नई दिल्ली: 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान पुल बंगश हत्याकांड से संबंधित एक मामले में आरोपित कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ आरोप तय करने को लेकर होने वाली बहस 11 सितंबर तक टल गई. बुधवार दोपहर करीब पौने तीन बजे हुई सुनवाई के दौरान टाइटलर के वकील मनु शर्मा ने एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) विधि गुप्ता आनंद को बताया कि उन्हें अभी तक सीबीआई द्वारा मामले से संबंधित सारे दस्तावेज नहीं मिले हैं. दस्तावेज उपलब्ध कराने को लेकर सीबीआई ने जो जवाब दिया है वह जवाब भी पर्याप्त नहीं हैं. इस पर एसीएमएम ने सीबीआई द्वारा मुकदमे से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने के बिंदु पर बहस करने के लिए मामले की सुनवाई 11 सितंबर तक के लिए टाल दी.
इससे पहले हुई सुनवाई के दौरान सीबीआई ने टाइटलर द्वारा मांगे गए मुकदमे से संबंधित पुराने दस्तावेजों की कॉपी उपलब्ध कराने के लिए कोर्ट से समय मांगा था. इस पर मजिस्ट्रेट ने मामले को एक सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया था. बता दें, टाइटलर को सेशन कोर्ट ने चार अगस्त को एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत पर अग्रिम जमानत दे दी थी. अदालत ने उन पर कुछ शर्तें भी लगाईं, जिनमें यह भी शामिल है कि वह मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे या बिना अनुमति के देश नहीं छोड़ेंगे.
मजिस्ट्रेट अदालत ने 26 जुलाई को मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर संज्ञान लेने के बाद पांच अगस्त को टाइटलर को तलब किया था, जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री को पहली बार आरोपी के रूप में नामित किया गया था. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या के एक दिन बाद एक नवंबर 1984 को दिल्ली के पुल बंगश इलाके में तीन लोगों की हत्या कर दी गई थी और एक गुरुद्वारे में आग लगा दी गई थी. टाइटलर इसी मामले में आरोपित हैं.
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