर की थी. अदालत ने कहा, "वर्तमान याचिका केवल प्रचार हासिल करने के लिए दायर की गई है, जिसमें कोई सामग्री नहीं है." पिछले हफ्ते ही सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भी जस्टिस चंद्रचूड़ की सीजेआई के रूप में नियुक्ति के खिलाफ इसी तरह की एक याचिका को खारिज कर दिया था.

ये भी पढ़ें: SC ने दिल्ली-केंद्र के बीच विवादों से संबंधित मामले में किसी भी तरह की याचिका दायर करने पर रोक लगाई

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने 9 नवंबर (बुधवार) को भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली. भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में उन्हें पद की शपथ दिलाई. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने पूर्व सीजेआई यूयू ललित का स्थान लिया, जो 8 नवंबर (मंगलवार) को कार्यालय से सेवानिवृत्त हुए थे.

गौरतलब है कि याचिकाकर्ता संजीव कुमार तिवारी ने जनहित याचिका में तर्क दिया कि जस्टिस चंद्रचूड़ की नियुक्ति संविधान के प्रावधानों के उल्लंघन में की गई है. उन्होंने जस्टिस चंद्रचूड़ की नियुक्ति पर तत्काल रोक लगाने की प्रार्थना की थी.

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नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश (Supreme Court judge) न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की भारत के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India Justice DY Chandrachud) के रूप में नियुक्ति को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका (Public interest litigation) को खारिज कर दिया है. मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने याचिकाकर्ता पर एक लाख का जुर्माना भी लगाया. यह देखते हुए कि याचिका एक जनहित याचिका नहीं थी, बल्कि केवल पब्लिसिटी पाने का प्रयास था.

याचिका ग्राम उदय फाउंडेशन नामक संस्था (Organization Called Gram Uday Foundation) के अध्यक्ष संजीव कुमार तिवारी ने दायर की थी. अदालत ने कहा, "वर्तमान याचिका केवल प्रचार हासिल करने के लिए दायर की गई है, जिसमें कोई सामग्री नहीं है." पिछले हफ्ते ही सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भी जस्टिस चंद्रचूड़ की सीजेआई के रूप में नियुक्ति के खिलाफ इसी तरह की एक याचिका को खारिज कर दिया था.

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जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने 9 नवंबर (बुधवार) को भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली. भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में उन्हें पद की शपथ दिलाई. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने पूर्व सीजेआई यूयू ललित का स्थान लिया, जो 8 नवंबर (मंगलवार) को कार्यालय से सेवानिवृत्त हुए थे.

गौरतलब है कि याचिकाकर्ता संजीव कुमार तिवारी ने जनहित याचिका में तर्क दिया कि जस्टिस चंद्रचूड़ की नियुक्ति संविधान के प्रावधानों के उल्लंघन में की गई है. उन्होंने जस्टिस चंद्रचूड़ की नियुक्ति पर तत्काल रोक लगाने की प्रार्थना की थी.

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